भोपाल। महाराष्ट्र में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही मध्य प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. एक्टपर्ट का मानना है कि महाराष्ट्र में कोरोना के केस बढ़ना तीसरी लहर की दस्तक की निशानी है. इस खबर के बाद मध्य प्रदेश सरकार अलर्ट पर है. माना जाता है कि एमपी में कोरोना की दूसरी लहर महाराष्ट्र के रास्ते ही आई थी.
महाराष्ट्र में बढ़े मामले, एमपी की बढ़ी चिंता
18 जुलाई रविवार को महाराष्ट्र में कोरोना के 9 हजार नए केस सामने आए थे. मध्य प्रदेश में रविवार को कोरोना के 18 नए मामले सामने आए थे. प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या भी 219 पर पहुंच गई है. इसलिए प्रदेश में सरकार ने विशेष सतर्कता बरती जा रही है. एमपी में कोरोना की तीसरी लहर ना आए इसलिए सरकार लगातार टेस्टिंग भी कर रही है.
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दो नए वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता
इधर कोरोना के दो नए वेरिएंट ने भी सरकार की चिंता बढ़ा दी है. कोरोना के डेल्टा और लैम्बडा वेरिएंट को मूल वायरस से भी ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है. एक्सपर्ट का मानना है कि ये वेरिएंट शरीर की एंटीबॉडीज को आसानी से चकमा दे सकते हैं. कई देशों में मरीजों के एक साथ दो वेरिएंट से संक्रमित होने के मामला सामने आए है. हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह के मामले कम ही सामने आए हैं.
वैक्सीनेशन के बाद इंफेक्शन का खतरा कम
एक्सपर्ट का मानना है जिन दो वेरिएंट से एक साथ संक्रमित होने के जो मामले सामने आए थे, उनमें से किसी को भी वैक्सीन नहीं लगी थी. वैज्ञानिकों का मानना है कि टीका लगने के बाद संक्रमण का खतरा कम हो जाता है. ऐसे में फिलहाल वायरस से बचने के लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन करना और वैक्सीन लगवाना ही एकमात्र उपाय है.