भोपाल। बीते दिनों मन्दसौर में जहरीली शराब पीने से हुई 8 लोगो की मौत के मामले में प्रदेश के कई शहरों से अवैध शराब सप्लाई करने वाले 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इनसे बड़ी मात्रा में शराब बनाने में काम आने वाला कच्चा माल और मशीनें जब्त की गई हैं. जिले के एसपी के मुताबिक जहरीली शराब की सप्लाई करने वाला यह रैकेट इंदौर, मंदसौर, रतलाम, अगर-मालवा सहित कई जिलों में अवैध शराब सप्लाई करता था. रैकेट के सदस्यों से मिली कई सौ लीटर अवैध शराब को भी नष्ट कर दिया गया है. तो क्या यह मान लिया जाए कि प्रदेश में अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ बने उम्रकैद और फांसी की सजा के कानून और अवैध शराब के सप्लायरों के बड़े रैकेट के सदस्यों की गिरफ्तारी से प्रदेश में अब अवैध शराब का कारोबार रुक जाएगा. अभी शायद यह कहना जल्दबाजी होगी.
बीते 15 महीने में सामने आए मामले
2 मई 2020 - रतलाम में 4 मौतें
6 सितंबर - रतलाम में 2 मौतें
15 अक्टूबर - उज्जैन में 14 मौतें
7 जनवरी खरगोन में 2 मौतें
11 जनवरी मुरैना में 26 मौतें
25 जुलाई मंदसौर में 8 मौतें
28 जुलाई इंदौर में 5 मौतें
MP में अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ बना सख्त कानून
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने फैसला किया है कि अवैध शराब से यदि किसी की जान जाती है तो इस मामले में दोषी को आजीवन कारावास या मृत्युदंड दिया जाएगा. इसके अलावा जुर्माने की रकम को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दिया गया है. बीते मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर भी लग गई है. सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में इसी सत्र में विधानसभा में बिल भी लाया जाएगा. आपको बता दें कि शिवराज सरकार के इस चौथे कार्यकाल के बीते डेढ़ साल में अवैध शराब से 55 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. हाल ही में 23 जुलाई को मंदसौर में 8 और 27 जुलाई को इंदौर में 5 लोगों की अवैध शराब पीने से हुई मौत का मामला सामने आया था. जिसके बाद सरकार पर अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाने का दबाव था.
नए कानून में क्या बदला
शिवराज कैबिनेट के नए आबकारी एक्ट संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी देने का साथ ही जहरीली शराब से मौत होने के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान जोड़ा गया है. इसके अलावा शराब में मिलावट पाए जाने पर मौत की भी सजा का प्रावधान किया गया है. अवैध शराब पकड़ने के दौरान जब्ती कार्रवाई में बाधा डालने पर आबकारी अधिकारियों को बिना वारंट के गिरफ्तारी करने का अधिकार होगा. वाणिज्यिक कर विभाग के आबकारी अधिनियम (संशोधित) 2021 को मंजूरी देने के साथ ही इसमें शराब की हैरिटेज श्रेणी को जोड़ा गया है. इस संशोधन अधिनियम में शराब से मौत होने पर आरोपी को उम्र कैद की सजा का प्रावधान किया गया है जबकि अभी तक 5 से 10 साल तक की सजा होती है. जुर्माने की राशि 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख कर दी गई है. अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए अभी 2 से 6 माह तक की सजा का प्रावधान है जिसे बढ़ाकर 6 साल किया गया है. शराब पीने से होने वाले शारीरिक नुकसान के मामले में अभी 4 माह से 4 साल तक की सजा होती है जिसे बढ़ाकर 6 से 8 साल तक किया गया है.। उन्होंने बताया कि अब इस विधेयक को मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में पारित कराकर लागू किया जाएगा.
इंदौर- आरोपियों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई
बीते हफ्ते में इंदौर में एक जानेमाने ब्रांड की पैकिंग में जहरीली शराब बेचने और इसे पीने से 5 लोगों की मौत होने का मामला सामने आया था. पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर 7 लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमें से 4 आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गई है. वहीं अन्य आरोपियों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है.