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किसान नेता और कांग्रेस का आरोप, प्रदेश सरकार की लापरवाही के चलते केंद्र नहीं दे किसान योजनाओं का फंड

किसानों की आय को दोगुना करने और खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है, लेकिन फंड की कमी के चलते मध्यप्रदेश में ये योजनाए ठीक तरीके से क्रियान्वित नहीं हो पा रही है.

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प्रदेश सरकार की लापरवाही के चलते केंद्र नहीं दे किसान योजनाओं का फंड
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Published : Aug 24, 2021, 10:09 PM IST

भोपाल। मप्र की भाजपा सरकार किसानों की आय को दोगुना करने और खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है, लेकिन फंड की कमी के चलते ये योजनाओं ठीक तरीके से क्रियान्वित नहीं हो पा रही है. केंद्र सरकार अपनी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में किसानों को कृषि उपकरण और सिचाई के लिए ड्रिप स्प्रिंकलर खरीदने के लिए अनुदान देती है लेकिन केंद्र द्वारा इस साल मप्र को इस योजना में कोई फंड नहीं मिलने से किसानों को मिलने वाले अनुदान पर संकट खड़ा हो गया है.

प्रदेश सरकार की लापरवाही के चलते केंद्र नहीं दे किसान योजनाओं का फंड

647 करोड़ में से मिले सिर्फ 87 करोड़

किसानों की आय दोगुना करने की तमाम योजनाओं में केंद्र और राज्य सरकार खेती से जुड़ी 24 से ज्यादा योजनाओं का संचालन कर रही हैं. इन विभिन्न योजनाों में केंद्र सरकार से 60 प्रतिशत अंश के रूप में मप्र को 647 करोड़ रुपए की राशि मिलना थी लेकिन 31 जुलाई तक मप्र को केवल 87 करोड रुपए मिल सके हैं. इनमें कृषि ग्राम विकास में 16.70 करोड़, एग्रीकल्चर एक्सटेंशन में 12.50 करोड़, सीड एंड प्लानिंग मटेरियल में 4.92 करोड़ और खाद्य सुरक्षा मिशन में 53 करोड़ रुपए की राशि मिल सकी है.

इन योजनाओं में अभी तक नहीं मिला फंड
सूत्रों के मुताबिक स्वाइल हेल्थ कार्ड में 23.72 करोड़ रुपए, ट्रैक्टर-ट्राली अनुदान में 40.20 करोड़,फार्म वाटर मैनेजमेंट में 20.75 करोड़, स्वाइल हेल्थ मैनेजमेंट में 11.69 करोड़ की राशि फंड के रूप में मिलना था ,लेकिन इन सभी योजनाओं में इस साल अब तक कोई भी राशि नहीं मिली है. ऐसे में किसानों की आय दोगुनी करने का सपना भला कैसे परवान चढ़ेगा. कांग्रेस ने भी सरकार की प्लानिंग पर सवाल उठाए हैं.

प्रदेश सरकार की लापरवाही के चलते केंद्र नहीं दे किसान योजनाओं का फंड

अपने हिस्सा की मांग करे सरकार
किसानों से जुड़ी योजनाओं में केंद्र से मिलने वाला फंड न मिलने को लेकर कांग्रेस ने केंद्र और राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव का कहना है कि केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें किसान विरोधी हैं. वे सिर्फ बातें करती हैं जबकि हकीकत में किसानों को कोई राहत नहीं मिल रही है. प्रदेश में किसानों का शोषण किया जा रहा है. केंद्र ने राज्य को मिलने वाला जो फंड रोक रखा है उसे जारी करने के लिए राज्य सरकार को तत्काल केंद्र से अपना हिस्सा जारी करने की मांग करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ही किसानों की सच्ची हितैषी है.

राज्य सरकार लापरवाह, किसानों को नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ
किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्काजी का कहना है कि किसानों की हित की बात करने वाले मुख्यमंत्री गेंद केंद्र के पाले में फेंक देते हैं, जबकि इस पूरे मामले में राज्य सरकार ही ज्यादा लापरवाह दिखाई देती है. कक्काजी के मुताबिक केंद्र सरकार ने अब अलग अलग मदों में फंड रिलीज करने के लिए सभी विभागों को अपने बैंक खाते खोलने की शर्त लागू कर दी है. इसके जरिए अब सभी विभागों के मद में सीधे ही पैसा आएगा. जिससे यह राशि किसी और मद में न खर्च हो सके. कक्काजी आरोप लगाते हैं कि मप्र मे कृषि से जुडे कई विभागों के खाते ही नहीं खोले गए हैं. इससे किसानों को फंड नहीं मिल रहा है जिससे वे केंद्र और राज्यों की योजनाओँ का कोई भी लाभ नहीं उठा पा रहे.


