भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शिक्षक दिवस पर प्रदेश के सभी शिक्षकों को बधाई दी दी है. उन्होंने कहा कि शिक्षा और ज्ञान में बड़ा अंतर है. शिक्षा सिर्फ स्कूल, कॉलेज तक सीमित है, लेकिन ज्ञान जीवन भर अर्जित किया जाता है. कमलनाथ ने शिक्षकों से कहा कि वे बच्चों को ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें. उन्होंने शासन से आग्रह किया है निजी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों की सुध ली जाए, जो कोरोना महामारी में लॉकडाउन और अभी तक स्कूल शुरू न होने के चलते संकट में हैं.
शिक्षकों के नाम पर जारी संदेश में पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि देश के पूर्व राष्ट्रप्रति स्वर्गीय डॉ. राधाकृष्णन का एक शिक्षक से राष्ट्रपति बनने का सफर हम सभी को प्रेरणा देता है. हमारे शिक्षाविद अरविन्द घोष, ईश्वरचंद विद्यासागर और बाबा साहब अम्बेडकर ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया है. कांग्रेस सरकार ने शिक्षा का अधिकार कानून बनाया था, जिससे कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह सके.
कमलनाथ ने कहा कि पिछले 15 साल में प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में जिस स्तर की प्रगति और सुधार होने चाहिए थे, वैसे नहीं हो पाए हैं. इन दिनों 13 हजार सरकारी स्कूलों को बंद करने की चर्चा हो रही है. सरकारी स्कूल बंद होना, सरकार की शिक्षा नीति की एक बड़ी असफलता है. ऐसे मामले प्रदेश को आगे बढ़ने से रोकते हैं.
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस सरकार को काम करने के लिए कम समय ही मिल पाया, जबकि जनादेश तो पांच वर्ष के लिए था. इस अल्प कार्यकाल में मेरी सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए बहुत सी योजनाओं पर काम शुरू किया था. 2019 में शिक्षा को लेकर भोपाल में एक सेमिनार आयोजित किया था, जिसमें चार सौ से ज्यादा विषय विशेषज्ञ शामिल हुए थे.
कमलनाथ ने कहा कि उनकी सरकार नें शिक्षकों के लिए “वाल ऑफ फेम” सम्मान योजना शुरू की थी. शिक्षकों के सरकारी सेवाकाल को सुरक्षित बनाने के लिये काम शुरू किया था, जो अधूरा रह गया है.