भोपाल। विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा बयान दिया है. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में MSME को लेकर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने उद्योगपतियों से कहा कि "ऐसा नहीं सोचना कि 3-4 माह में चुनाव आने वाले हैं, आगे भी हम फिर चुनकर आने वाले हैं. आप इसकी चिंता बिलकुल न करें, हम फिर आने वाले हैं. वैसे भी चुनाव के पहले ही बहुत कुछ इस दिशा में निर्णय कर लेंगे. आप बिलकुल खुले दिमाग से सोचें." सीएम शिवराज ने उद्योगपतियों से कहा कि "मन के हारे हार है, मन के जीते जीत. उत्साह से भरे रहें और बताएं कि कैसे एमएसएमई के लिए बेहतर माहौल बनाया जाए. सरकारी नीति में भी क्या सुधार किया जाए, यह भी बताएं. मैं यह नहीं कहता कि मैं आपके हाथों में चांद तारे तोड़कर दे दूंगा, लेकिन जितना संभव होगा काम किया जाएगा." (MP Assembly Election 2023)
इंदौर में 35 मंजिला स्टार्टअप पार्क बनेगा: कार्यक्रम में संबोधन के दौरान उद्योगपतियों द्वारा धीमी ताली बजाए जाने पर सीएम शिवराज ने कहा कि "आपका उत्साह ताली में भी दिखना चाहिए. यह नहीं हो कि आप उद्योगपति हैं, इसलिए ताली भी जोर से नहीं बजाना. कई बार राजनीतिक कार्यक्रम में भी होता है कि नेता ताली ही नहीं बजाते. हमने तय किया है कि एमएसएमई को जिस साल सब्सिडी देना है, उसी साल देंगे. एमएसएमई के अलग-अलग क्लस्टर डेवलप किए हैं. स्टार्टअप के इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. इंदौर में 35 मंजिला स्टार्टअप पार्क बना रहे हैं. यहां एक स्थान पर 20 हजार लोगों की व्यवस्था होगी. हमारी युवा शक्ति को स्किल्ड बनाने का काम कर रहे हैं, ताकि उन्हें रोजगार मिल सके और आपके लिए भी सुविधा होगी. मैं यह भाषण नहीं दूंगा कि हम यह दे रहे हैं, हम यह सोचें कि हम कैसे और बेहतर कर सकते हैं."
प्रदेश का आर्थिक आकार लगातार बढ़ रहा: कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "मध्यप्रदेश की GST का साइज जब हमने सरकार संभाली तब 71 हजार करोड़ था, लेकिन अब यह 15 लाख करोड़ से ज्यादा हो गया है. देश की इकॉनॉमी में हमारा योगदान अब बढ़कर 4.8 फीसदी हो गया है. प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 11 हजार रुपए से बढ़कर 1.40 लाख रुपए हो गई है. मध्यप्रदेश के बजट का साईज बढ़कर 23 हजार करोड़ से बढ़ाकर अब यह 3 लाख 14 हजार करोड़ हो गया है. हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इतना बजट है, इसलिए लाडली बहनों को पैसा दे दिया. एक तरफ लाडली बहनों को पैसा और दूसरी तरह 56 हजार करोड़ का एक्पेंडीचर पर खर्च कर रहे हैं. मध्यप्रदेश पहले टूटी सड़क के लिए पहचाना जाता था, अब हम एक्सप्रेस वे बना रहे हैं."