इस पूरे मामले को लेकर कृषि जानकारों का भी यही कहना है कि किसानों की आय दोगुना करने का वादा करने वाली केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार को किसानों को लेकर की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. ऐसा न होने से और किसान आंदोलन के चलते देश में सरकार के खिलाफ किसानों में गुस्सा पनप रहा है. ऐसे माहौल में केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों को किसानों को योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.

भोपाल। मप्र की भाजपा सरकार किसानों की आय को दोगुना करने और खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है, लेकिन फंड की कमी के चलते ये योजनाओं ठीक तरीके से क्रियान्वित नहीं हो पा रही है. केंद्र सरकार अपनी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में किसानों को कृषि उपकरण और सिचाई के लिए ड्रिप स्प्रिंकलर खरीदने के लिए अनुदान देती है लेकिन केंद्र द्वारा इस साल मप्र को इस योजना में कोई फंड नहीं मिलने से किसानों को मिलने वाले अनुदान पर संकट खड़ा हो गया है.

प्रदेश सरकार की लापरवाही के चलते केंद्र नहीं दे किसान योजनाओं का फंड

647 करोड़ में से मिले सिर्फ 87 करोड़

किसानों की आय दोगुना करने की तमाम योजनाओं में केंद्र और राज्य सरकार खेती से जुड़ी 24 से ज्यादा योजनाओं का संचालन कर रही हैं. इन विभिन्न योजनाों में केंद्र सरकार से 60 प्रतिशत अंश के रूप में मप्र को 647 करोड़ रुपए की राशि मिलना थी लेकिन 31 जुलाई तक मप्र को केवल 87 करोड रुपए मिल सके हैं. इनमें कृषि ग्राम विकास में 16.70 करोड़, एग्रीकल्चर एक्सटेंशन में 12.50 करोड़, सीड एंड प्लानिंग मटेरियल में 4.92 करोड़ और खाद्य सुरक्षा मिशन में 53 करोड़ रुपए की राशि मिल सकी है.

इन योजनाओं में अभी तक नहीं मिला फंड
सूत्रों के मुताबिक स्वाइल हेल्थ कार्ड में 23.72 करोड़ रुपए, ट्रैक्टर-ट्राली अनुदान में 40.20 करोड़,फार्म वाटर मैनेजमेंट में 20.75 करोड़, स्वाइल हेल्थ मैनेजमेंट में 11.69 करोड़ की राशि फंड के रूप में मिलना था ,लेकिन इन सभी योजनाओं में इस साल अब तक कोई भी राशि नहीं मिली है. ऐसे में किसानों की आय दोगुनी करने का सपना भला कैसे परवान चढ़ेगा. कांग्रेस ने भी सरकार की प्लानिंग पर सवाल उठाए हैं.

प्रदेश सरकार की लापरवाही के चलते केंद्र नहीं दे किसान योजनाओं का फंड

अपने हिस्सा की मांग करे सरकार
किसानों से जुड़ी योजनाओं में केंद्र से मिलने वाला फंड न मिलने को लेकर कांग्रेस ने केंद्र और राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव का कहना है कि केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें किसान विरोधी हैं. वे सिर्फ बातें करती हैं जबकि हकीकत में किसानों को कोई राहत नहीं मिल रही है. प्रदेश में किसानों का शोषण किया जा रहा है. केंद्र ने राज्य को मिलने वाला जो फंड रोक रखा है उसे जारी करने के लिए राज्य सरकार को तत्काल केंद्र से अपना हिस्सा जारी करने की मांग करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ही किसानों की सच्ची हितैषी है.

राज्य सरकार लापरवाह, किसानों को नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ
किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्काजी का कहना है कि किसानों की हित की बात करने वाले मुख्यमंत्री गेंद केंद्र के पाले में फेंक देते हैं, जबकि इस पूरे मामले में राज्य सरकार ही ज्यादा लापरवाह दिखाई देती है. कक्काजी के मुताबिक केंद्र सरकार ने अब अलग अलग मदों में फंड रिलीज करने के लिए सभी विभागों को अपने बैंक खाते खोलने की शर्त लागू कर दी है. इसके जरिए अब सभी विभागों के मद में सीधे ही पैसा आएगा. जिससे यह राशि किसी और मद में न खर्च हो सके. कक्काजी आरोप लगाते हैं कि मप्र मे कृषि से जुडे कई विभागों के खाते ही नहीं खोले गए हैं. इससे किसानों को फंड नहीं मिल रहा है जिससे वे केंद्र और राज्यों की योजनाओँ का कोई भी लाभ नहीं उठा पा रहे.


इस पूरे मामले को लेकर कृषि जानकारों का भी यही कहना है कि किसानों की आय दोगुना करने का वादा करने वाली केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार को किसानों को लेकर की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. ऐसा न होने से और किसान आंदोलन के चलते देश में सरकार के खिलाफ किसानों में गुस्सा पनप रहा है. ऐसे माहौल में केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों को किसानों को योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.

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