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प्रदेश के कर्मचारियों ने कोरोना पर लिया फैसला, मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करेंगे एक दिन का वेतन

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Published : Mar 30, 2020, 10:13 PM IST

Updated : Mar 30, 2020, 11:02 PM IST

कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए मध्य प्रदेश के लाखों तृतीय वर्ग कर्मचारी एक दिन का अपना वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करेंगे. इसके अलावा कोरोना पीड़ितों की हर प्रकार सहायता करने के लिए तैयार रहेंगे.

Millions of employees decided on Corona
लाखों कर्मचारियों ने कोरोना को लेकर लिया निर्णय

भोपाल। प्रदेश के लाखों कर्मचारी एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करेंगे. मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर प्रत्येक जिला अध्यक्ष से सहमति ली है.

लाखों कर्मचारियों ने कोरोना को लेकर लिया निर्णय

मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओपी कटियार और महामंत्री लक्ष्मी नारायण शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के आह्वान पर प्रदेश के लाखों तृतीय वर्ग कर्मचारी कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार को मदद करने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में अपना एक दिन का वेतन जमा करेंगे. इसके लिए सभी जिला अध्यक्षों से आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात की गई और इस बात की सहमति दी गई कि इस संकट की घड़ी में प्रदेश का प्रत्येक कर्मचारी मध्य प्रदेश सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा. प्रदेश के कर्मचारियों से जिस प्रकार के सहयोग की आवश्यकता होगी, उसे भी करने के लिए तत्पर रहेंगे.

मध्य प्रदेश में तृतीय वर्ग श्रेणी के करीब साढे 4 लाख कर्मचारी हैं और उनके एक दिन का वेतन करीब 1000 रूपए होता है. इस हिसाब से यह सहायता राशि 450 करोड़ रुपए होगी.

भोपाल। प्रदेश के लाखों कर्मचारी एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करेंगे. मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर प्रत्येक जिला अध्यक्ष से सहमति ली है.

लाखों कर्मचारियों ने कोरोना को लेकर लिया निर्णय

मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष ओपी कटियार और महामंत्री लक्ष्मी नारायण शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के आह्वान पर प्रदेश के लाखों तृतीय वर्ग कर्मचारी कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार को मदद करने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में अपना एक दिन का वेतन जमा करेंगे. इसके लिए सभी जिला अध्यक्षों से आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात की गई और इस बात की सहमति दी गई कि इस संकट की घड़ी में प्रदेश का प्रत्येक कर्मचारी मध्य प्रदेश सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा. प्रदेश के कर्मचारियों से जिस प्रकार के सहयोग की आवश्यकता होगी, उसे भी करने के लिए तत्पर रहेंगे.

मध्य प्रदेश में तृतीय वर्ग श्रेणी के करीब साढे 4 लाख कर्मचारी हैं और उनके एक दिन का वेतन करीब 1000 रूपए होता है. इस हिसाब से यह सहायता राशि 450 करोड़ रुपए होगी.

Last Updated : Mar 30, 2020, 11:02 PM IST
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