भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत में इतिहास एक बार फिर दोहराया जा रहा है, क्योंकि कभी कांग्रेस की सरकार गिरा कर गोविंद नारायण सिंह को प्रदेश का सीएम बनवाने वाली जनसंघ की दिग्गज नेता राजमाता विजयाराजे सिंधिया की राह पर अब उनके पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया भी चल पड़े हैं.
जी हां कभी राजामाता विजयाराजे सिंधिया ने प्रदेश में डीपी मिश्र की सरकार गिरा कर सूबे में जनसंघ की सरकार बनावाई थी. कुछ ऐसा ही अब ज्योतिरादित्य सिंधिया भी करने जा रहे हैं.
तब डीपी मिश्र की सरकार गिरी थी
राजमाता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब कांग्रेस की सरकार गिराई थी. तब वे सदन में जनसंघ की नेता बनी थी. और गोविंद नारायण मिश्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. अब तीन दशक बाद इतिहास दोहराया जा रहा है. कहते है, वक्त और समय अपने आप को दोहराता है. जब राजमाता विजयाराजे सिंधिया कांग्रेस में थीं. तब के मुख्यमंत्री द्वारका प्रसाद मिश्र ने राजे-रजवाड़ों पर एक तंज कसा जो राजमाता को इतना चुभा की उन्होंने जनसंघ के नेताओं के साथ मिलकर डीपी मिश्र की सरकार गिरा दी थी.
अब गिर सकती है कमलनाथ सरकार
तब जनसंघ के 78 और सोशलिस्ट पार्टी के 32 विधायकों ने मिलकर प्रदेश में नई सरकार बनाई. जिसमें गोविंद नारायण सिंह प्रदेश के सीएम बने. तो राजामाता विजयाराजे सिंधिया सदन में पार्टी की नेता बनी थी. आज हालात फिर पांच दशक पुराने ही दिख रहे हैं. जब कमलनाथ ने सिंधिया की बगावत को नजर अंदाज किया. तो सिंधिया भी दादी की राह पर चल पड़े हैं, उन्होंने आज बीजेपी ज्वाइन कर ली.