भोपाल। प्रदेश के छोटे शहरों को कमलनाथ सरकार बड़ी सौगात देने जा रही है. अब छोटे शहरों में बड़े अस्पतालों की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रियायती दरों पर जमीन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार स्वयं उठाएगी. सरकार की मंशा है कि छोटे शहरों में भी बड़े अस्पतालों की सुविधा मिलनी चाहिए और यदि छोटे शहरों में कोई अस्पताल खोलने का इच्छुक है तो सरकार मदद करते हुए उसे रियायती दरों पर जमीन उपलब्ध कराएगी. इसके लिए शहरों को तीन श्रेणियों में भी बांटा गया है.
- कैबिनेट बैठक में राज्य योजना आयोग का नाम राजनीति एवं नवाचार आयोग किया जाएगा.
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लिए भूमि आवंटन की जाएगी.
- विशिष्ट आवासीय विद्यालयों का संचालन रेजिडेंशियल एकेडमिक सोसाइटी को सौंपा जाएगा.
- मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 में कुछ संशोधन भी किए जाएंगे.
साथ ही सरकार कुछ नियमों को सरल करने जा रही है, ताकि योजनाओं का सही ढंग से लोगों को लाभ मिल सके. मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट मीटिंग के दौरान स्वास्थ्य से लेकर कई अहम मुद्दों को हरी झंडी दी जाएगी. बैठक में शहरों को A, B और C श्रेणी में बांटा जाएगा और A श्रेणी के शहरों में अस्पतालों की जमीन के लिए 40 फीसदी और B एवं C श्रेणी के शहरों में 75 प्रतिशत तक की छूट सरकार देगी. साथ ही छोटे शहरों में अस्पताल खोलने पर सरकारी मदद करीब ढाई गुना तक बढ़ जाएगी.
आज होने वाली कैबिनेट में-
- हेल्थ केयर इन्वेस्टमेंट पॉलिसी 2012 में संशोधन प्रस्ताव रखा जाएगा
- सरकार 50 बिस्तर तक के अस्पताल को 3 करोड़ का अनुदान देती है, इसे बढ़ाकर अब 7 करोड़ किया जाएगा.
- सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए 100 बिस्तर की अनिवार्यता घटाकर 50 बिस्तर करने का प्रस्ताव भी है. मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल भी 30 बिस्तर पर खोला जा सकेगा.
- कैबिनेट में कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और अन्य ट्रीटमेंट सेंटर के लिए अलग गाइडलाइन बनाने पर चर्चा की जाएगी.
- मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल ग्रेड -1 के लिए 30 बिस्तर से 90 बिस्तर और मल्टी स्पेशियलिटी ग्रेड -2 अस्पताल के लिए 100 से ज्यादा बिस्तर होना अनिवार्य किया जाएगा.
- सरकार आदिवासियों की जमीन का लैंड यूज बदलने का प्रस्ताव की कैबिनेट में आज प्रस्तुत करेगी.
- कलेक्टर की मंजूरी के बाद ही आदिवासी की जमीन खरीदने का प्रावधान भी खत्म करने की तैयारी की गई है.
- आदिवासियों की सेहत की नई नीति बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग सुषेण चिकित्सक प्रोत्साहन योजना का प्रस्ताव लाने जा रहा है.
- सरकार गौण खनिज की रॉयल्टी में भी वृद्धि करेगी. हर 3 साल में ये रॉयल्टी बढ़ाई जाती है.
- रेत की अलग निधि आ चुकी है, निर्माण सेक्टर में मंदी के कारण ग्रेनाइट मार्बल की रॉयल्टी नहीं बढ़ाई जा रही है, केवल गिट्टी, मिट्टी, मुरम में रॉयल्टी को 20 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा.