भोपाल। प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, शनिवार को पूरे प्रदेश में 201 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं. सरकार के लिए चिंता का विषय ये भी है कि अब तक जिन जिलों में एक भी मरीज संक्रमित नहीं हुआ था. अब उन जिलों में भी पॉजिटिव केस बढ़ते जा रहे हैं. हालांकि राहत की बात ये है कि प्रदेश में रिकवरी रेट 51 प्रतिशत पर पहुंच गया है. सीएम शिवराज सिंह ने कोरोना की स्थिति और व्यवस्थाओं को लेकर मंत्रालय में समीक्षा बैठक की. इस अवसर पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा संजय शुक्ला आदि मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के इलाज के लिए बेहतर से बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. प्रदेश में बड़ी संख्या में फीवर क्लीनिक ने भी काम करना शुरू कर दिया है. कोरोना रिकवरी रेट बढ़कर 51 प्रतिशत हो गई है. सभी कलेक्टर्स जिलों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाएं और गाइडलाइन के अनुसार दी गई छूट ही दें.
फीवर क्लीनिक में 27 हजार 484 व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य सुलेमान ने बताया कि प्रदेश के एक हजार 496 फीवर क्लीनिक में 27 हजार 484 संदिग्धों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. इनमें से 24 हजार 505 संदिग्धों को होम क्वारेंटाइन की सलाह दी गई है, जबकि 6415 संदिग्धों के सैम्पल लिए गए हैं. जिनमें से 2824 मरीजों को कोविड केयर सेंटर और अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
उज्जैन में 6 लाख 34 हजार लोगों का सर्वे हुआ
उज्जैन जिले की समीक्षा में बताया गया कि उज्जैन जिले में 6 लाख 34 हजार लोगों का स्वास्थ्य सर्वे कराया गया है, जिले का नागदा क्षेत्र संक्रमण मुक्त हो गया है. आगामी दो-तीन दिन में ट्रॉमा सेंटर कोविड अस्पताल के रूप में काम करना चालू कर देगा. उज्जैन कलेक्टर को 10 और एम्बुलेंस की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.
नया डिस्चार्ज क्राइटेरिया
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि नए डिस्चार्ज क्राइटेरिया के अनुसार कोरोना मरीजों को जिनका स्वास्थ्य सही हो, जिनमें कोरोना के लक्षण न हो. वहीं गत तीन दिनों से बुखार नहीं आ रहा हो तो उन्हें अब 10 दिन में डिस्चार्ज किया जा सकेगा. इसके पश्चात उन्हें 7 दिन होम आइसोलेशन में रहना पड़ेगा.
इंदौर, भोपाल, उज्जैन से निकलने के लिए ई-पास जरूरी
प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बताया कि प्रदेश में ग्रीन जोन से ग्रीन जोन में जाने के लिए ई-पास समाप्त कर दिया गया है, लेकिन इंदौर, भोपाल और उज्जैन से बाहर निकलने के लिए ई-पास की जरूरत होगी. इसी प्रकार दूसरे राज्यों में आने-जाने के लिए भी ई-पास की आवश्यकता पड़ेगी.
उपार्जन के लिए बारदाने की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गेहूं उपार्जन के लक्ष्य 100 लाख मीट्रिक टन से अधिक खरीदी की जा चुकी है. अब तक 111 लाख 62 हजार मीट्रिक टन की खरीदी हो चुकी है. प्रदेश में 20 लाख पंजीकृत किसान हैं, जिसमें से अभी तक 14 लाख 67 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपना गेहूं बेचा है. गेहूं खरीदी के लिए बारदानों की व्यवस्था की जा रही है.
5 लाख 14 हजार मजदूर वापस आए
अपर मुख्य सचिव आईसीपी केशरी ने बताया कि प्रदेश में अभी तक 122 ट्रेनों और हजारों बसों से कुल 5 लाख 14 हजार प्रवासी मजदूर मध्यप्रदेश वापस आ चुके हैं. इनमें से 1 लाख 54 हजार ट्रेन के माध्यम से और 3 लाख 60 हजार बसों के माध्यम से वापस आए हैं. प्रदेश में और 130 ट्रेनों के आने की संभावना है. प्रदेश के बाहर के करीब 3 लाख 70 हजार श्रमिकों को अन्य प्रदेशों की सीमा तक बसों द्वारा पहुंचाया गया है.