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एमपी की सियासत में गरमाया जम्मू कश्मीर के रोशनी एक्ट का मुद्दा, गृहमंत्री ने कहा-पीड़ितों को दिलाएंगे न्याय

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ऐसे लोगों को न्याय दिलाने की बात कही है, जिनकी जम्मू कश्मीर के रोशनी एक्ट के तहत जमीन हड़पी गई है और अब वे निर्वासितों का जीवन जीने को मजबूर हैं. गृहमंत्री ने कहा कि, अगर ऐसे लोग प्रदेश में हैं, तो गृहमंत्रालय को जानकारी दें. वे केंद्र सरकार से उनके लिए न्याय की मांग करेंगे.

Home Minister Narottam Mishra
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा
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Published : Nov 25, 2020, 4:02 PM IST

Updated : Nov 25, 2020, 6:34 PM IST

भोपाल। जम्मू कश्मीर में रोशनी एक्ट के तहत जमीनों पर अतिक्रमण मामले में मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, कुछ लोगों ने आतंकवाद के साथ मिलकर रोशनी के नाम पर कश्मीर जैसे प्रदेश में अंधेरा फैलाया है. धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर को नर्क बनाने की एक नापाक कोशिश की है. उन्होंने कहा कि, 'मैं प्रदेश के लोगों से अपील करता हूं कि, जो लोग भी जम्मू-कश्मीर से निर्वासित होकर मध्यप्रदेश में रह रहे हैं, वो गृह मंत्रालय को इसकी विस्तृत जानकारी दें, हम केंद्र से आग्रह करेंगे, ताकि उन्हें न्याय मिल सके'.

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा

वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल

दरअसल जम्मू कश्मीर में इन दिनों स्थानीय निकायों के चुनाव होना है. जम्मू कश्मीर में चुनाव से पहले प्रशासन ने रोशनी एक्ट भूमि घोटाले से जुड़ी एक सूची जारी की है. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला सहित 868 लोगों के नाम हैं. रोशनी घोटाले में सीबीआई ने भी एक सूची जारी की है, कुल 25 हजार करोड़ का घोटाला सामने आया है. जिसमें कई पूर्व मंत्री, बड़े व्यापारियों के साथ अधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर इस तरह के आरोप लगे हैं.

क्या है रोशनी एक्ट ?

तत्कालीन फारुक अब्दल्ला सरकार ने सूबे में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए 2001 रोशनी एक्ट लागू किया था. इसके तहत सरकारी भूमि पर अवैध रूप से काबिज लोगों को मालिकाना हक देने की योजना थी. इससे प्राप्त होने वाली धनराशि का उपयोग हाइड्रो प्रोजेक्ट में किया जाना था. इस एक्ट के तहत 25 हजार करोड़ रुपये राजस्व जुटाने का आकलन किया गया था. सीएजी ने कुछ मामलों की जांच में पाया कि 325 करोड़ रुपये की जमीन मात्र 76 करोड़ रुपये में ही आवंटित कर दी गई. मार्केट दर से 80 प्रतिशत कम राशि पर जमीन आवंटित करने का भी पता चला है. ये भी सामने आया है कि, लोगों ने दूसरे के नाम पर भी जमीने खरीदी हैं. रोशनी एक्ट के तहत करीब 1 लाख 2 हजार 750 हेक्टेयर सरकारी जमीन रसूखदार लोगों को औने-पौने दाम में आवंटित कर दी गई थी. हालांकि पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक ने 28 नवंबर 2018 को इस एक्ट को रद कर दिया था.

लौटानी होगी कब्जे की जमीन

जम्मू कश्मीर में रसूखदारों ने अपने रसूक का इस्तेमाल कर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया और फिर सस्ते दामों पर जमीन का मालिकाना हक भी हासिल कर लिया. इससे कई लोग बेघर हो गए. हालांकि रोशनी एक्ट के रद होने के बाद जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले प्रदेश के अमीर और प्रसिद्ध लोगों को हाईकोर्ट के आदेशानुसार इस प्रॉपर्टी को वापिस सरकार को सौंपना होगा. जल्द ही रोशनी घोटाले के आरोपियों की एक और सूची प्रकाशित हो सकती है. इस सूची में कुछ राजनीतिक दिग्गजों के नाम आ सकते हैं.

डॉ गोविंद सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर नरोत्तम मिश्रा का बयान

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह के निष्कासन की मांग को लेकर भिंड जिला कांग्रेस कार्यकारिणी के पत्र पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, कमलनाथ ये पर्दे के पीछे से ठीक नहीं कर रहे हैं. एक वरिष्ठ नेता के साथ इस तरीके का व्यवहार अनुचित है. वो सदन में सबसे पुराने और योग्य नेता हैं. जिन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाने के नाम पर बुलाया था, लेकिन बाद में उनकी उपेक्षा की गई. एक जिला कमेटी इतने सीनियर नेता के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करती है. ये गोविंद सिंह का अपमान है.

