भोपाल। देशभर में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है. लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को खत्म हो रहा है. वहीं सोमवार को प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि लॉकडाउन को और बढ़ाया जा सकता है जिससे कई तरह की परेशानियां बढ़ सकती है. लॉकडाउन ने जहां मजदूरों के सामने रोजी-रोती की समस्या खड़ी की है वहीं रेलवे स्टेशन में सामना ढोने वाले कुली के सामने भी आर्थिक तंगी का संकट मंडराने लगा है.
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लॉकडाउन के कारण देशभर में ट्रेनें भी नहीं चल रही हैं, जिसके कारण कुलियों के सामने भी आर्थिक संकट गहराने लगा है. कुलियों का कहना है कि पहले वह रोज के 300 से 400 रुपए कमा लेते थे, जिससे उनका घर का खर्चा आसानी से चलता था लेकिन हालात अब दिन-ब-दिन बुरे होते जा रहे हैं. जो मालगाड़ी से सामान आता है उसे उठाकर सौ से डेढ़ सौ रुपए बस कमा पाते हैं. बाकी किसी तरह का कोई आसरा नहीं है साथ ही कुलियों का कहना है कि सामाजिक तौर पर उनको खाने-पीने की मदद की जा रही है लेकिन उनकी मांग है कि सरकार उनकी मदद करें और उनके खातों में पैसे डाले जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके.
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रेलवे ने श्रमिक ट्रेन चलाई है लेकिन उसमें कुलियों को सामान उठाने की इजाजत नहीं दी गई है. फिलहाल अभी 15 स्पेशल यात्री ट्रेन शुरू की गई है, लेकिन इन ट्रेनों से सामान उठाने की इजाजत कुलियों को नहीं दी गई है. वहीं अगर इन ट्रेनों में सामान उठाने की अनुमति कुलियों को दे भी दी जाए, तो उनती स्थिति नहीं सुधरेगी क्योंकि भोपाल में सिर्फ 15 मे से चार ट्रेनों का ही स्लॉट है, जो चार ट्रेन भोपाल में रुकेंगी उसमें से दो ट्रेन हफ्ते में दो बार, एक ट्रेन हफ्ते में एक बार और एक ट्रेन नई दिल्ली से बिलासपुर रोज चलेगी.