भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद विवेक तन्खा ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो लोग खुद को सबसे बड़ा किसान हितैषी बताते हैं, किसानों के कल्याण की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, वो आज सबसे बड़े किसान विरोधी साबित हुए हैं, भाजपा पर कमलनाथ ने तंज कसा है कि यह लोग किसानों की आय दोगुनी करने की बजाय उनकी लागत को दोगुनी करने का काम आज जरूर कर रहे हैं.
डीएपी और एनपीके के दामों में 58 प्रतिशत तक वृद्धि
कमलनाथ ने बताया कि किसान अभी रबी की फसलों को निकालने और बेचने में लगा है और खरीफ फसलों के लिए अपने खेतों को तैयार करने में लगा है और सरकार ने बाले-बाले खाद के दाम 58 फीसदी तक बढ़ा दिए, DAP की 50 किलो की बोरी का भाव 1200 रुपये से बढ़ाकर 1900 रुपए और NPK की बोरी का भाव 1185 रुपये से बढ़ाकर 1800 रुपये कर दिया गया है. खाद के दामों में की गई इस बेतहाशा मूल्य वृद्धि से किसानों पर प्रति हेक्टर करीब 3500 रुपए का डीएपी का अतिरिक्त भार बढ़ जाएगा, केंद्र की सरकार ने कोरोना महामारी के संकट के समय में डीजल के भाव में अब तक 33% की बढ़ोतरी की और इस कारण से माल ढुलाई की दरें 18 से 20% बढ़ गई है ढुलाई महंगी होने से कृषि आदान के दाम बढ़े हैं और अभी भी निरंतर बढ़ रहे हैं कुल मिलाकर खेती की लागत किसान के बूते के बाहर होती दिख रही है.
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कर्जमाफी को लेकर शिवराज सरकार पर कसा तंज
शिवराज जी, जो खुद को किसान पुत्र बताते हैं, उन्होंने आते ही हमारी इस किसान कर्ज माफी योजना को बंद कर दिया, कोरोना के इस संकट काल में किसान कर्ज के दलदल में निरंतर फंसता जा रहा है, और इस संकट काल में उसे राहत प्रदान करने के लिये उसकी कर्ज माफी की बजाय शिवराज सरकार उनकी कर्ज अदायगी की तारीखों को ही सिर्फ आगे बढ़ा रही है, जबकि अभी सबसे बड़ी किसानों को आवश्यकता उनकी पूर्ण कर्जमाफी की है. मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार में देश में सर्वाधिक किसान कर्ज के दलदल में फंस कर आत्महत्या करते थे और सरकार का खादों के दामों में वृद्धि का वर्तमान निर्णय किसानों की कमर तोड़ेगा और उन्हें आत्महत्या के लिए फिर मजबूर करेगा. मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार ने अपने वादे के मुताबिक सत्ता में आते ही किसानों की कर्ज माफी का काम चालू किया था. 15 महीने की सरकार में हमने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था.