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Mauni Amavasya 2023 ऐसा दुर्लभ संयोग 30 साल बाद बना, क्या करें जिससे जीवन में आए बहार - शनिवार मौनी अमावस्या

हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है. ये महीना माघ का है. इस बार मौनी अमावस्या शनिवार को पड़ रही है. ऐसा विशेष संयोग 30 साल बाद आ रहा है. इसलिए लोगों को इस दिन का भरपूर लाभ उठाना चाहिए. ये खास मौका भगवान शनिदेव को मनाने का भी है. आइए जानते हैं कि इस खास दिन पर आप कैसे अपने गृह नक्षत्रों को अपने अनुकूल कर सकते हैं. इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं.

Mauni Amavasya 2023
मौनी अमावस्या का विशेष महत्व
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Published : Jan 20, 2023, 7:52 PM IST

भोपाल। माघ के महीने में शनिवार और भी मौनी अमावस्या के दिन. ऐसा विशेष संयोग जो 21 जनवरी को है. इसे ज्योतिषाचार्य बहुत ही शुभ दिन, फलदाई भाग्य उदय करने वाला दिन बताते हैं. पंडितों का कहना है कि इस विशेष दिन अलग-अलग उपाय करके जातक अपने भाग्य का उदय, शनिदेव को प्रसन्न और कालसर्प दोष को नष्ट कर सकते हैं. साथ ही उनका कहना है कि इस बार मौनी अमावस्या में जो विशेष संयोग बन रहा है, वो कई सालों बाद आया है. इस बार ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका फायदा उठाना चाहिए.

ये है शुभ मुहूर्त : ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि खास बात ये है कि इस विशेष दिन स्नान, दान, श्राद्ध करें. पितरों को याद करें. इससे विशेष लाभ होता है. ये बहुत शुभ अमावस्या मानी जाती है. मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त शुक्रवार को शाम 5 बजकर 9 मिनट से शुरू होगा जो शनिवार रात 2 बजकर 49 मिनट तक रहेगा. इस दिन कंबल, तिल का दान करें. पितरों को याद करें या कोई भी गरीब, दिव्यांग को दान करें, जिससे शनिदेव प्रसन्न होंगे. जब शनिवार के साथ मौनी अमावस्या हो तो फिर ये सब करने से पुण्य लाभ और भी बढ़ जाता है.

शनिदेव को करें प्रसन्न : ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि माघ का महीना है और दूसरा शनिवार का दिन पड़ रहा है. इसलिए भी ये बहुत शुभ मानी जाती है. मौनी अमावस्या के दिन शनिदेव की विशेष पूजा पाठ की जाती है. विशेष दान पुण्य करने से स्नान करने से शनिदेव को तो प्रसन्न किया जा सकता है. साथ ही जिन राशियों में शनि की दशा चल रही है, उन राशि के जातकों को भी राहत मिलेगी, फायदा मिलेगा. साथ ही जिन राशियों में शनि की साढ़े साती चल रही है उन्हें भी बहुत कुछ आराम मिलेगा. शनिदेव जब प्रसन्न होंगे तो उनके लिए भी बेहतर समय आएगा. मौनी अमावस्या के दिन कालसर्प दोष को भी नष्ट किया जा सकता है.

माघ अमावस्‍या पर दुर्लभ संयोग : ढाई साल में राशि परिवर्तन करने वाले शनि देव 30 साल बाद गोचर करके अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में पहुंचे हैं. 21 जनवरी को मौनी अमावस्‍या के दिन शनि कुंभ राशि में रहेंगे. पंडित बताते हैं कि ऐसा संयोग 30 साल के बाद बना है. उस पर माघ महीने की मौनी अमावस्‍या शनिवार के दिन पड़ रही है. ऐसे में इस दिन मौन रहकर स्‍नान करने से हजार गुना ज्‍यादा पुण्‍य मिलेगा. साथ ही कुछ चीजों का दान शनि देव की विशेष कृपा भी दिलाएगा. इससे जीवन में तरक्‍की मिलने, धन आने के रास्‍ते खुलेंगे.

मौनी अमावस्या को करें तिल और कंबल का दान, पितर होते हैं प्रसन्न

भाग्य बदलना है तो इन चीजों का दान करें : मौनी अमावस्‍या के दिन हो सके तो गंगा स्‍नान जरूर करें. यदि ऐसा संभव नहीं है तो घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्‍नान करें. इससे बहुत अक्षय पुण्‍य प्राप्‍त होता है. साथ ही स्‍नान के बाद गरीब, जरूरतमंदों को दान जरूर दें. गंगा स्‍नान के बाद गरम कपड़े, कंबल, तेल, काली तिल, सरसों के तेल का दान करने से शनि दोष दूर होता है. शनि देव प्रसन्‍न होते हैं. खासतौर पर जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही है, उन्‍हें शनि से मिल रहे कष्‍टों से राहत मिलती है. गंगा स्‍नान और दान के बाद शनि से पीड़ित लोगों को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का चौमुखा दीपक जलाना चाहिए. मौनी अमावस्‍या के दिन पितरों के निमित्‍त तर्पण-श्राद्ध करें और सामर्थ्‍य के अनुसार ब्राह्मणों और गरीबों को दान जरूर दें. इससे पितृ दोष दूर होता है.

