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कोरोना काल का एग्जाम पर असर, UPSC-MPPSC सहित टली कईं परीक्षाएं

मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा पिछले 3 महीने में कई परीक्षाएं टाल दी गई हैं यै कैंसर कर दी गई हैं.

Madhya Pradesh Professional Examination Board
मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड
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Published : Jul 22, 2020, 2:05 PM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण की वजह से जहां लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. वहीं नौकरी की आस लगाए बैठे युवाओं के सामने भी परेशानी खड़ी हो गई है. मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा पिछले 3 माह के दौरान एक दर्जन परीक्षाओं को या तो टाल दिया गया या फिर उनकी तारीखों को आगे बढ़ा दिया गया है. ये स्थिति तब है जब इसकी वजह से सरकारी नौकरी का ख्वाब देख रहे कई युवाओं को ओवर ऐज होने का डर सता रहा है.

कोरोना काल का एग्जाम पर असर

एक दर्जन परीक्षाओं की तारीख बढ़ीं-

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में कोरोना से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 20 हजार के पार हो चुका है और एक्टिव केस की संख्या करीब 7 हजार पहुंच चुकी है. कोरोना को देखते हुए प्रदेश में शिक्षण संस्थाएं बंद हैं. वही एंट्रेंस और सिलेक्शन एग्जाम की तारीखों को लगातार टाला जा रहा है. मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा कोरोना की वजह से ग्रुप 5 रिक्रूटमेंट टेस्ट की तारीख अभी तक घोषित नहीं की गई है. इसी तरह ग्रुप 3 सब इंजीनियर ड्राफ्टमैन रिक्रूटमेंट टेस्ट, ग्रुप 2 रिक्रूटमेंट टेस्ट, कौशल विकास संचालनालय, जेल प्रहरी प्रवेश परीक्षा की संभावित तारीख में सितंबर और अक्टूबर माह में रखी गई है. इसी तरह प्री पॉलिटेक्निक टेस्ट डिप्लोमा इन एनिमल हसबेंडरी, एंट्रेंस एग्जाम टेस्ट, प्री वेटरनरी एंड फिशरीज एंट्रेंस टेस्ट, प्री एग्रीकल्चर टेस्ट और प्राइमरी स्कूल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट की तारीखों को भी टाल दिया गया है. पीईबी के पदाधिकारी ए के गुप्ता के मुताबिक कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद ही इनकी परीक्षाएं कराई जाएंगी.

यूपीएससी और एमपी पीएससी की परीक्षाएं भी अटकी-

कोरोना का असर यूपीएससी और एमपी पीएससी पर भी पड़ा है. आमतौर पर यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा मई में होती है, इसके बाद अक्टूबर में मुख्य परीक्षा और मार्च-अप्रैल में इसके इंटरव्यू होते हैं. इसके रिजल्ट मई में आते हैं, इस बार यूपीएससी 2019 के मार्च में इंटरव्यू के दौरान ही लॉकडाउन हो गया, इसकी वजह से ये नहीं हो सके. ये इंटरव्यू अब जुलाई माह के अंत में होंगे. इसी तरह अब यूपीएससी 2020 की प्रारंभिक परीक्षा अक्टूबर माह में होगी. यही स्थिति एमपी पीएससी की है. इसका अप्रैल में जारी होने वाला विज्ञापन अब तक जारी ही नहीं किया गया है. हालांकि प्रदेश की पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार द्वारा 27% आरक्षण की वजह से भी एमपी पीएससी का शेड्यूल गड़बड़ा गया है. मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है.

तारीख बढ़ने से युवा परेशान-

कोरोना की वजह से चयन परीक्षाओं की तारीखें लगातार बढ़ने से परीक्षा की तैयारी कर रहे युवा परेशान हैं. सबसे ज्यादा परेशान भी युवा हैं जो ओवर ऐज होने के नजदीक हैं. इन युवाओं के मुताबिक यदि लगातार परीक्षाओं की तारीखें टलती रहीं तो वो परीक्षा की निर्धारित आयु से ही आगे निकल जाएंगे. प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे परीक्षार्थी दिनेश चौहान के मुताबिक लगातार कोरोना की वजह से तारीख टाली जा रही है. उन्होंने सवाल किया कि जब सरकार दूसरे कॉलेजों की परीक्षाएं करा सकती है तो फिर प्रवेश परीक्षा क्यों नहीं करा सकती. परीक्षार्थी महेंद्र शर्मा ने भी जल्द से जल्द परीक्षाएं कराने की मांग की है.

प्रदेश में बढ़ रहा शिक्षित बेरोजगारों का आंकड़ा-

एक तरफ कोरोना से परीक्षाएं टल रही हैं, वहीं प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है. आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में पंजीकृत शिक्षक बेरोजगारों की संख्या 27 लाख 79 हजार हो गई है. जबकि जॉब फेयर के माध्यम से 17 हजार युवाओं और प्लेसमेंट ड्राइव के जरिए 2520 युवाओं को नौकरी दी गई है. हालांकि बेरोजगारी का ये आंकड़ा उन युवाओं का है, जिन्होंने पंजीयन कार्यालय में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है.

