भोपाल। नवरात्रि में नौ दिनों तक मां के अलग-अलग 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि का आज पांचवा दिन है. इस क्रम में आज यानि 17 अप्रैल को मां स्कंदमाता के दर्शन होंगे और श्रद्धालु उनकी पूजा-अर्चना करेंगे. ऐसे में हमारी इस खास खबर के माध्यम से जानें मां स्कंदमाता के स्वरूप की कैसे करनी है पूजा-अर्चना. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी स्कंद माता से प्रदेश की समृद्धि के लिए प्रार्थना की है.
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सिंहासनगता नित्यं, पद्माश्रितकरद्वया।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 17, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
शुभदास्तु सदा देवी, स्कंदमाता यशस्विनी।
चैत्र नवरात्रि में मां अम्बे के पंचम स्वरूप स्कंदमाता से यही प्रार्थना कि हम धर्म पथ पर चलते हुए अपने कर्तव्यों के निर्वहन में पूर्णत: सफल हों।
कोई असहाय न रहे, हर घर धन-धान्य से भरा रहे, यही कामना। pic.twitter.com/5KtPaWa7no
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— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 17, 2021
शुभदास्तु सदा देवी, स्कंदमाता यशस्विनी।
चैत्र नवरात्रि में मां अम्बे के पंचम स्वरूप स्कंदमाता से यही प्रार्थना कि हम धर्म पथ पर चलते हुए अपने कर्तव्यों के निर्वहन में पूर्णत: सफल हों।
कोई असहाय न रहे, हर घर धन-धान्य से भरा रहे, यही कामना। pic.twitter.com/5KtPaWa7noसिंहासनगता नित्यं, पद्माश्रितकरद्वया।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 17, 2021
शुभदास्तु सदा देवी, स्कंदमाता यशस्विनी।
चैत्र नवरात्रि में मां अम्बे के पंचम स्वरूप स्कंदमाता से यही प्रार्थना कि हम धर्म पथ पर चलते हुए अपने कर्तव्यों के निर्वहन में पूर्णत: सफल हों।
कोई असहाय न रहे, हर घर धन-धान्य से भरा रहे, यही कामना। pic.twitter.com/5KtPaWa7no
ऐसा मान्यता है कि आज के दिन जो भी श्रद्धालु पवित्र मन से मां स्कंदमाता की पूजा करता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आज पूरे दिन श्रद्धालुओं को मां स्कंदमाता देवी के स्वरूप का ध्यान करना चाहिए. साथ ही अपना तन-मन मां के चरणों में समर्पित कर देना चाहिए. कमल के पुष्प पर विराजित मां स्कंदमाता की चार भुजाएं है. मां को विद्यावाहिनी दुर्गा देवी की रूप में भी जाना जाता है. मां स्कंदमाता की गोद में भगवान स्कन्द बाल रूप में विराजित हैं.
जानें कैसे करें मां स्कंदमाता की पूजा
सबसे पहले उठते ही मां स्कंदमाता को नमन करें. पूजा में कुमकुम, अक्षत, ताजा फल-फूल आदि शामिल करें. इसके बाद मां को चंदन लगाएं, शुद्ध देशी घी का दीपक जलाएं. अब मां को केले का भोग लगाएं. इसके बाद माता की कथा पढ़ें या घर में कोई बड़ा कथा कह रहा है तो ध्यानपूर्वक सुनें. कथा सुनने के बाद मां की आरती करें. अंत में प्रसाद कन्याओं में बांट दें. ऐसा करने से मां की असीम कृपा आप पर बनी रहेगी और मां प्रसन्न होंगी. साथ ही श्रद्धालुओं की सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी.
मन ही मन इस मंत्र का करें जाप
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