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नेताओं या अधिकारियों का सार्वजनिक जीवन में चरण वंदना करना सही नहीं, मर्यादित हो आचरण: बीजेपी

मध्यप्रदेश की राजनीति में इन दिनों कांग्रेस नेताओं द्वारा की जा रही चरण वंदना पर बीजेपी ने सवाल उठाए हैं. बीजेपी का कहना है कि सार्वजनिक जीवन में नेताओं का व्यवहार उनके पद के अनुरूप होना चाहिए, नहीं तो जनता के बीच अच्छा संदेश नहीं जाता.

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल
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Published : Nov 16, 2019, 1:18 PM IST

Updated : Nov 16, 2019, 3:53 PM IST

भोपाल। प्रदेश की राजनीति में इस समय नेताओं और नौकरशाहों द्वारा की जा रही चरण वंदना चर्चा का केंद्र बनी हुई है. प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष तक चरण वंदना करते हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि इस मामले में सरकार की ओर से कोई कुछ भी कहने को तैयार नहीं, लेकिन बीजेपी ने इस पर सवाल उठाए हैं. बीजेपी का मानना है कि प्रशासनिक और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों का सार्वजनिक रूप से चरण वंदना करना उचित नहीं है.

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्वागत के दौरान दंडवत होकर उन्हें प्रणाम किया था. इस घटना के एक दिन बाद ही देवास नगर निगम की आयुक्त संजना जैन भी कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के पैर छूते हुए नजर आई थीं. अब ताजा मामला विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति का है, जिन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पैर छुए थे. लगातार हो रही चरण वंदना के बाद भाजपा भी कांग्रेस को नसीहत देने से पीछे कहां हटने वाली थी.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि किसी के पैर छूना गलत नहीं है, लेकिन जो लोग प्रशासनिक और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हुए हैं, उन्हें सार्वजनिक रूप से चरण स्पर्श करना शोभा नहीं देता. उन्होंने कहा कि नेताओं और अधिकारियों को अपनी पद की गरिमा का ख्याल करना चाहिए और उसी के अनुरूप मर्यादित व्यवहार करना चाहिए.

रजनीश अग्रवाल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति का सार्वजनिक कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह के पैर छूना संवैधानिक परंपराओं के अनुरूप नहीं है और संविधान भी उसकी इजाजत नहीं देता है. उन्हें इस तरह की चीजें करने से बचना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष यह सब करके आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि भले ही प्रोटोकॉल में ऐसा ना लिखा हो कि किसी के चरण स्पर्श करें या न करें, लेकिन ऐसी हरकतों से जनता के बीच अच्छा संदेश नहीं जाता है.

भोपाल। प्रदेश की राजनीति में इस समय नेताओं और नौकरशाहों द्वारा की जा रही चरण वंदना चर्चा का केंद्र बनी हुई है. प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष तक चरण वंदना करते हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि इस मामले में सरकार की ओर से कोई कुछ भी कहने को तैयार नहीं, लेकिन बीजेपी ने इस पर सवाल उठाए हैं. बीजेपी का मानना है कि प्रशासनिक और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों का सार्वजनिक रूप से चरण वंदना करना उचित नहीं है.

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्वागत के दौरान दंडवत होकर उन्हें प्रणाम किया था. इस घटना के एक दिन बाद ही देवास नगर निगम की आयुक्त संजना जैन भी कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के पैर छूते हुए नजर आई थीं. अब ताजा मामला विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति का है, जिन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पैर छुए थे. लगातार हो रही चरण वंदना के बाद भाजपा भी कांग्रेस को नसीहत देने से पीछे कहां हटने वाली थी.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि किसी के पैर छूना गलत नहीं है, लेकिन जो लोग प्रशासनिक और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हुए हैं, उन्हें सार्वजनिक रूप से चरण स्पर्श करना शोभा नहीं देता. उन्होंने कहा कि नेताओं और अधिकारियों को अपनी पद की गरिमा का ख्याल करना चाहिए और उसी के अनुरूप मर्यादित व्यवहार करना चाहिए.

रजनीश अग्रवाल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति का सार्वजनिक कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह के पैर छूना संवैधानिक परंपराओं के अनुरूप नहीं है और संविधान भी उसकी इजाजत नहीं देता है. उन्हें इस तरह की चीजें करने से बचना चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष यह सब करके आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि भले ही प्रोटोकॉल में ऐसा ना लिखा हो कि किसी के चरण स्पर्श करें या न करें, लेकिन ऐसी हरकतों से जनता के बीच अच्छा संदेश नहीं जाता है.

Intro:प्रशासनिक और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों को सार्वजनिक रूप से चरण वंदना करना नहीं है उचित = बीजेपी

भोपाल | प्रदेश की राजनीति में इस समय चरण वंदना लगातार चर्चा के केंद्र में बनी हुई है प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष तक चरण वंदना करते हुए नजर आ रहे हैं हालांकि इस चरण वंदना के बाद प्रदेश सरकार की ओर से कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं है लेकिन बीजेपी ने इस चरण वंदना को लेकर सवाल उठाए हैं बीजेपी का मानना है कि प्रशासनिक और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों को सार्वजनिक रूप से चरण वंदना करना उचित नहीं है .


Body:बता दें कि कुछ दिनों पहले ही प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके स्वागत के दौरान दंडवत होकर प्रणाम किया था . इसके 1 दिन बाद ही देवास नगर निगम आयुक्त संजना जैन भी कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के पैर छूते हुए नजर आई थी . अब ताजा मामला विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति का है जिन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पैर छुए हैं . लगातार हो रही चरण वंदना के बाद बीजेपी भी कांग्रेस को नसीहत देने से पीछे कहां हटने वाली थी .


Conclusion:बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि किसी के पैर छूना गलत नहीं है लेकिन जो लोग प्रशासनिक को और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हुए हैं उन लोगों का सार्वजनिक रूप से चरण वंदना करना या चरण स्पर्श करते हुए नजर आना कतई उचित नहीं है इन लोगों को सार्वजनिक रूप से संयमित और मर्यादित व्यवहार करना होगा . विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा जो कुछ किया गया है वह कतई संवैधानिक परंपराओं के अनुरूप नहीं है और संविधान भी उसकी इजाजत नहीं देता है उन्हें इस तरह की चीजें करने से बचना चाहिए विधानसभा अध्यक्ष यह सब करके आखिर क्या संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं भले ही प्रोटोकॉल में ऐसा ना लिखा हो कि किसी के पैर छुए या किसी के ना छुए लेकिन सार्वजनिक रूप से संदेश अच्छा नहीं जाता है .
Last Updated : Nov 16, 2019, 3:53 PM IST
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