भोपाल। माघ के महीने में शनिवार और भी मौनी अमावस्या के दिन. ऐसा विशेष संयोग जो 21 जनवरी को है. इसे ज्योतिषाचार्य बहुत ही शुभ दिन, फलदाई भाग्य उदय करने वाला दिन बताते हैं. पंडितों का कहना है कि इस विशेष दिन अलग-अलग उपाय करके जातक अपने भाग्य का उदय, शनिदेव को प्रसन्न और कालसर्प दोष को नष्ट कर सकते हैं. साथ ही उनका कहना है कि इस बार मौनी अमावस्या में जो विशेष संयोग बन रहा है, वो कई सालों बाद आया है. इस बार ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका फायदा उठाना चाहिए.

ये है शुभ मुहूर्त : ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि खास बात ये है कि इस विशेष दिन स्नान, दान, श्राद्ध करें. पितरों को याद करें. इससे विशेष लाभ होता है. ये बहुत शुभ अमावस्या मानी जाती है. मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त शुक्रवार को शाम 5 बजकर 9 मिनट से शुरू होगा जो शनिवार रात 2 बजकर 49 मिनट तक रहेगा. इस दिन कंबल, तिल का दान करें. पितरों को याद करें या कोई भी गरीब, दिव्यांग को दान करें, जिससे शनिदेव प्रसन्न होंगे. जब शनिवार के साथ मौनी अमावस्या हो तो फिर ये सब करने से पुण्य लाभ और भी बढ़ जाता है.

शनिदेव को करें प्रसन्न : ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि माघ का महीना है और दूसरा शनिवार का दिन पड़ रहा है. इसलिए भी ये बहुत शुभ मानी जाती है. मौनी अमावस्या के दिन शनिदेव की विशेष पूजा पाठ की जाती है. विशेष दान पुण्य करने से स्नान करने से शनिदेव को तो प्रसन्न किया जा सकता है. साथ ही जिन राशियों में शनि की दशा चल रही है, उन राशि के जातकों को भी राहत मिलेगी, फायदा मिलेगा. साथ ही जिन राशियों में शनि की साढ़े साती चल रही है उन्हें भी बहुत कुछ आराम मिलेगा. शनिदेव जब प्रसन्न होंगे तो उनके लिए भी बेहतर समय आएगा. मौनी अमावस्या के दिन कालसर्प दोष को भी नष्ट किया जा सकता है.

माघ अमावस्‍या पर दुर्लभ संयोग : ढाई साल में राशि परिवर्तन करने वाले शनि देव 30 साल बाद गोचर करके अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में पहुंचे हैं. 21 जनवरी को मौनी अमावस्‍या के दिन शनि कुंभ राशि में रहेंगे. पंडित बताते हैं कि ऐसा संयोग 30 साल के बाद बना है. उस पर माघ महीने की मौनी अमावस्‍या शनिवार के दिन पड़ रही है. ऐसे में इस दिन मौन रहकर स्‍नान करने से हजार गुना ज्‍यादा पुण्‍य मिलेगा. साथ ही कुछ चीजों का दान शनि देव की विशेष कृपा भी दिलाएगा. इससे जीवन में तरक्‍की मिलने, धन आने के रास्‍ते खुलेंगे.

मौनी अमावस्या को करें तिल और कंबल का दान, पितर होते हैं प्रसन्न

भाग्य बदलना है तो इन चीजों का दान करें : मौनी अमावस्‍या के दिन हो सके तो गंगा स्‍नान जरूर करें. यदि ऐसा संभव नहीं है तो घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्‍नान करें. इससे बहुत अक्षय पुण्‍य प्राप्‍त होता है. साथ ही स्‍नान के बाद गरीब, जरूरतमंदों को दान जरूर दें. गंगा स्‍नान के बाद गरम कपड़े, कंबल, तेल, काली तिल, सरसों के तेल का दान करने से शनि दोष दूर होता है. शनि देव प्रसन्‍न होते हैं. खासतौर पर जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती या ढैय्या चल रही है, उन्‍हें शनि से मिल रहे कष्‍टों से राहत मिलती है. गंगा स्‍नान और दान के बाद शनि से पीड़ित लोगों को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का चौमुखा दीपक जलाना चाहिए. मौनी अमावस्‍या के दिन पितरों के निमित्‍त तर्पण-श्राद्ध करें और सामर्थ्‍य के अनुसार ब्राह्मणों और गरीबों को दान जरूर दें. इससे पितृ दोष दूर होता है.

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