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MP उपचुनाव: 28 सीटों पर मतदान जारी, भगवान की शरण में ''शिव और नाथ'' - भगवान के सहारे 'शिव-कमल'

मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए मतदान हो रहे हैं. मतदान के दिन कमलनाथ और शिवराज दोनों भगवान की शरण में पहुंचे और पूजा अर्चना कर अपनी- अपनी जीत की कमाना की.

Kamal Nath and Shivraj worshiped
'शिव-कमल'
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Published : Nov 3, 2020, 11:32 AM IST

Updated : Nov 3, 2020, 12:42 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश के 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान जारी है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमलनाथ ने भगवान की पूजा की है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जहां सीएम हाउस स्थित मंदिर में पूजा की है, वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने भोपाल के गुफा मंदिर में हनुमान जी की पूजा अर्चना की है.

भगवान की शरण में पहुंचे सीएम

बताया जाता है कि, कमलनाथ हनुमान भक्त हैं और उन्होंने छिंदवाड़ा में विशाल हनुमान मूर्ति की प्रतिष्ठा भी कराई है. मंगलवार के दिन मतदान और मंगलवार को ही मतगणना के चलते कांग्रेस का मानना है कि, हनुमान जी का आशीर्वाद कमलनाथ को मिलेगा.

कमलनाथ ने हनुमानजी की पूजा के बाद कहा है कि, वोटिंग भी मंगलवार के दिन हो रहा है और मतगणना भी मंगलवार को है, निश्चित हनुमान जी के आशीर्वाद से कांग्रेस की सरकार बनेगी.

कमलनाथ ने की पूजा

मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर वोटिंग जारी है. नतीजे 10 नवंबर को आएंगे. यह उपचुनाव तय करेंगे की प्रदेश की सत्ता की कुर्सी पर कौन बैठेगा. तभी शायद दोनों दलों ने एड़ी-चोटी का जोर लगाकर जोर-शोर से प्रचार किया. हालांकि इस प्रचार में बीजेपी बाजी मार ले गई. बीजेपी ने कांग्रेस से ज्यादा जगहों पर प्रचार किया. सितंबर से लेकर 1 नवंबर तक बीजेपी ने कुल 282 जनसभाएं, 36 रोड शो की जबकि कांग्रेस ने लगभग 180 से ज्यादा जनसभाएं कीं. इसमें कमलनाथ ने 39 सभाएं और 3 रोड शो किए.

बीजेपी ने कीं ताबड़तोड़ रैलियां

वहीं अगर बात आचार संहिता के दौरान की जाए तो बीजेपी के 6 नेताओं शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, उमा भारती और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुल 274 सभाएं, रैली, सम्मेलन और रोड-शो किए. जबकि कांग्रेस ने कांग्रेस ने 174 सीटों पर प्रचार और जनसभाएं कीं.

स्टार प्रचारकों ने भी भरी हुंकार, अकेले पड़े कमलनाथ

33 दिन चले प्रचार में बीजेपी के स्टार प्रचारकों ने जमकर पसीना बहाया. शिवराज ने 84, कमलनाथ ने 39 सभाएं और सिंधिया ने 41 सभाएं कीं. जबकि कमलनाथ ने अकेले 39 सभाएं की. दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, डॉ. गोविंद सिंह व सज्जन सिंह वर्मा ने मिलकर 120 सभाएं कीं. कांग्रेस के स्टार प्रचारक कमलनाथ ने 28 में से 27 सीटों पर किया प्रचार किया.

सिंधिया के गढ़ में ज्यादा गरजे शिवराज

यह उपचुनाव बीजेपी के लिए कितना अहम हैं, इसका अंदाजा शिवराज की रैलियों से लगाया जा सकता है. सिंधिया के गढ़ में शिवराज ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से ज्यादा सभाएं, रैलियां और रोड शो किया. ग्वालियर-चंबल संभाग में शिवराज ने 42, ज्योतिरादित्य ने 44 और कमलनाथ ने 22 सभाएं कीं. शिवराज हर सीट पर पहुंचे. जबकि कांग्रेस के स्टार प्रचारक कमलनाथ ने 28 में से 27 सीटों पर किया प्रचार किया, लेकिन वो एक मात्र अम्बाह सीट पर नहीं जा पाए.

