भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एमपी में फायर सेफ्टी एक्ट लागू नहीं होने पर शासन से जवाब मांगा था. सभी अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम खराब होने की शिकायत मिलने पर इसको संज्ञान में लेकर राज्य सरकार से आयोग ने जवाब मांगा था. इसके बाद सरकार ने प्रमाण-पत्र देने के लिए सभी कलेक्टरों, नपा के कमिश्नरों, कैन्ट एरियास के अधिकारियों, नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के सभी संयुक्त संचालकों समेत कई अधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
फायर सेफ्टी के लिए सरकार से मांगा जवाब: मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग को मीडिया के जरिए अस्पतालों के फायर सेफ्टी सिस्टम खराब होने के बारे में पता चला था. 23 जुलाई 2021 के अंक में 400 में से 170 से ज्यादा अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम खराब था. इस मामले में नगर निगम सिर्फ अस्पतालों को नोटिस देकर छोड़ देता था. इसकी जानकारी मिलते ही अधिकारी ने कहा कि मध्यप्रदेश में फायर सेफ्टी एक्ट लागू नहीं तो कैसे कार्रवाई करें. जिसके बाद एमपी शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, मंत्रालय से जांच कराकर प्रतिवेदन मांगा था. इस मामले पर कई सवाल भी पूछे गए थे,
- यहां फायर सेफ्टी एक्ट लागू नहीं होने का कारण क्या है.
- यह अधिनियम लागू करने की क्या कार्रवाई की गई है.
- मध्यप्रदेश के सभी अस्पतालों में फायर सेफ्टी के पैरामीटर्स मानव जीवन की सुरक्षा के लिए पर्याप्त हैं या नहीं.
- व्यक्तियों को प्राप्त सुरक्षित जीवन जीने के मौलिक मानव अधिकार का संरक्षण हों. इसके लिए क्या प्रभावी कार्रवाई की गई है. आयोग ने उपरोक्त सभी बिन्दुओं पर राज्य शासन को स्पष्ट प्रतिवेदन देने के लिए कहा था.
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राज्य शासन ने आयोग को इस सारे सवालों के जवाब दिए हैं.
- मध्यप्रदेश अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा अधिनियम 2022 का प्रारूप केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित माॅडल फायर एक्ट 2019 के आधार पर तैयार किया जा चुका है.
- मध्यप्रदेश अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा अधिनियम 2023 के प्रारूप को विधि विभाग से परिमार्जित कराए जाने के लिए प्रेषित किया गया था.
- नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने 16 दिसंबर 2022 को जारी एक विभागीय पत्र के जरिए सर्वसंबंधितों को समुचित दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं. जिसमें उल्लेखानुसार राष्ट्रीय भवन संहिता के खण्ड-4 की कंडिका क्रमांक 1.2 में जैसा उल्लेखित सभी भवनों में अग्नि सुरक्षा संबंधी प्रावधान हों.