'प्रदेश में लॉकडाउन नहीं लगेगा'

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि, हम किसी तरह का लॉकडाउन नहीं लगाने जा रहे हैं. इसके बावजूद सोशल मीडिया पर अफवाहें फैल रहीं हैं कि, लॉकडाउन लगने वाला है, जिससे किसान बैचेने हो गए हैं और मंडियों में उपज की आवक ज्यादा हो गई है. किसानों की भीड़ बढ़ रही है. जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में फिर से स्पष्ट कर दूं कि, प्रदेश में लॉकडाउन नहीं लगने वाला है. किसान चिंता ना करें. सरकार उनका एक-एक दाना खरीदेगी.

भोपाल। जम्मू कश्मीर में रोशनी एक्ट के तहत जमीनों पर अतिक्रमण मामले में मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, कुछ लोगों ने आतंकवाद के साथ मिलकर रोशनी के नाम पर कश्मीर जैसे प्रदेश में अंधेरा फैलाया है. धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर को नर्क बनाने की एक नापाक कोशिश की है. उन्होंने कहा कि, 'मैं प्रदेश के लोगों से अपील करता हूं कि, जो लोग भी जम्मू-कश्मीर से निर्वासित होकर मध्यप्रदेश में रह रहे हैं, वो गृह मंत्रालय को इसकी विस्तृत जानकारी दें, हम केंद्र से आग्रह करेंगे, ताकि उन्हें न्याय मिल सके'.

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा

वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल

दरअसल जम्मू कश्मीर में इन दिनों स्थानीय निकायों के चुनाव होना है. जम्मू कश्मीर में चुनाव से पहले प्रशासन ने रोशनी एक्ट भूमि घोटाले से जुड़ी एक सूची जारी की है. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला सहित 868 लोगों के नाम हैं. रोशनी घोटाले में सीबीआई ने भी एक सूची जारी की है, कुल 25 हजार करोड़ का घोटाला सामने आया है. जिसमें कई पूर्व मंत्री, बड़े व्यापारियों के साथ अधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर इस तरह के आरोप लगे हैं.

क्या है रोशनी एक्ट ?

तत्कालीन फारुक अब्दल्ला सरकार ने सूबे में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए 2001 रोशनी एक्ट लागू किया था. इसके तहत सरकारी भूमि पर अवैध रूप से काबिज लोगों को मालिकाना हक देने की योजना थी. इससे प्राप्त होने वाली धनराशि का उपयोग हाइड्रो प्रोजेक्ट में किया जाना था. इस एक्ट के तहत 25 हजार करोड़ रुपये राजस्व जुटाने का आकलन किया गया था. सीएजी ने कुछ मामलों की जांच में पाया कि 325 करोड़ रुपये की जमीन मात्र 76 करोड़ रुपये में ही आवंटित कर दी गई. मार्केट दर से 80 प्रतिशत कम राशि पर जमीन आवंटित करने का भी पता चला है. ये भी सामने आया है कि, लोगों ने दूसरे के नाम पर भी जमीने खरीदी हैं. रोशनी एक्ट के तहत करीब 1 लाख 2 हजार 750 हेक्टेयर सरकारी जमीन रसूखदार लोगों को औने-पौने दाम में आवंटित कर दी गई थी. हालांकि पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक ने 28 नवंबर 2018 को इस एक्ट को रद कर दिया था.

लौटानी होगी कब्जे की जमीन

जम्मू कश्मीर में रसूखदारों ने अपने रसूक का इस्तेमाल कर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया और फिर सस्ते दामों पर जमीन का मालिकाना हक भी हासिल कर लिया. इससे कई लोग बेघर हो गए. हालांकि रोशनी एक्ट के रद होने के बाद जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले प्रदेश के अमीर और प्रसिद्ध लोगों को हाईकोर्ट के आदेशानुसार इस प्रॉपर्टी को वापिस सरकार को सौंपना होगा. जल्द ही रोशनी घोटाले के आरोपियों की एक और सूची प्रकाशित हो सकती है. इस सूची में कुछ राजनीतिक दिग्गजों के नाम आ सकते हैं.

डॉ गोविंद सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर नरोत्तम मिश्रा का बयान

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह के निष्कासन की मांग को लेकर भिंड जिला कांग्रेस कार्यकारिणी के पत्र पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, कमलनाथ ये पर्दे के पीछे से ठीक नहीं कर रहे हैं. एक वरिष्ठ नेता के साथ इस तरीके का व्यवहार अनुचित है. वो सदन में सबसे पुराने और योग्य नेता हैं. जिन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाने के नाम पर बुलाया था, लेकिन बाद में उनकी उपेक्षा की गई. एक जिला कमेटी इतने सीनियर नेता के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करती है. ये गोविंद सिंह का अपमान है.

'प्रदेश में लॉकडाउन नहीं लगेगा'

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि, हम किसी तरह का लॉकडाउन नहीं लगाने जा रहे हैं. इसके बावजूद सोशल मीडिया पर अफवाहें फैल रहीं हैं कि, लॉकडाउन लगने वाला है, जिससे किसान बैचेने हो गए हैं और मंडियों में उपज की आवक ज्यादा हो गई है. किसानों की भीड़ बढ़ रही है. जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में फिर से स्पष्ट कर दूं कि, प्रदेश में लॉकडाउन नहीं लगने वाला है. किसान चिंता ना करें. सरकार उनका एक-एक दाना खरीदेगी.

Last Updated : Nov 25, 2020, 6:34 PM IST
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