भोपाल। मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर शासकीय स्कूलों की शिक्षा को खत्म कर निजी विश्वविद्यालयों को मजबूत करने का आरोप लगाया है. संगठन के अध्यक्ष रामनरेश त्रिपाठी ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि 15 जुलाई से पहले विषय अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति और पदोन्नति के पद भरे जाएं, जिससे शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ मिल सके.
- नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है, लेकिन शिक्षकों की कमी दूर नहीं की जा रही है.
- मध्यप्रदेश में करीब 92 हजार शिक्षकों की कमी है.
- 70 फीसदी विद्यालयों में प्राथमिक, माध्यमिक प्रधानाध्यापक एवं हाई स्कूल, हाई सेकेंड्री स्कूल में प्राचार्य के पद खाली हैं.
- 25 हजार शिक्षक बीएलओ, राज्य शिक्षा केंद्र, लोक शिक्षण संचनालय, जिला शिक्षा केंद्र, बीआरसी कार्यालय, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और प्रशिक्षण केंद्रों के कामों में लगे हैं.
- 10 साल में अतिथि शिक्षकों भर्ती के नियम 10 बार बदले जा चुके हैं.
- 15 साल बाद शिक्षा विभाग में तबादला नीति बनाई गई, जिससे शिक्षकों खुश है लेकिन ऑनलाइन प्रक्रिया आक्रोश भी व्याप्त है.
- एजुकेशन पोर्टल में भी करीब 90 हजार तरह की खामियां हैं.
- शिक्षक कांग्रेस के पदाधिकारियों ने मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है.