कमलनाथ

बीजेपी में किसने कितनी सभाएं कीं

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रत्याशियों के समर्थन में 84 जनसभा और 10 रोड शो किये. जबकि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने 46 जनसभा और 8 रोड शो, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 65 जनसभा और 8 रोड शो किए. वहीं केंद्रीय मंत्री नरेद्र सिंह तोमर ने 50 सभाएं व 6 रोड शो, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने 30 सभा और दो रोड शो में शामिल हुईं. राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशियों के समर्थन में 7 सभाएं, 2 रोड शो और कई नुक्कड़ सभाएं और सम्मेलन किये.

अकेले पड़े कमलनाथ ने संभाला मोर्चा

वहीं कांग्रेस की ओर से कमलनाथ अकेले मोर्चा संभाले रहे. कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में बड़े चेहरों में सिर्फ सचिन पायलट, मुकुल वासनिक, भूपेश बघेल और आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सभाएं कीं. जबकि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, रणदीप सुरजेवाला, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मध्य प्रदेश के उपचुनाव में प्रचार नहीं कर पाए. कमलनाथ ने 7 जुलाई को अपना पहला चुनावी दौरा बदनावर से शुरू किया था. उसके बाद 12 सितंबर से आगर से विधिवत मैदान में उतरे. 51 दिन में उन्होंने 28 उप चुनाव वाले विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में 39 सभाएं की. जबकि 3 रोड शो में भी शामिल हुए.

बहुमत का समीकरण

राहुल लोधी के इस्तीफे के बाद कुल 230 सीटों में काग्रेस के 87 विधायक रह गए हैं, तो वहीं बीजेपी के कुल 107 विधायक हैं. 4 निर्दलीय, 2 बसपा और 1 सपा का विधायक है. बाकी की 29 सीटें फिलहाल खाली हैं, जिनमें से 28 पर उपचुनाव हो रहे हैं. जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, उसमें से कुल 25 सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा की वजह से खाली हुई हैं, जो पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं, तो वहीं दो सीटें कांग्रेस विधायकों और एक सीट बीजेपी विधायक के निधन से रिक्त हुई है. बीजेपी को बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए मात्र नौ सीट जीतने की जरूरत है, जबकि कांग्रेस को 28 सीटों की जरूरत पड़ेगी.

भोपाल। मध्यप्रदेश के 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान जारी है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमलनाथ ने भगवान की पूजा की है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जहां सीएम हाउस स्थित मंदिर में पूजा की है, वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने भोपाल के गुफा मंदिर में हनुमान जी की पूजा अर्चना की है.

भगवान की शरण में पहुंचे सीएम

बताया जाता है कि, कमलनाथ हनुमान भक्त हैं और उन्होंने छिंदवाड़ा में विशाल हनुमान मूर्ति की प्रतिष्ठा भी कराई है. मंगलवार के दिन मतदान और मंगलवार को ही मतगणना के चलते कांग्रेस का मानना है कि, हनुमान जी का आशीर्वाद कमलनाथ को मिलेगा.

कमलनाथ ने हनुमानजी की पूजा के बाद कहा है कि, वोटिंग भी मंगलवार के दिन हो रहा है और मतगणना भी मंगलवार को है, निश्चित हनुमान जी के आशीर्वाद से कांग्रेस की सरकार बनेगी.

कमलनाथ ने की पूजा

मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर वोटिंग जारी है. नतीजे 10 नवंबर को आएंगे. यह उपचुनाव तय करेंगे की प्रदेश की सत्ता की कुर्सी पर कौन बैठेगा. तभी शायद दोनों दलों ने एड़ी-चोटी का जोर लगाकर जोर-शोर से प्रचार किया. हालांकि इस प्रचार में बीजेपी बाजी मार ले गई. बीजेपी ने कांग्रेस से ज्यादा जगहों पर प्रचार किया. सितंबर से लेकर 1 नवंबर तक बीजेपी ने कुल 282 जनसभाएं, 36 रोड शो की जबकि कांग्रेस ने लगभग 180 से ज्यादा जनसभाएं कीं. इसमें कमलनाथ ने 39 सभाएं और 3 रोड शो किए.

