छिंदवाडा. जनपद पंचायत छिंदवाड़ा की ग्राम पंचायत बोहनाखैरी में जिंदा लोगों को मृत बताकर 48 लाख रुपए के गबन का खुलासा हुआ है. इस घोटाले को अंजाम दिया है पंचायत सचिव और जनपद पंचायत के कर्मचारियों ने. इन लोगों ने एक, दो नहीं बल्कि 24 लोगों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए. इसके बाद सरकार की तरफ से कर्मकार कल्याण योजना के तहत इन लोगों के खाते में डाली गई 2 लाख रुपए की राशि निकाल ली गई. घोटाले का खुलासा होने और मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद पंचायत सचिव ने सरेंडर कर दिया है.
FIR दर्ज होने के बाद सचिव ने किया सरेंडर
मामला का खुलासा होने के बाद ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज कराई और कलेक्टर और एसपी से मिलकर उन्हें भी मामले की जानकारी दी. घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने पंचायत सचिव और रोजगार सहायक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया. इसके बाद ग्राम पंचायत सचिव राकेश चंदेल ने रविवार देर रात थाने में सरेंडर कर दिया.
सचिव ने जनपद पंचायत कर्मियों पर लगाए आरोप
सरेंडर करने से पहले पंचायत सचिव राकेश चंदेल ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए मृत्यू प्रमाण पत्र बनाने वाले पोर्टल की आईडी और पासवर्ड जनपद पंचायत के पास रहती है. सचिव ने जनपद पंचायत के 4 कर्मचारियों के नाम का खुलासा करते हुए बताया इस पूरे मामले में उन लोगों की भी मिलीभगत है. पंचायत सचिव ने खुद को बेकसूर बताते हुए कहा कि जनपद ऑफिस के रोजगार सहायक कंप्यूटर से संबंधित सभी काम ऑपरेट करते हैं इसलिए इस फर्जीवाड़े में उनकी ही मुख्य भूमिका है. सचिव का कहना है कि उसने जांच में सहयोग देने के लिए सरेंडर किया है.
खुद के जिंदा होने का सबूत देने के लिए ऑफिसों के चक्कर काट रहे हैं लोग
पंचायत सचिव राकेश चंदेल के कार्यकाल के दौरान पंचायत ऑफिस से 106 मृत्यु प्रमाण पत्र ग्राम जारी किए गए हैं. इनमें से 24 फर्जी साबित हुए हैं. जिन लोगों को कागज पर मरा घोषित किया है वे अब अपने जिंदा होने का सबूत लेकर दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. मामला सामने आने के बाद जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने कलेक्टर को मामले की जांच करने के साथ ही हरेक ग्राम पंचायत में ऐसे प्रमाण पत्रों का भौतिक सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही सभी दोषी कर्मचारियों को बर्खास्त करने के भी निर्देश दिए गए हैं.