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जूनियर डॉक्टर्स को अनिवार्य ग्रामीण सेवा में मिलेगी छूट, ये होगी शर्त... - Shivraj government

शिवराज सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कोरोना मरीजों के इलाज को देखते हुए मेडिसिन एनेस्थीसिया और पलमोनरी मेडिसिन में एमडी करने वाले छात्रों को राहत दी है. अगर छात्र कोविड हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं देते हैं, तो इन्हें 2 साल अनिवार्य ग्रामीण सेवा में छूट मिलेगी.

Cabinet Minister Vishwas Sarang
कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग
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Published : Sep 17, 2020, 7:25 PM IST

भोपाल। प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कोरोना मरीजों के इलाज को देखते हुए मेडिसिन एनेस्थीसिया और पलमोनरी मेडिसिन में एमडी करने वाले छात्रों को सरकार ने राहत दी है. यदि ये छात्र पीजीएमओ के रूप में कोविड हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं देते हैं, तो इन्हें 2 साल अनिवार्य ग्रामीण सेवा में छूट दी जाएगी. चिकित्सा शिक्षा मंत्री के मुताबिक जूनियर डॉक्टरों की दूसरी मांगों को भी निश्चित समय सीमा में पूरा करने की कार्रवाई की जाएगी.

राज्य शासन ने कोविड-19 ड्यूटी में पीजीएमओ के रूप में सेवाएं देने वाले जूनियर डॉक्टर की सेवा अवधि को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा स्वीकृत मानदेय पर 3 माह के लिए बढ़ाए जाने का भी निर्णय लिया है.

गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेजों में पीजी करने के बाद छात्र-छात्राओं को डिग्री डिप्लोमा पाठ्यक्रम के बाद 1 साल की अनिवार्य ग्रामीण सेवा करने का प्रावधान है. इस निर्णय के बाद कोरोना महामारी में पीजीएमओ के रूप में समर्पित सेवाएं देने वाले छात्र-छात्राओं को इसका लाभ मिल सकेगा. पिछले दिनों जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने इस संबंध में मांग की थी.

भोपाल। प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कोरोना मरीजों के इलाज को देखते हुए मेडिसिन एनेस्थीसिया और पलमोनरी मेडिसिन में एमडी करने वाले छात्रों को सरकार ने राहत दी है. यदि ये छात्र पीजीएमओ के रूप में कोविड हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं देते हैं, तो इन्हें 2 साल अनिवार्य ग्रामीण सेवा में छूट दी जाएगी. चिकित्सा शिक्षा मंत्री के मुताबिक जूनियर डॉक्टरों की दूसरी मांगों को भी निश्चित समय सीमा में पूरा करने की कार्रवाई की जाएगी.

राज्य शासन ने कोविड-19 ड्यूटी में पीजीएमओ के रूप में सेवाएं देने वाले जूनियर डॉक्टर की सेवा अवधि को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा स्वीकृत मानदेय पर 3 माह के लिए बढ़ाए जाने का भी निर्णय लिया है.

गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेजों में पीजी करने के बाद छात्र-छात्राओं को डिग्री डिप्लोमा पाठ्यक्रम के बाद 1 साल की अनिवार्य ग्रामीण सेवा करने का प्रावधान है. इस निर्णय के बाद कोरोना महामारी में पीजीएमओ के रूप में समर्पित सेवाएं देने वाले छात्र-छात्राओं को इसका लाभ मिल सकेगा. पिछले दिनों जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने इस संबंध में मांग की थी.

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