बीजेपी ने कीं ताबड़तोड़ रैलियां

वहीं अगर बात आचार संहिता के दौरान की जाए तो बीजेपी के 6 नेताओं शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, उमा भारती और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुल 274 सभाएं, रैली, सम्मेलन और रोड-शो किए. जबकि कांग्रेस ने कांग्रेस ने 174 सीटों पर प्रचार और जनसभाएं कीं.

स्टार प्रचारकों ने भी भरी हुंकार, अकेले पड़े कमलनाथ

33 दिन चले प्रचार में बीजेपी के स्टार प्रचारकों ने जमकर पसीना बहाया. शिवराज ने 84, कमलनाथ ने 39 सभाएं और सिंधिया ने 41 सभाएं कीं. जबकि कमलनाथ ने अकेले 39 सभाएं की. दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, डॉ. गोविंद सिंह व सज्जन सिंह वर्मा ने मिलकर 120 सभाएं कीं. कांग्रेस के स्टार प्रचारक कमलनाथ ने 28 में से 27 सीटों पर किया प्रचार किया.

सिंधिया के गढ़ में ज्यादा गरजे शिवराज

यह उपचुनाव बीजेपी के लिए कितना अहम हैं, इसका अंदाजा शिवराज की रैलियों से लगाया जा सकता है. सिंधिया के गढ़ में शिवराज ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से ज्यादा सभाएं, रैलियां और रोड शो किया. ग्वालियर-चंबल संभाग में शिवराज ने 42, ज्योतिरादित्य ने 44 और कमलनाथ ने 22 सभाएं कीं. शिवराज हर सीट पर पहुंचे. जबकि कांग्रेस के स्टार प्रचारक कमलनाथ ने 28 में से 27 सीटों पर किया प्रचार किया, लेकिन वो एक मात्र अम्बाह सीट पर नहीं जा पाए.

कमलनाथ

बीजेपी में किसने कितनी सभाएं कीं

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रत्याशियों के समर्थन में 84 जनसभा और 10 रोड शो किये. जबकि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने 46 जनसभा और 8 रोड शो, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 65 जनसभा और 8 रोड शो किए. वहीं केंद्रीय मंत्री नरेद्र सिंह तोमर ने 50 सभाएं व 6 रोड शो, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने 30 सभा और दो रोड शो में शामिल हुईं. राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशियों के समर्थन में 7 सभाएं, 2 रोड शो और कई नुक्कड़ सभाएं और सम्मेलन किये.

अकेले पड़े कमलनाथ ने संभाला मोर्चा

वहीं कांग्रेस की ओर से कमलनाथ अकेले मोर्चा संभाले रहे. कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में बड़े चेहरों में सिर्फ सचिन पायलट, मुकुल वासनिक, भूपेश बघेल और आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सभाएं कीं. जबकि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, रणदीप सुरजेवाला, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मध्य प्रदेश के उपचुनाव में प्रचार नहीं कर पाए. कमलनाथ ने 7 जुलाई को अपना पहला चुनावी दौरा बदनावर से शुरू किया था. उसके बाद 12 सितंबर से आगर से विधिवत मैदान में उतरे. 51 दिन में उन्होंने 28 उप चुनाव वाले विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में 39 सभाएं की. जबकि 3 रोड शो में भी शामिल हुए.

बहुमत का समीकरण

राहुल लोधी के इस्तीफे के बाद कुल 230 सीटों में काग्रेस के 87 विधायक रह गए हैं, तो वहीं बीजेपी के कुल 107 विधायक हैं. 4 निर्दलीय, 2 बसपा और 1 सपा का विधायक है. बाकी की 29 सीटें फिलहाल खाली हैं, जिनमें से 28 पर उपचुनाव हो रहे हैं. जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, उसमें से कुल 25 सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा की वजह से खाली हुई हैं, जो पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं, तो वहीं दो सीटें कांग्रेस विधायकों और एक सीट बीजेपी विधायक के निधन से रिक्त हुई है. बीजेपी को बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए मात्र नौ सीट जीतने की जरूरत है, जबकि कांग्रेस को 28 सीटों की जरूरत पड़ेगी.

Last Updated : Nov 3, 2020, 12:42 PM IST
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