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MP हैंडलूम ने बनाई इम्युनिटी बूस्टर साड़ी, विशेष प्रकार के मसालों से होती है तैयार

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में विकसित किए गए खास मेडिसिनल क्लोथिंग आयुर्वस्त्र भोपाल-इंदौर के बाद अब देश के 36 मृगनयनी सेंटरों पर बिकेंगे. इम्यूनिटी बूस्ट करने वाली आयुर्वेदिक साड़ी को बेहतर रिस्पांस मिल रहा है.

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Published : Aug 19, 2020, 10:02 AM IST

भोपाल। कोरोना संक्रमण के दौर में हर व्यक्ति अपने शरीर की इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कई तरह के उपाय कर रहा है, लेकिन मध्यप्रदेश के हथकरघा एवं हस्तशिल्प संचालनालय के अधिकारियों की सलाह पर शहर के टैक्सटाइल एक्सपोर्ट ने ऐसी साड़ियां तैयार की है जिसे पहनने से शरीर की त्वचा की इम्युनिटी बढ़ जाएगी. इसके लिए वस्त्रों को औषधियों में भिगोकर तैयार किया जाता है. ऐसी साड़ियों को आयुर्वस्त्र नाम दिया गया है.

एमपी में तैयार हुई इम्यूनिटी बूस्टर साड़ी

इम्युनिटी बूस्टर साड़ियां

इन साड़ियों को बनाने के लिए खास हुनर और तय समय की जरूरत होती है. इसके लिए साड़ियों को कई पड़ाव और बारीकियों से गुजारा जाता है. तब कहीं जाकर यह उपयोग के लिए यह तैयार होती है. इन आयुर्वस्त्र को बनाने के लिए कई औषधियों का उपयोग किया जाता है. साड़ियां प्रिंट होकर तैयार होने के बाद लॉन्ग, बड़ी इलायची, छोटी इलायची, चक्र फूल, जावित्री, दालचीनी, कालीमिर्च, शाही जीरा, तेज पत्ते के मसाले को लोहे के हमाम दस्ते में बारीक कोटा जाता है.

Sarees are made using these spices
इन मसालों के उपयोग से बनती है साड़ी

ऐसे तैयार होती है बूस्टर साड़ियां

इसके बाद इन मसालों की पोटली बनाकर 48 घंटे तक पानी में रखा जाता है और फिर औषधि युक्त पानी की भाप पर रखकर वस्त्रों को घंटों तक ट्रीट किया जाता है. इसके बाद तैयार होती हैं इम्यूनिटी बूस्ट करने वाली है साड़ियां. इन साड़ियों को बनाने वाले टैक्सटाइल एक्सपर्ट विनोद मालेवार के मुताबिक एक साड़ी बनाने में करीब 5 से 6 दिन का वक्त लगता है.

Medicinal Clothing aayurvastr
साड़ियों को दिया गया आयुर्वस्त्र नाम

आयुर्वेद डॉक्टर भी कर चुके हैं साड़ियों की तारीफ

आयुर्वस्त्र के जरिए त्वचा की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए जाने के दावों से आयुर्वेद विशेषज्ञ भी असहमत नहीं है. भोपाल के पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज के एचओडी डॉ नितिन मारवाह के मुताबिक आयुर्वस्त्र में जितनी भी औषधियों का उपयोग किया जा रहा है इन सभी में एक खास तत्व पाया जाता है जो त्वचा पर सकारात्मक असर डालता है। अब अगर कोई नई विधा का उपयोग इनमें कर रहा है तो जरूर इनके पास इसका कोई आधार होगा.

हर्बल मसालों से तैयार हुई है साड़ियां

मध्यप्रदेश हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम ने नया प्रयोग करते हुए सैंकड़ों साल पुराने प्राचीन हर्बल मसालों से साड़ी तैयार किया है, इस इम्यूनिटी बूस्टर साड़ी से लोगों की स्किन इम्यूनिटी बनी रहने की बात कही जा रही है. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में विकसित किए गए खास मेडिसिनल क्लोथिंग आयुर्वस्त्र भोपाल-इंदौर के बाद देश के 36 सेंटरों पर बिकेंगे.

एमपी में यहां मिलेगी साड़ियां

उधर मध्यप्रदेश में भोपाल के अलावा ग्वालियर के तानसेन होटल, सर्राफा बाजार ग्वालियर, पालिका प्लाजा इंदौर, डोडी काउंटर सीहोर, खजुराहो, ओरछा, पचमढ़ी, जबलपुर, सांची, महेश्वर, छिंदवाड़ा, सागर, बैतूल, होशंगाबाद, मंडीदीप, चंदेरी में भी मृगनयनी के शोरूम से ये वस्त्र बेचे जा रहे हैं.

एमपी के बाहर इन शहरों में मिलेगी साड़ियां

हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास संचालनालय के आयुक्त राजीव शर्मा के मुताबिक हथकरघा एवं हस्तशिल्प के देश भर के अलग-अलग स्थानों पर 36 सेंटर मृगनयनी इंपोरियम के नाम से स्थापित है. इन सेंटरों पर आयुर्वस्त्र बेचने के लिए रखा जाएगा. इनमें मध्यप्रदेश के बाहर 14 सेंटर हैं. इनमें गोवा, मुंबई, नोएडा, नई दिल्ली, अहमदाबाद, केवाडिया ग्राम गुजरात, जयपुर, कालीघाट, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, रायपुर शामिल हैं. इन सभी सेंटरों में 30 अगस्त से ये साड़िया मिलने की संभावना जताई गई है.

