भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है. राजधानी में लगे इस कर्फ्यू के दौरान कई पाबंदियां हैं, लिहाजा अब इन पाबंदियों के दौरान यहां महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा के मामले बढ़ने लगे हैं. कोरोना कर्फ्यू के दौरान लोगों को अनावश्यक बिना वजह के घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं हैं और महिलाओं के साथ घरेलु हिंसा के मामले बढ़ने का यह भी एक कारण है. वहीं, कोरोना कर्फ्यू के कारण यह महिलाएं अपने साथ हो रहे इन अपराधों की पुलिस में शिकायत में नहीं दर्ज करा पा रही हैं.
- सीएम शिवराज ने जताया खेद
पिछले साल मार्च के बाद भारत में कोरोना संक्रमण के कारण लगे देशव्यापी लॉकडाउन में भी महिलाओं के साथ घरेलु हिंसा के कई मामले सामने आई थे, जिसे लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी खेद व्यक्त किया था. वहीं, अगर पूरे प्रदेश की बात की जाए तो यहां लॉकडाउन के दौरान 2 दर्दनाक घटनाएं सामने आई थी, जिसमें महिलाओं के पति ने अपनी-अपनी पत्नियों के हाथ पैर काट दिए थे. प्रदेश में ऐसे और भी कई मामले लॉकडाउन के दौरान सामने आए हैं.
MP: 24 घंटे में रिकॉर्ड 105 मरीजों की मौत, 12758 नये संक्रमित
- ससुराल ही नहीं मायके में भी प्रताड़ित महिलाएं
महिलाओं के साथ हो रही घरेलु हिंसा को लेकर भोपाल न्यायालय की परिवार परामर्शदाता सरिता राजानी ने बताया कि घरेलू हिंसा और प्रताड़ना के मामले काफी बढ़ रहे हैं. उन्होंने रहा कि न्याय का देर से मिलना न्याय न मिलने जैसा होता है, इस समय जो महिलाएं घरेलू हिंसा से प्रताड़ित हैं और अपने ससुराल को छोड़कर मायके में रह रही हैं, उन्हें अपने मायके में भी प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने आगे कहा कि इस समय महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा के साथ क्रूरता पूर्ण व्यवहार हो रहा है, जिसके लिए समाज को जागरूक होना पड़ेगा.