भोपाल। कोरोना संक्रमण की वजह से जहां लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. वहीं नौकरी की आस लगाए बैठे युवाओं के सामने भी परेशानी खड़ी हो गई है. मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा पिछले 3 माह के दौरान एक दर्जन परीक्षाओं को या तो टाल दिया गया या फिर उनकी तारीखों को आगे बढ़ा दिया गया है. ये स्थिति तब है जब इसकी वजह से सरकारी नौकरी का ख्वाब देख रहे कई युवाओं को ओवर ऐज होने का डर सता रहा है.

कोरोना काल का एग्जाम पर असर

एक दर्जन परीक्षाओं की तारीख बढ़ीं-

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में कोरोना से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 20 हजार के पार हो चुका है और एक्टिव केस की संख्या करीब 7 हजार पहुंच चुकी है. कोरोना को देखते हुए प्रदेश में शिक्षण संस्थाएं बंद हैं. वही एंट्रेंस और सिलेक्शन एग्जाम की तारीखों को लगातार टाला जा रहा है. मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा कोरोना की वजह से ग्रुप 5 रिक्रूटमेंट टेस्ट की तारीख अभी तक घोषित नहीं की गई है. इसी तरह ग्रुप 3 सब इंजीनियर ड्राफ्टमैन रिक्रूटमेंट टेस्ट, ग्रुप 2 रिक्रूटमेंट टेस्ट, कौशल विकास संचालनालय, जेल प्रहरी प्रवेश परीक्षा की संभावित तारीख में सितंबर और अक्टूबर माह में रखी गई है. इसी तरह प्री पॉलिटेक्निक टेस्ट डिप्लोमा इन एनिमल हसबेंडरी, एंट्रेंस एग्जाम टेस्ट, प्री वेटरनरी एंड फिशरीज एंट्रेंस टेस्ट, प्री एग्रीकल्चर टेस्ट और प्राइमरी स्कूल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट की तारीखों को भी टाल दिया गया है. पीईबी के पदाधिकारी ए के गुप्ता के मुताबिक कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद ही इनकी परीक्षाएं कराई जाएंगी.

यूपीएससी और एमपी पीएससी की परीक्षाएं भी अटकी-

कोरोना का असर यूपीएससी और एमपी पीएससी पर भी पड़ा है. आमतौर पर यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा मई में होती है, इसके बाद अक्टूबर में मुख्य परीक्षा और मार्च-अप्रैल में इसके इंटरव्यू होते हैं. इसके रिजल्ट मई में आते हैं, इस बार यूपीएससी 2019 के मार्च में इंटरव्यू के दौरान ही लॉकडाउन हो गया, इसकी वजह से ये नहीं हो सके. ये इंटरव्यू अब जुलाई माह के अंत में होंगे. इसी तरह अब यूपीएससी 2020 की प्रारंभिक परीक्षा अक्टूबर माह में होगी. यही स्थिति एमपी पीएससी की है. इसका अप्रैल में जारी होने वाला विज्ञापन अब तक जारी ही नहीं किया गया है. हालांकि प्रदेश की पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार द्वारा 27% आरक्षण की वजह से भी एमपी पीएससी का शेड्यूल गड़बड़ा गया है. मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है.

तारीख बढ़ने से युवा परेशान-

कोरोना की वजह से चयन परीक्षाओं की तारीखें लगातार बढ़ने से परीक्षा की तैयारी कर रहे युवा परेशान हैं. सबसे ज्यादा परेशान भी युवा हैं जो ओवर ऐज होने के नजदीक हैं. इन युवाओं के मुताबिक यदि लगातार परीक्षाओं की तारीखें टलती रहीं तो वो परीक्षा की निर्धारित आयु से ही आगे निकल जाएंगे. प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे परीक्षार्थी दिनेश चौहान के मुताबिक लगातार कोरोना की वजह से तारीख टाली जा रही है. उन्होंने सवाल किया कि जब सरकार दूसरे कॉलेजों की परीक्षाएं करा सकती है तो फिर प्रवेश परीक्षा क्यों नहीं करा सकती. परीक्षार्थी महेंद्र शर्मा ने भी जल्द से जल्द परीक्षाएं कराने की मांग की है.

प्रदेश में बढ़ रहा शिक्षित बेरोजगारों का आंकड़ा-

एक तरफ कोरोना से परीक्षाएं टल रही हैं, वहीं प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या बढ़ती जा रही है. आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में पंजीकृत शिक्षक बेरोजगारों की संख्या 27 लाख 79 हजार हो गई है. जबकि जॉब फेयर के माध्यम से 17 हजार युवाओं और प्लेसमेंट ड्राइव के जरिए 2520 युवाओं को नौकरी दी गई है. हालांकि बेरोजगारी का ये आंकड़ा उन युवाओं का है, जिन्होंने पंजीयन कार्यालय में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है.

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