भोपाल। कोरोना संक्रमण के दौर में हर व्यक्ति अपने शरीर की इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कई तरह के उपाय कर रहा है, लेकिन मध्यप्रदेश के हथकरघा एवं हस्तशिल्प संचालनालय के अधिकारियों की सलाह पर शहर के टैक्सटाइल एक्सपोर्ट ने ऐसी साड़ियां तैयार की है जिसे पहनने से शरीर की त्वचा की इम्युनिटी बढ़ जाएगी. इसके लिए वस्त्रों को औषधियों में भिगोकर तैयार किया जाता है. ऐसी साड़ियों को आयुर्वस्त्र नाम दिया गया है.

एमपी में तैयार हुई इम्यूनिटी बूस्टर साड़ी

इम्युनिटी बूस्टर साड़ियां

इन साड़ियों को बनाने के लिए खास हुनर और तय समय की जरूरत होती है. इसके लिए साड़ियों को कई पड़ाव और बारीकियों से गुजारा जाता है. तब कहीं जाकर यह उपयोग के लिए यह तैयार होती है. इन आयुर्वस्त्र को बनाने के लिए कई औषधियों का उपयोग किया जाता है. साड़ियां प्रिंट होकर तैयार होने के बाद लॉन्ग, बड़ी इलायची, छोटी इलायची, चक्र फूल, जावित्री, दालचीनी, कालीमिर्च, शाही जीरा, तेज पत्ते के मसाले को लोहे के हमाम दस्ते में बारीक कोटा जाता है.

Sarees are made using these spices
इन मसालों के उपयोग से बनती है साड़ी

ऐसे तैयार होती है बूस्टर साड़ियां

इसके बाद इन मसालों की पोटली बनाकर 48 घंटे तक पानी में रखा जाता है और फिर औषधि युक्त पानी की भाप पर रखकर वस्त्रों को घंटों तक ट्रीट किया जाता है. इसके बाद तैयार होती हैं इम्यूनिटी बूस्ट करने वाली है साड़ियां. इन साड़ियों को बनाने वाले टैक्सटाइल एक्सपर्ट विनोद मालेवार के मुताबिक एक साड़ी बनाने में करीब 5 से 6 दिन का वक्त लगता है.

Medicinal Clothing aayurvastr
साड़ियों को दिया गया आयुर्वस्त्र नाम

आयुर्वेद डॉक्टर भी कर चुके हैं साड़ियों की तारीफ

आयुर्वस्त्र के जरिए त्वचा की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए जाने के दावों से आयुर्वेद विशेषज्ञ भी असहमत नहीं है. भोपाल के पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज के एचओडी डॉ नितिन मारवाह के मुताबिक आयुर्वस्त्र में जितनी भी औषधियों का उपयोग किया जा रहा है इन सभी में एक खास तत्व पाया जाता है जो त्वचा पर सकारात्मक असर डालता है। अब अगर कोई नई विधा का उपयोग इनमें कर रहा है तो जरूर इनके पास इसका कोई आधार होगा.

हर्बल मसालों से तैयार हुई है साड़ियां

मध्यप्रदेश हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम ने नया प्रयोग करते हुए सैंकड़ों साल पुराने प्राचीन हर्बल मसालों से साड़ी तैयार किया है, इस इम्यूनिटी बूस्टर साड़ी से लोगों की स्किन इम्यूनिटी बनी रहने की बात कही जा रही है. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में विकसित किए गए खास मेडिसिनल क्लोथिंग आयुर्वस्त्र भोपाल-इंदौर के बाद देश के 36 सेंटरों पर बिकेंगे.

एमपी में यहां मिलेगी साड़ियां

उधर मध्यप्रदेश में भोपाल के अलावा ग्वालियर के तानसेन होटल, सर्राफा बाजार ग्वालियर, पालिका प्लाजा इंदौर, डोडी काउंटर सीहोर, खजुराहो, ओरछा, पचमढ़ी, जबलपुर, सांची, महेश्वर, छिंदवाड़ा, सागर, बैतूल, होशंगाबाद, मंडीदीप, चंदेरी में भी मृगनयनी के शोरूम से ये वस्त्र बेचे जा रहे हैं.

एमपी के बाहर इन शहरों में मिलेगी साड़ियां

हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास संचालनालय के आयुक्त राजीव शर्मा के मुताबिक हथकरघा एवं हस्तशिल्प के देश भर के अलग-अलग स्थानों पर 36 सेंटर मृगनयनी इंपोरियम के नाम से स्थापित है. इन सेंटरों पर आयुर्वस्त्र बेचने के लिए रखा जाएगा. इनमें मध्यप्रदेश के बाहर 14 सेंटर हैं. इनमें गोवा, मुंबई, नोएडा, नई दिल्ली, अहमदाबाद, केवाडिया ग्राम गुजरात, जयपुर, कालीघाट, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, रायपुर शामिल हैं. इन सभी सेंटरों में 30 अगस्त से ये साड़िया मिलने की संभावना जताई गई है.

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