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MP: बजट के लिए आम लोगों से संवाद कर रही शिवराज सरकार - विधानसभा सत्र

मध्यप्रदेश सरकार बजट की तैयारियों में पूरी तरह जुट गई है, इसके लिए विशेषज्ञों के अलावा आम लोगों से भी संवाद कर उनकी राय ले रही है, ताकि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए प्रभावी बजट तैयार किया जा सके.

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फाइल फोटो
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Published : Feb 4, 2021, 4:44 PM IST

Updated : Feb 4, 2021, 8:01 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा का आगामी बजट सत्र इसी माह होने वाला है, राज्य सरकार बजट आमजन के सुझावों के आधार पर तैयार करने जा रही है. इसकी शुरुआत हो चुकी है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभिन्न वर्गों के साथ बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों ऐलान किया था कि इस बार का बजट विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों, विशेषज्ञों से चर्चा कर तैयार किया जाएगा. इसी क्रम में चौहान ने अर्थशास्त्रियों और विषय के जानकारों से संवाद के अभियान की शुरुआत कर दी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश का आगामी बजट क्रांतिकारी सुधारों वाला होगा. यह आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण को प्रशस्त करेगा. उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, कृषि, लोक वित्त एवं बैंकिंग, ग्रामीण विकास एवं आर्थिक गतिविधियां, वृहद एवं मध्यम उद्योग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं प्रबंधन आदि के क्षेत्र में अर्थशास्त्रियों एवं विषय-विशेषज्ञों से चर्चा की.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई चर्चा के दौरान एम्स भोपाल के डायरेक्टर प्रो. सरमन सिंह ने सुझाव दिया कि प्रदेश में तीन-चार नए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जायें, फार्मा कंपनियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए तथा पोषण के क्षेत्र में और कार्य होने चाहिए. एमपी नर्सिग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र जामदार ने कहा कि मध्यप्रदेश में मेडिकल टूरिज्म बढ़ाने के प्रयास किये जायें. एक वायरोलॉजी संस्थान बनाया जाये.

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सुमित बोस ने सुझाव दिए कि मध्यप्रदेश में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मोड) से सामाजिक क्षेत्र तथा अधोसंरचना विकास के लिए कार्य किये जायें. सीएसआर फंड के लिये भी प्रयास किये जायें, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एमडी पल्लव महापात्र ने बजट में कृषि अधोसंरचना के लिए प्रावधान रखने का सुझाव दिया. उन्होंने प्रदेश में लेबर सेक्टर को बढ़ावा देने को कहा. मुख्यमंत्री चौहान को आईआईएम के डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय ने सुझाव दिया कि 'फाइन्स' और 'पैनल्टीज' को डेढ़ गुना किया जाये, विदेशी शराब और तंबाकू पर कर बढ़ाया जाये. कृषि क्षेत्र में भी पीपीपी मोड पर कार्य हो. शासकीय विद्यालयों में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्च र उपलब्ध हो.

नाबार्ड की मुख्य महाप्रबंध टी एस राजी गैन ने सुझाव दिया कि मध्यप्रदेश में सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जाये, इसके लिए मध्यप्रदेश केंद्र सरकार के साथ एमओयू साइन करे, एनजीओ 'प्रदान' के एच के डेका ने प्रदेश में मुर्गीपालन की व्यापक संभावनाएं बताते हुए सुझाव दिया कि इस क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाये. आदिवासी एवं दलित महिलाओं की सहायता के लिए विशेष फंड रखा जाए.

सागर ग्रुप के चेयरमैन सुधीर अग्रवाल ने प्रदेश में टेक्सटाइल पार्क, वोल्वो आयशर ग्रुप के एमडी विनोद अग्रवाल ने राज्य में निर्मित वाहनों को प्राथमिकता देने और प्रतिभा सिंटैक्स के एमडी श्रेयस्कर चौधरी ने उद्योगों के लिए रियायती बिजली देने का सुझाव दिया. राज्य में आगामी बजट में हर वर्ग के सुझावों के आधार पर तैयार किया जाए, इस पर विचार-विमर्श शुरू हो गया है. इन सुझावों के आधार पर तैयार किया जाने वाला बजट 22 फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र में पेश किया जाएगा.

