भोपाल। मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय ( MPSD ) के इस सत्र के विद्यार्थियों के द्वारा कोरोना काल के दौरान अधूरी रह गए सिलेबस को पूरा करने के लिए लगातार प्रदर्शन किया जा रहा था, इस संबंध में छात्रों के द्वारा विभागीय मंत्री और अधिकारियों को सत्र को पूरा करने के लिए लगातार ज्ञापन भी सौंपा गए थे, वर्ष 2019 -20 बैच के इन विद्यार्थियों की मांग थी कि विद्यालय में बचे हुए सिलेबस को पूरा किया जाए क्योंकि अधूरी शिक्षा विष के समान होती है.
हालांकि छात्रों के द्वारा किए जा रहे, प्रदर्शन के बाद नाट्य विद्यालय के द्वारा कई छात्रों को सत्र से निलंबित भी कर दिया गया था. इसके अलावा प्रबंधन के द्वारा छात्रों के परिजनों को भी इस मामले को लेकर शिकायत की गई थी. नाट्य विद्यालय के द्वारा सभी छात्रों को कोरोना संक्रमण के चलते बिना सत्र पूरा करें ही उत्तीर्ण कर दिया गया था, लेकिन छात्रों को यह मंजूर नहीं था, छात्र चाहते थे कि किसी भी हाल में बचा हुआ सत्र पूरा होना चाहिए, आखिरकार छात्रों को एक बड़ी सफलता मिल गई है, अब उनका बचा हुआ सत्र पूरा किया जाएगा.
मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय के 2019-20 सत्र के विद्यार्थियों को शेष रहे चार माह के पाठ्यक्रम पूर्ण कराए जाने का निर्णय लिया गया है. यह पाठ्यक्रम कोरोना महामारी की नैदानिक औषधि की उपलब्धता एवं गृह मंत्रालय, भारत सरकार की एसओपी जारी होने के बाद अनुसरण में शासन के आदेशों (संस्कृति विभाग) की गाइडलाइन का पालन करते हुए मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय द्वारा कराए जाने की जवाबदारी होगी.
इस आशय का निर्णय संस्कृति विभाग द्वारा विद्यार्थियों की समस्याओं के निराकरण के लिए गठित कमेटी की अनुशंसा के आधार पर लिया गया. प्रशिक्षण अवधि में विद्यार्थियों को स्टायपेंड नहीं दिया जाएगा, क्योंकि यह स्टायपेंड नाट्य विद्यालय द्वारा उनको पूर्व में लॉकडाउन अवधि में दिया चुका है. विद्यार्थियों ने इसे सिद्धान्तत: मान्य भी किया है व स्वीकृत व्यवस्था के अनुरूप पाठ्यक्रम पूर्ण किए जाने में अपनी सहमति भी दी है.
विभाग द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि यदि तीन दिन तक छात्र-छात्राओं की उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम रहेगी तो कक्षाओं को जारी नहीं रखा जाएगा. विभाग ने नाट्य विद्यालय के निदेशक को निर्देश दिया है कि उपरोक्त अनुशासन में कार्रवाई की जाए और शुद्ध पेयजल जैसी आवश्यक सहूलियतें विद्यार्थियों के लिए सुनिश्चित की जाएं. साथ ही किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति निर्मित न हो इसका ध्यान रखा जाए.