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कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक किसानों के साथ, भारत बंद को हमारा समर्थन: कमलनाथ

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. किसान आंदोलन का आज 12वां दिन है. किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि काले कानून पूरी तरह से किसान विरोधी हैं. केंद्र सरकार कॉरपोरेट जगत के दबाव में खेती और किसानों को बर्बाद करने पर तुली है.

kamalnath attack on BJP and central government
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का बयान
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Published : Dec 7, 2020, 5:36 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि किसानों की सहमति बिना केंद्र ने कृषि कानून लागू किए हैं. जो कि किसानों को पूरी तरह से बर्बाद कर देगा. इन कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य की कोई गारंटी का जिक्र नहीं है. उन्होंने कहा कि इन कानूनों में मंडी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी. इन कानूनों में सिर्फ कॉरपोरेट जगत को फायदा होगा और जमाखोरी और मुनाफाखोरी को बढ़ावा मिलेगा. यह काले कानून पूरी तरह से किसान विरोधी हैं.

किसानों को बर्बाद करने पर तुली है केंद्र सरकार

पूर्व मुख्यमंत्री और मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि एक तरफ तो मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने और खेती को लाभ का धंधा बनाने का दावा व वादा किया था और वहीं काले कानून के माध्यम से खेती को और किसानों को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं.

केंद्र खेती को घाटे का धंधा बनाने में लगा हुआ है. कोरोना की महामारी के दौरान इन कानूनों को बगैर किसानों से चर्चा किए, बगैर विपक्षी दलों से चर्चा किए, बिना मत विभाजन के लागू किया गया जो केंद्र सरकार का तानाशाही रवैया दिखाता है. जबकि देश का किसान इन कानूनों के विरोध में सड़कों पर है.

कमलनाथ ने कहा है कि बड़ी शर्म की बात है कि देश के तमाम किसान संगठन 11 दिनों से दिल्ली की सीमा पर अपने परिवार के साथ कड़ाके की ठंड में बैठकर इन कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और केंद्र सरकार हठधर्मिता दिखाते हुए इन काले कानूनों को रद्द नहीं कर रही है. केंद्र सरकार का रवैया पूरी तरह से किसान विरोधी बना हुआ है और कॉरपोरेट जगत के दबाव में वह खेती व किसानों को पूरी तरह से बर्बाद करने पर तुले हुए हैं.

यह भी पढ़ें:- 'भारत बंद' को कांग्रेस का पूर्ण समर्थन, दिग्विजय सिंह ने की अन्नदाता के साथ खड़े होने की अपील

कांग्रेस किसानों के साथ

कमलनाथ ने कहा कि इन काले कानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. कांग्रेस ने भी देशभर में इस बंद को अपना समर्थन दिया है. उसी के मद्देनजर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी भी किसानों के आह्वान पर हो रहे इस बंद को अपना पूर्ण समर्थन दे रही है.

मध्य प्रदेश की सभी जिला इकाइयों को निर्देश दिए गए हैं कि वह बंद के समर्थन में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर किसानों की मांगों का ज्ञापन दें. कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ खड़ी है.

कांग्रेस की यूपीए सरकार ने किसानों की ऐतिहासिक कर्ज माफी की थी. वहीं मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया था. कांग्रेस का शुरू से संकल्प रहा है कि खेती को लाभ का धंधा बनाना, किसानों को कर्ज के दलदल से निकालना, किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलवाना है. कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक किसानों के हर संघर्ष में उनके साथ है और इस बंद का भी कांग्रेस पूर्ण समर्थन करती है.

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि किसानों की सहमति बिना केंद्र ने कृषि कानून लागू किए हैं. जो कि किसानों को पूरी तरह से बर्बाद कर देगा. इन कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य की कोई गारंटी का जिक्र नहीं है. उन्होंने कहा कि इन कानूनों में मंडी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी. इन कानूनों में सिर्फ कॉरपोरेट जगत को फायदा होगा और जमाखोरी और मुनाफाखोरी को बढ़ावा मिलेगा. यह काले कानून पूरी तरह से किसान विरोधी हैं.

किसानों को बर्बाद करने पर तुली है केंद्र सरकार

पूर्व मुख्यमंत्री और मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि एक तरफ तो मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने और खेती को लाभ का धंधा बनाने का दावा व वादा किया था और वहीं काले कानून के माध्यम से खेती को और किसानों को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं.

केंद्र खेती को घाटे का धंधा बनाने में लगा हुआ है. कोरोना की महामारी के दौरान इन कानूनों को बगैर किसानों से चर्चा किए, बगैर विपक्षी दलों से चर्चा किए, बिना मत विभाजन के लागू किया गया जो केंद्र सरकार का तानाशाही रवैया दिखाता है. जबकि देश का किसान इन कानूनों के विरोध में सड़कों पर है.

कमलनाथ ने कहा है कि बड़ी शर्म की बात है कि देश के तमाम किसान संगठन 11 दिनों से दिल्ली की सीमा पर अपने परिवार के साथ कड़ाके की ठंड में बैठकर इन कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और केंद्र सरकार हठधर्मिता दिखाते हुए इन काले कानूनों को रद्द नहीं कर रही है. केंद्र सरकार का रवैया पूरी तरह से किसान विरोधी बना हुआ है और कॉरपोरेट जगत के दबाव में वह खेती व किसानों को पूरी तरह से बर्बाद करने पर तुले हुए हैं.

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कांग्रेस किसानों के साथ

कमलनाथ ने कहा कि इन काले कानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. कांग्रेस ने भी देशभर में इस बंद को अपना समर्थन दिया है. उसी के मद्देनजर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी भी किसानों के आह्वान पर हो रहे इस बंद को अपना पूर्ण समर्थन दे रही है.

मध्य प्रदेश की सभी जिला इकाइयों को निर्देश दिए गए हैं कि वह बंद के समर्थन में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर किसानों की मांगों का ज्ञापन दें. कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ खड़ी है.

कांग्रेस की यूपीए सरकार ने किसानों की ऐतिहासिक कर्ज माफी की थी. वहीं मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया था. कांग्रेस का शुरू से संकल्प रहा है कि खेती को लाभ का धंधा बनाना, किसानों को कर्ज के दलदल से निकालना, किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलवाना है. कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक किसानों के हर संघर्ष में उनके साथ है और इस बंद का भी कांग्रेस पूर्ण समर्थन करती है.

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