भोपाल। आगर मालवा में समर्थन मूल्य केंद्र पर गेहूं बेचने आए किसान प्रेम सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई. प्रेम सिंह पिछले 19 मई से गेहूं बेचने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहा था, इसी दौरान उसको हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई. वहीं इस मामलें में कांग्रेस ने अव्यवस्था को इसका कारण बताया है.
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने आरोप लगाया कि किसान की मौत की ज़िम्मेदार बीजेपी सरकार और स्थानीय अधिकारी हैं. अगर उनकी खरीद सही समय पर हो जाती और केन्द्रों पर सही व्यवस्था होती, तो शायद किसान की जान नहीं जाती. विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि प्रेम सिंह को कहा गया था कि उनका एसएमएस अब इनवैलिड होने जा रहा है, इसलिए किसान को यह डर था कि गेहूं की खरीदी होगी या नहीं, जिसके चलते उसको हार्ट अटैक आ गया. कांग्रेस विधायक ने कहा कि यह सिर्फ और सिर्फ हत्या है और कुछ नहीं. राज्य सरकार को उन्हें कोरोना वॉरियर समझकर ही उनके परिवार को सहायता देनी चाहिए.
प्रेम सिंह मलवासा को 19 मई को उपार्जन केंद्र पर गेहूं लेकर आने का मैसेज मिला था. तनोड़िया स्थित प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्था के उपार्जन केंद्र पर किसान शासन से प्राप्त हुए मैसेज के अनुरूप अपना गेहूं ट्रैक्टर-ट्रॉली में लेकर पहुंच गया, लेकिन वहां तौल प्रक्रिया में हो रही देरी की वजह से किसान का 25 मई को गेहूं बेचने का नंबर आया. भीषण गर्मी की वजह से लगातार धूप में खड़े-खड़े किसान की अपनी उपज का तोल करवाते वक्त अचानक किसान तबीयत खराब हो गई. जिसे संस्था प्रबंधक जिला अस्पताल ले गए. उसके बाद परिजन उसे निजी अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां उपचार के दौरान किसान की मौत हो गई. इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया और कांग्रेस लगातार शिवराज सरकार को टारगेट कर रही है और किसान की मौत का जिम्मेदार सराकार की नीतियों को बता रही है.