भोपाल। कोरोना के दौरान स्वास्थ्य विभाग के जिन अधिकारियों व कर्मचारियों को जनता ने भगवान का दर्जा दिया, वे भ्रष्टाचार में भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए हैं. स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर वैसे ही लगातार सवाल उठ रहे थे. हमीदिया अस्पताल में हुई लापरवाही किसी से छुपी नहीं थी. अब सीएमएचओ पर भी अनियमितता व करप्शन के आरोप लग रहे हैं. ये आरोप प्रदेश के पूरे स्वास्थ्य महकमे पर सवाल उठा रहे हैं.
आरोप है कि कोरोना राहत के लिए आए बजट में अफसरों ने मिलकर बंदरबांट की है. इस पर लगातार मिल रही शिकायतों पर स्वास्थ विभाग ने संभागीय टीम को जांच के लिए सीएमएचओ कार्यालय भेजा. करीब आधा दर्जन अधिकारी सीएमएचओ विभाग के फाइल जांचने में जुटे हुए हैं. कोरोना के लिए आए बजट और उस पर खर्च की गई राशि से जुड़े सभी दस्तावेज की पड़ताल शुरू की गई है.
भोपाल सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी पर अनियमितता के आरोप लग रहे हैं. कोरोना के दौरान मास्क, सैनिटाइजर खरीद व वॉलंटियर की भर्ती मामले में नियमों का पालन ना किए जाने का बात सामने आई है. हालांकि अभी मामले की जांच चल रही है.
भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच करने पहुंचे स्वास्थ विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर सुधीर जैसानी पर भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं. होशंगाबाद के कोविड सेंटर में दिए गए खाने को लेकर उन पर जांच चल रही है. लेकिन भोपाल सीएमएचओ पर लगे आरोपों की जांच का जिम्मा उन्हें ही सौंपा गया है. जिसके चलते इस जांच की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठ रहे हैं.