भोपाल। कई दिनों से देश की राजधानी दिल्ली सहित कई अन्य राज्यों में भारी बारिश हो रही है, जिसके चलते पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं भी बढ़ गई हैं, नदियां उफान पर हैं. मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) के अनुसार, अगले कुछ घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर सामान्य बारिश होने का अनुमान है. इसके साथ ही विभाग ने 28 से 31 अगस्त के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के बाकी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया है.
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28/08/2021: 07:50 IST; Thunderstorms with light to moderate intensity rain would occur over Katrauli, Garhmukhteshwar (U.P) during the next 2 hours.
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एमपी में फिलहाल बारिश की संभावना नहीं
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड, और महाराष्ट्र में भारी बारिश की उम्मीद है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले कुछ घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश के कटरौली, मेरठ, बागपत, नजीबाबाद और आसपास के क्षेत्रों के अलग-अलग स्थानों पर हल्की तीव्रता की बारिश होने का अनुमान जताया है. और आसपास के क्षेत्रों के अलग-अलग स्थानों पर हल्की तीव्रता की बारिश होने का अनुमान जताया है. इसके साथ ही आइएमडी ने अगले चार दिनों तक यानी 28 से 31 अगस्त के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के बाकी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधि की भी भविष्यवाणी की है.
वहीं एमपी के ग्वालियर-चंबल संभाग में हाल ही में आई बाढ़ (Flood in Gwalior) ने सबकुछ बर्बाद कर दिया था, जबकि सूबे के कई संभाग सूखे की कगार पर खड़े हैं. मालवा-निमाड़ के बाद अब जबलपुर-बुंदेलखंड (Jabalpur Bundelkhand) के हालात भी बिगड़ने लगे हैं, जबकि बड़े शहरों में भी स्थिति ठीक नहीं है. सामान्य से कम बारिश चिंता बढ़ा रही है. मौसम विभाग (Indian Meteorological Department) के मुताबिक, अगले 10 दिन में इन इलाकों में अच्छी बारिश नहीं होती है तो हालत और बिगड़ जाएंगे. हालांकि, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर और सिंगरौली में सामान्य से ज्यादा बारिश होने से लोग परेशान हैं.
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एक हफ्ते में सूबे में बारिश होने के बाद भी स्थिति खराब हो गई है, प्रदेश के 13 जिले सूखे की चपेट (Drought 13 District) में हैं. यहां कम बारिश के कारण लोग परेशान हैं. पीने के पानी से लेकर फसलों की सिंचाई तक के लिए पानी नहीं है. इंदौर, धार, खरगोन, बड़वानी, हरदा, पन्ना, दमोह, कटनी, जबलपुर, सिवनी, छतरपुर, मंडला और बालाघाट लगातार सूखा झेल रहे हैं. ग्वालियर-चंबल में 50 साल बाद इतनी भीषण बाढ़ आई है. भिंड, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, विदिशा, राजगढ़, आगर-मालवा, शाजापुर, उज्जैन, मंदसौर और सिंगरौली में सबसे ज्यादा बारिश हुई है.
वहीं भोपाल-होशंगाबाद के सागर में अभी सामान्य बारिश का ग्राफ नीचे चला गया है, अब ये इलाके ग्रीन जोन (Weather Green Zone) में होने के बाद भी खतरे के निशान पर पहुंच गए हैं. भोपाल, होशंगाबाद, झाबुआ, आलीराजपुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सीहोर, टीकमगढ़, मुरैना, दतिया, सतना, रीवा, अनूपपुर, उमरिया और डिंडौरी में बारिश का ग्राफ सामान्य से काफी नीचे पहुंच गया है. अगर बारिश नहीं होती है तो ये भी रेड जोन (Weather Red Zone) में पहुंच जाएंगे. भोपाल में अब एक भी डैम के गेट नहीं खुल पाए हैं.