भोपाल। मध्य प्रदेश की दो विधानसभा सीटों जौरा और आगर में होने वाले उपचुनाव का ऐलान हो गया है. दोनों चुनावों को लेकर कांग्रेस ने मैदानी तैयारी शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री कमलनाथ दोनों सीटों पर प्रत्याशी के चयन के लिए सर्वे करा रही हैं. उधर उपचुनावों के पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. हालांकि सरकार में सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने दो टूक कहा है कि उनकी नाराजगी से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. पार्टी किसी एक नेता की वजह से नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं की वजह से चलती है.
हालांकि दोनों ही सीटों पर चुनाव के लिए अभी करीब 4 महीने का वक्त है. कांग्रेस झाबुआ और छिंदवाड़ा की तरह इंदौर उपचुनाव में भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. माना जा रहा है कि झाबुआ पैटर्न पर ही इन दोनों सीटों पर भी पार्टी जमावट करेगी. आगर में प्रभारी मंत्री जयवर्धन सिंह ने चुनावी तैयारियों की शुरुआत पहले ही कर दी है. इसी तरह मुरैना में भी कांग्रेस ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं. मुरैना की जौरा विधानसभा सीट कांग्रेस ने बीजेपी से 10 साल बाद अपने कब्जे में वापस ली थी.
विधानसभा उप चुनाव के पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा सरकार के खिलाफ खुलकर सामने आने और बयानबाजी करने से पार्टी चिंतित दिखाई दे रही है. खासतौर से मुरैना की जौरा विधानसभा क्षेत्र सिंधिया का प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है. हालांकि जब इसको लेकर सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सिंधिया की नाराजगी का उपचुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
आगर सीट से बीजेपी के विधायक मनोहर ऊंटवाल के निधन के बाद ये सीट खाली हुई है. वहीं जौरा से विधायक बनवारी लाल शर्मा का 21 दिसंबर 2019 को निधन हो गया था, जिसके बाद सीट पर उपचुनाव कराने की स्थिति बनी है.