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ट्रेजरी ऑफिसर केबिन में ही ले रहा था रिश्वत, लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों किया गिरफ्तार - अतिरिक्त कोषालय अधिकारी दिलीप सिंह चौहान

भोपाल के ट्रेजरी विभाग के अधिकारी को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. ऑफिसर और उनके बाबू रिश्वत की रकम न मिलने की वजह से एक महीने से फाइल दबाए बैठे थे.

Lokayukta police arrested for taking bribe to officer
ट्रेजरी विभाग ऑफिसर को रिश्वत लेते किया गिरफ्तार
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Published : Feb 6, 2020, 7:24 PM IST

Updated : Feb 6, 2020, 7:39 PM IST

भोपाल। ट्रेजरी अधिकारी दिलीप सिंह चौहान को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया है. अधिकारी बेझिझक अपने केबिन में बैठकर ही रिश्वत ले रहे थे, लेकिन उन्होंने रिश्वत की रकम जैसे ही ली तभी लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें दबोच लिया. लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई देवेंद्र वर्मा की शिकायत पर की है. अतिरिक्त कोषालय अधिकारी और उनके बाबू निखिल सक्सेना रिश्वत की रकम न मिलने की वजह से एक महीने से फाइल दबाए बैठे थे.

ट्रेजरी विभाग ऑफिसर को रिश्वत लेते किया गिरफ्तार


फरियादी देवेंद्र वर्मा के मुताबिक उनके पिता की मौत के बाद मां को मिलने वाली पेंशन का 2005 से रिवीजन नहीं हुआ था. पेंशन के रिवीजन के लिए उन्होंने ट्रेजरी विभाग में अतिरिक्त ट्रेजरी ऑफिसर दिलीप सिंह चौहान से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने इसके लिए 50 हजार की रिश्वत मांगी. उन्होंने कहा कि उन्हें रिश्वत की रकम जिला कोषालय अधिकारी तक देनी होती है. काफी मिन्नतों के बाद साहब ने 25 हजार की रकम देना तय की. 4 हजार एडवांस में भी ले लिए. परेशान होकर देवेंद्र वर्मा ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में कर दी.


इसके बाद लोकायुक्त ने रंग लगाकर 10 हजार की रकम देकर फरियादी देवेंद्र वर्मा को अतिरिक्त कोषालय अधिकारी के पास भेजा. रिश्वत की रकम जैसे ही अधिकारी दिलीप सिंह चौहान ने पेंशन पंजी में रखी, तभी पीछे से पहुंची लोकायुक्त की टीम ने उन्हें रंगे हाथों दबोच लिया. लोकायुक्त ने दिलीप सिंह चौहान के हाथ धुलाए तो उसमें रंग उतर आया. लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक शिकायत के बाद दिलीप सिंह चौहान और क्लर्क निखिल सक्सेना रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए हैं, जिनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गई है.

भोपाल। ट्रेजरी अधिकारी दिलीप सिंह चौहान को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया है. अधिकारी बेझिझक अपने केबिन में बैठकर ही रिश्वत ले रहे थे, लेकिन उन्होंने रिश्वत की रकम जैसे ही ली तभी लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें दबोच लिया. लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई देवेंद्र वर्मा की शिकायत पर की है. अतिरिक्त कोषालय अधिकारी और उनके बाबू निखिल सक्सेना रिश्वत की रकम न मिलने की वजह से एक महीने से फाइल दबाए बैठे थे.

ट्रेजरी विभाग ऑफिसर को रिश्वत लेते किया गिरफ्तार


फरियादी देवेंद्र वर्मा के मुताबिक उनके पिता की मौत के बाद मां को मिलने वाली पेंशन का 2005 से रिवीजन नहीं हुआ था. पेंशन के रिवीजन के लिए उन्होंने ट्रेजरी विभाग में अतिरिक्त ट्रेजरी ऑफिसर दिलीप सिंह चौहान से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने इसके लिए 50 हजार की रिश्वत मांगी. उन्होंने कहा कि उन्हें रिश्वत की रकम जिला कोषालय अधिकारी तक देनी होती है. काफी मिन्नतों के बाद साहब ने 25 हजार की रकम देना तय की. 4 हजार एडवांस में भी ले लिए. परेशान होकर देवेंद्र वर्मा ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में कर दी.


इसके बाद लोकायुक्त ने रंग लगाकर 10 हजार की रकम देकर फरियादी देवेंद्र वर्मा को अतिरिक्त कोषालय अधिकारी के पास भेजा. रिश्वत की रकम जैसे ही अधिकारी दिलीप सिंह चौहान ने पेंशन पंजी में रखी, तभी पीछे से पहुंची लोकायुक्त की टीम ने उन्हें रंगे हाथों दबोच लिया. लोकायुक्त ने दिलीप सिंह चौहान के हाथ धुलाए तो उसमें रंग उतर आया. लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक शिकायत के बाद दिलीप सिंह चौहान और क्लर्क निखिल सक्सेना रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए हैं, जिनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गई है.

Intro:भोपाल। ट्रेजरी विभाग में पदस्थ अतिरिक्त कोषालय अधिकारी दिलीप सिंह चौहान 10 हज़ार की रिश्वत लेते रंगे हाथ और लोकायुक्त पुलिस के हत्थे चढ़ गए अधिकारी बेझिझक अपने केबिन में बैठकर ही रिश्वत ले रहे थे लेकिन उन्होंने रिश्वत की रकम जैसे ही ली तभी लोकायुक्त पुलिस ने उन्हें दबोच लिया लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई सेकंड स्टॉप निवासी देवेंद्र वर्मा की शिकायत पर की है अतिरिक्त कोषालय अधिकारी और उनके बाबू निखिल सक्सेना रिश्वत की रकम न मिलने की वजह से 1 महीने से फाइल दबाए बैठे थे।


Body:सेकंड स्टॉप पर रहने वाले देवेंद्र वर्मा के मुताबिक उनकी पिता की मौत के बाद मां को मिलने वाली पेंशन का 2005 से रिवीजन नहीं हुआ था। पेंशन के रिवीजन के लिए उन्होंने ट्रेजरी विभाग में अतिरिक्त ट्रेजरी ऑफिसर दिलीप सिंह चौहान से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने इसके लिए 50 हज़ार की रिश्वत मांग डाली। उन्होंने कहा कि उन्हें रिश्वत की रकम जिला कोषालय अधिकारी तक देनी होती है। काफी मिन्नतों के बाद साहब ने ₹25000 की रकम देना तय की। 4000 एडवांस में भी ले लिए। परेशान होकर देवेंद्र वर्मा ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में कर दी। इसके बाद लोकायुक्त ने रंग लगाकर 10 हज़ार की रकम देकर फरियादी देवेंद्र वर्मा को अतिरिक्त कोषालय अधिकारी के पास भेजा। रिश्वत की रकम जैसे ही अधिकारी दिलीप सिंह चौहान ने पेंशन पंजी में रखी तभी पीछे से पहुंची लोकायुक्त की टीम ने उन्हें रंगे हाथों दबोच लिया। लोकायुक्त ने दिलीप सिंह चौहान के हाथ धुलाए तो उसमें रंग उतर आया। लोकायुक्त शर्मा के मुताबिक शिकायत के बाद अतिरिक्त दिलीप सिंह चौहान और क्लर्क निखिल सक्सेना रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए है, जिनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की गई है।


Conclusion:
Last Updated : Feb 6, 2020, 7:39 PM IST

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