भोपाल। प्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव के बाद अब बीजेपी अपने मूल कार्यों पर ध्यान दे रही है. बीजेपी अपने आजीवन सहयोग निधि के कलेक्शन पर फोकस कर रही है. जिसको लेकर बीजेपी ने 19 नवंबर को सभी जिला अध्यक्षों को हिसाब किताब लेकर भोपाल बुलाया गया है.
भारतीय जनता पार्टी ने आजीवन सहयोग निधि को लेकर सभी जिला प्रभारियों को दी थी. कोरोना संक्रमण के चलते बीच में आजीवन सहयोग निधि अभियान की गति धीमी पड़ गई थी और उसके बाद प्रदेश में 28 सीटों पर हो रहे हो चुनाव को लेकर भी बीजेपी सहयोग निधि इकट्ठा करने में पिछड़ गई थी.
प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी का कहना है कि आजीवन सहयोग निधि को लेकर 19 नवंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक रखी गई है. जिसमें सभी जिला प्रभारियों को अपना हिसाब किताब लेकर बुलाया गया है. कोरोना संक्रमण और उपचुनाव के चलते बीच में आजीवन सहयोग निधि पर काम नहीं कर कर पाए थे, लेकिन अब सभी जिला प्रभारियों से हिसाब और बही खाते का हिसाब लिया जाएगा.
क्या है आजीवन सहयोग निधि
पिछली बार बीजेपी का आजीवन सहयोग निधि को लेकर 11 करोड़ का लक्ष्य का था और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि 11 फरवरी से आजीवन सहयोग निधि अभियान का शुभारंभ किया गया था. बीजेपी अपनी पार्टी के खर्चे चलाने के लिए आजीवन सहयोग निधि के तौर पर राशि इकट्ठा करती है और हर साल आजीवन सहयोग निधि के लिए सभी जिलों में प्रभारी नियुक्त किए जाते हैं. आजीवन सहयोग निधि के रूप में बीजेपी 1 हजार, 2 हजार, 5 हजार, 10 हजार, 20 हजार रुपये व्यक्ति स्वेक्षानुसार राशि जमा करातें हैं.