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा का आगामी बजट सत्र इसी माह होने वाला है, राज्य सरकार बजट आमजन के सुझावों के आधार पर तैयार करने जा रही है. इसकी शुरुआत हो चुकी है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभिन्न वर्गों के साथ बैठकों का सिलसिला शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों ऐलान किया था कि इस बार का बजट विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों, विशेषज्ञों से चर्चा कर तैयार किया जाएगा. इसी क्रम में चौहान ने अर्थशास्त्रियों और विषय के जानकारों से संवाद के अभियान की शुरुआत कर दी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश का आगामी बजट क्रांतिकारी सुधारों वाला होगा. यह आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण को प्रशस्त करेगा. उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, कृषि, लोक वित्त एवं बैंकिंग, ग्रामीण विकास एवं आर्थिक गतिविधियां, वृहद एवं मध्यम उद्योग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं प्रबंधन आदि के क्षेत्र में अर्थशास्त्रियों एवं विषय-विशेषज्ञों से चर्चा की.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई चर्चा के दौरान एम्स भोपाल के डायरेक्टर प्रो. सरमन सिंह ने सुझाव दिया कि प्रदेश में तीन-चार नए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जायें, फार्मा कंपनियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए तथा पोषण के क्षेत्र में और कार्य होने चाहिए. एमपी नर्सिग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र जामदार ने कहा कि मध्यप्रदेश में मेडिकल टूरिज्म बढ़ाने के प्रयास किये जायें. एक वायरोलॉजी संस्थान बनाया जाये.

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सुमित बोस ने सुझाव दिए कि मध्यप्रदेश में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मोड) से सामाजिक क्षेत्र तथा अधोसंरचना विकास के लिए कार्य किये जायें. सीएसआर फंड के लिये भी प्रयास किये जायें, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एमडी पल्लव महापात्र ने बजट में कृषि अधोसंरचना के लिए प्रावधान रखने का सुझाव दिया. उन्होंने प्रदेश में लेबर सेक्टर को बढ़ावा देने को कहा. मुख्यमंत्री चौहान को आईआईएम के डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय ने सुझाव दिया कि 'फाइन्स' और 'पैनल्टीज' को डेढ़ गुना किया जाये, विदेशी शराब और तंबाकू पर कर बढ़ाया जाये. कृषि क्षेत्र में भी पीपीपी मोड पर कार्य हो. शासकीय विद्यालयों में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्च र उपलब्ध हो.

नाबार्ड की मुख्य महाप्रबंध टी एस राजी गैन ने सुझाव दिया कि मध्यप्रदेश में सूक्ष्म सिंचाई परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जाये, इसके लिए मध्यप्रदेश केंद्र सरकार के साथ एमओयू साइन करे, एनजीओ 'प्रदान' के एच के डेका ने प्रदेश में मुर्गीपालन की व्यापक संभावनाएं बताते हुए सुझाव दिया कि इस क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाये. आदिवासी एवं दलित महिलाओं की सहायता के लिए विशेष फंड रखा जाए.

सागर ग्रुप के चेयरमैन सुधीर अग्रवाल ने प्रदेश में टेक्सटाइल पार्क, वोल्वो आयशर ग्रुप के एमडी विनोद अग्रवाल ने राज्य में निर्मित वाहनों को प्राथमिकता देने और प्रतिभा सिंटैक्स के एमडी श्रेयस्कर चौधरी ने उद्योगों के लिए रियायती बिजली देने का सुझाव दिया. राज्य में आगामी बजट में हर वर्ग के सुझावों के आधार पर तैयार किया जाए, इस पर विचार-विमर्श शुरू हो गया है. इन सुझावों के आधार पर तैयार किया जाने वाला बजट 22 फरवरी से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र में पेश किया जाएगा.

Last Updated : Feb 4, 2021, 8:01 PM IST
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