भोपाल। गुना के कैंट थाना क्षेत्र में जमीन पर अतिक्रमण के मामले में दलित किसान और उसके परिजनों के साथ पुलिस की बर्बरता को लेकर विपक्ष शिवराज सरकार पर हमलावर हो गया है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जहां इसे जंगलराज बताया है तो वहीं पूर्व मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी का कहना है कि किसानों की नुमाइंदगी का दावा करने वाली सरकार को भाषण का शासन बंद करना चाहिए और किसानों के सहयोग की सोच रखना चाहिए.
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जीतू पटवारी ने कहा कि कमलनाथ जब मुख्यमंत्री बने थे, तो प्रदेश में किसानों की आत्महत्या की दर कम हुई थी. अब शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बने हैं, तो फिर आत्महत्या का दौर शुरू हो गया है. पूर्व मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि कुछ दिनों पहले जबलपुर में किसान ने आत्महत्या करी थी. गुना में किसान पति-पत्नी ने जहर खाने की कोशिश की. पत्नी अभी भी गंभीर हालत में है. किसानों के हितों की रक्षा की बात करने वाले नेता, सरकार गिराने वाले नेता, 2 लाख की कर्ज माफी न करने के कारण सरकार गिराने की बात कहने वाले नेताओं का असली चेहरा सामने आने लगा है.
पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी साधा निशाना
गुना के कैंट थाना क्षेत्र मेंं दलित किसान दंपति पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर सियासत गरमा गई है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने पूछा कि शिवराज के राज में ये कैसा जंगल राज है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि ‘ये शिवराज सरकार प्रदेश को कहां ले जा रही है. ये कैसा जंगल राज है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि पीड़ित का जमीन संबंधी कोई शासकीय विवाद है तो भी उसे कानूनन हल किया जा सकता है, लेकिन इस तरह कानून हाथ में लेकर उसकी, उसकी पत्नी, परिजनो और मासूम बच्चों तक की इतनी बेरहमी से पिटाई, यह कहां का न्याय है. क्या यह सब इसलिए कि वो एक दलित परिवार से हैं, गरी किसान हैं. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस ये सब बर्दाश्त नहीं करेगी अगर ऐसा ही चलता रहा तो कांग्रेस आंदोलन करेगी.
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान
इस मामले में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि गुना के कैंट थाना क्षेत्र की घटना का वीडियो देखकर व्यथित हूं. इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचा जाना चाहिए. मैंने तत्काल अधिकारियों को उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं. भोपाल से जांच दल मौके पर जाकर पूरी घटना की जांच करेगा, जो भी दोषी पाया जाएगा, उसपर कार्रवाई करेंगे.
ये था मामला
गुना के कैंट थाना क्षेत्र के सरकारी पीजी कॉलेज की जमीन पर राजकुमार अहिरवार नाम का किसान लंबे समय से खेती कर रहा है. मंगलवार दोपहर अचानक गुना नगर पालिका का अतिक्रमण हटाओ दस्ता मौके पर पहुंचा था और राजकुमार द्वारा बोई गई फसल पर जेसीबी चलवाना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासनिक अमले ने अमानवीयता की सारी हदें भी पार कर दी थीं. किसान परिवार को सार्वजनिक तौर पर इतना प्रताड़ित किया कि उसने सबके सामने जहर पी लिया.अफसर इसे नाटक बताते रहे, लेकिन जब मां-बाप को बेहोश देखकर मासूम बच्चे बिलखने लगे तो अफसरों को होश आया और आनन-फानन में किसान दम्पती को अस्पताल पहुंचाया गया.
4 लाख का कर्ज लेकर की खेती
किसान राजकुमार ने बताया था कि ये उसकी पैतृक जमीन है. दादा-परदादा इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं. उसके पास पट्टा नहीं है, जब जमीन खाली पड़ी थी तो कोई नहीं आया. उसने 4 लाख रुपए का कर्ज लेकर बोवनी की है. अब फसल अंकुरित हो आई है. अगर इस पर बुल्डोजर न चलाया गया तो आत्महत्या के अलावा उसके पास दूसरा रास्ता नहीं है. हालांकि अब दोनों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.