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हनीट्रैप मामला: IAS अधिकारी मीणा ने मुख्य सचिव से मांगा मिलने का वक्त, सोशल मीडिया पर वायरल हुई चिट्ठी

हनीट्रैप केस में फंसे IAS अधिकारी पीसी मीणा की एक चिट्ठी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. इस चिट्ठी में उन्‍होंने खुद की जान को खतरा बताया है और मुख्य सचिव से मिलने के लिए वक्त मांगा है.

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Published : Jan 7, 2020, 8:10 AM IST

letter Of  IAS officer Meena is getting viral on social media
हनी ट्रैप केस

भोपाल। हनीट्रैप केस में फंसे आईएएस अधिकारी पीसी शर्मा मीणा की एक चिट्ठी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. इस चिट्ठी में उन्‍होंने मुख्य सचिव से मिलने का वक्त मांगा है. खास बात ये है कि चिट्ठी में मीणा ने खुद की जान को खतरा बताया है. उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि एसआईटी ने अदालत में जो चालान प्रस्तुत किया है, उसमें एक बयान में मुझे ब्लैकमेल कर ₹20 लाख की लेनदेन की बात की गई है. जो झूठ है और भ्रामक है और इस मामले में वो पूरी जानकारी मुख्य सचिव को देना चाहते हैं.

letter Of  IAS officer Meena is getting viral on social media
IAS अधिकारी पीसी शर्मा मीणा की चिट्ठी वायरल

ये लिखा है चिट्ठी में -
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस चिट्ठी में एसीएस मीणा ने लिखा है कि, मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है. करीब छह महीने पहले एक वायरल वीडियो से मेरी छवि को बिगाड़ने की कोशिश की गई. जिसकी सूचना प्रमुख सचिव गृह को देकर इस फर्जी वीडियो की जांच कराने की मांग की थी. पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए अब तक मैं चुप था, लेकिन हाल ही में हनीट्रैप की जांच के लिए बनी एसआईटी ने अदालत में प्रस्तुत चालान में एक बयान का जिक्र किया. जिसमें एक मीडिया कर्मी वीरेंद्र शर्मा के माध्यम से ब्लैकमेलिंग कर 20 लाख रुपए के लेन-देन की बात की गई है. जो गलत और भ्रामक है. इसके बाद मेरी सुरक्षा को ना सिर्फ खतरा पैदा हो गया है, बल्कि पूरा परिवार और मैं मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं.

पीसी मीणा वही आईएएस अधिकारी हैं, जिनका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद सबसे पहले हनीट्रैप केस का खुलासा हुआ था. जब मीणा से इस चिट्ठी के बारे जानने के लिए उनका फोन लगाया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया.

नोट:- ईटीवी भारत सोशल मीडिया में वायरल आईएसएस अधिकारी की इस चिट्ठी की पुष्टि नहीं करता है.

भोपाल। हनीट्रैप केस में फंसे आईएएस अधिकारी पीसी शर्मा मीणा की एक चिट्ठी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. इस चिट्ठी में उन्‍होंने मुख्य सचिव से मिलने का वक्त मांगा है. खास बात ये है कि चिट्ठी में मीणा ने खुद की जान को खतरा बताया है. उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि एसआईटी ने अदालत में जो चालान प्रस्तुत किया है, उसमें एक बयान में मुझे ब्लैकमेल कर ₹20 लाख की लेनदेन की बात की गई है. जो झूठ है और भ्रामक है और इस मामले में वो पूरी जानकारी मुख्य सचिव को देना चाहते हैं.

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IAS अधिकारी पीसी शर्मा मीणा की चिट्ठी वायरल

ये लिखा है चिट्ठी में -
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस चिट्ठी में एसीएस मीणा ने लिखा है कि, मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है. करीब छह महीने पहले एक वायरल वीडियो से मेरी छवि को बिगाड़ने की कोशिश की गई. जिसकी सूचना प्रमुख सचिव गृह को देकर इस फर्जी वीडियो की जांच कराने की मांग की थी. पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए अब तक मैं चुप था, लेकिन हाल ही में हनीट्रैप की जांच के लिए बनी एसआईटी ने अदालत में प्रस्तुत चालान में एक बयान का जिक्र किया. जिसमें एक मीडिया कर्मी वीरेंद्र शर्मा के माध्यम से ब्लैकमेलिंग कर 20 लाख रुपए के लेन-देन की बात की गई है. जो गलत और भ्रामक है. इसके बाद मेरी सुरक्षा को ना सिर्फ खतरा पैदा हो गया है, बल्कि पूरा परिवार और मैं मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं.

पीसी मीणा वही आईएएस अधिकारी हैं, जिनका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद सबसे पहले हनीट्रैप केस का खुलासा हुआ था. जब मीणा से इस चिट्ठी के बारे जानने के लिए उनका फोन लगाया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया.

नोट:- ईटीवी भारत सोशल मीडिया में वायरल आईएसएस अधिकारी की इस चिट्ठी की पुष्टि नहीं करता है.

Intro:भोपाल। हनि ट्रैप मामले में आरोपों में घिरे अपर मुख्य सचिव और संचालक आदिम जाति अनुसंधान एवं विकास संस्था प्रेमचंद मीणा ने ब्लैक मेलिंग के आरोपों को सिरे से खारिज किया है उन्होंने इस मामले में मुख्य सचिव एसआर मोहंती को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि एसआईटी ने अदालत में जो चालान प्रस्तुत किया है उसमें एक बयान में मुझे ब्लैकमेल कर ₹20 लाख की लेनदेन की बात की गई है जो असत्य और भ्रामक है। सोशल मीडिया पर जारी इस पत्र की ईटीवी भारत पुष्टि नहीं करता है।


Body:सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस पत्र में एसीएस मीणा ने कहा है कि मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया है करीब 6 माह पहले एक वायरल वीडियो से मेरी छवि को बिगाड़ने की कोशिश की गई। जिसकी सूचना प्रमुख सचिव गृह को देकर इस फर्जी वीडियो की जांच कराने की मांग की थी मैं जिस पद पर हूं उसकी गरिमा को ध्यान में रखते हुए अब तक शांत था लेकिन हाल ही में हनीट्रैप की जांच के लिए बनी एसआईटी ने अदालत में प्रस्तुत चालान में एक बयान का जिक्र किया जिसमें एक मीडिया कर्मी वीरेंद्र शर्मा के माध्यम से ब्लैकमेलिंग कर 20 लाख रुपए के लेन-देन की बात की गई है जो गलत और भ्रामक है इसके बाद मेरी सुरक्षा को ना सिर्फ खतरा पैदा हो गया है बल्कि पूरा परिवार और मैं मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहा हूं उधर पत्र की पुष्टि के लिए मीणा को कई बार मोबाइल पर फोन लगाया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।


Conclusion:
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