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Congress के श्वेत पत्र पर गृह मंत्री ने ली चुटकी, जाने राहुल गांधी के लिए क्या बोल गए नरोत्तम मिश्रा? - Home Minister Narottam Mishra

कांग्रेस के कोरोना पर जारी किए गए श्वेत पत्र पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसा है. गृह मंत्री ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह खुद एक 'श्वेत पत्र' हैं.

Rahul Gandhi- Narottam Mishra
राहुल गांधी- नरोत्तम मिश्रा
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Published : Jun 22, 2021, 5:55 PM IST

Updated : Jun 22, 2021, 6:00 PM IST

भोपाल। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सरकार के कोविड प्रबंधन (covid management) को लेकर पार्टी की ओर से एक 'श्वेत पत्र' जारी किया है. इस श्वेत पत्र पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने तंज कसा है. गृह मंत्री ने कहा कि जिनके नेता कोरोना को इंडियन वेरिएंट (Indian variant) कहते हो, जिनके नेता वैक्सीन को भाजपा की वैक्सीन कहते हैं, जो कोरोना की आपदा में कहीं नजर नहीं आए, वो कोरोना पर श्वेत पत्र जारी कर रहे हैं.

खुद श्वेत- पत्र का राहुल गांधी- नरोत्तम मिश्रा

कहीं कुछ बांटते दिखे राहुल गांधी?

गृह मंत्री (Home Minister) ने कहा कि यह कितना अजीब विशेष हैं कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पूरे आपदा और कोरोना के समय एक अस्पताल में, राहत शिविर में, कहीं अनाज बांटने और दवाई बांटते दिखे हो, तो उन्हें श्वेत पत्र जारी करने का अधिकार है, कोरोना पर श्वेत पत्र जारी करने का अन्यथा उन्हें कोई अधिकारी नहीं है.

श्वेत पत्र हैं राहुल गांधी- गृह मंत्री

राहुल गांधी अच्छा होता आप इमरजेंसी पर श्वेत पत्र जारी करते, अच्छा होता राहुल गांधी सन 84 के सिख दंगों पर श्वेत पत्र जारी करते. अच्छा होता कि राहुल गांधी भोपाल गैस त्रासदी पर श्वेत पत्र जारी करते. अच्छा होता कि अगर कश्मीर (Kashmir) से हिंदूओं के पलायन पर राहुल गांधी श्वेत पत्र जारी करते, तो अच्छा होता. लेकिन वह खुद ही 'कोरे कागज' हैं क्योंकि अगर वह आकर खुद खड़े हो जाए तो श्वेत पत्र ही है. इसलिए राहुल गांधी जी जरा विचार करो. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने सवाल करते हुए कहा कि आपके प्रदेशाध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक कोरोना काल में कहां है, श्वेत पत्र (White papers) इस पर जारी करो और कहां थे आपदा के समय तो अच्छा लगेगा.

खतरनाक है Delta Plus Variant! वैक्सीनेशन के बाद भी ले ली मरीज की जान

श्वेत पत्र में क्या- क्या

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र सरकार पर कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के आंसू उन परिवारों के आंसू नहीं पोछ सकते, जिन्होंने दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी (lack of oxygen) के कारण अपनों को खोया है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कुछ हफ्ते पहले चिकित्सकों के साथ डिजिटल संवाद (digital communication) के दौरान प्रधानमंत्री के भावुक होने से संबंधित सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से गरीबों को आर्थिक मदद दी जानी चाहिए और कोविड प्रभावित परिवारों को मदद देने के लिए कोविड मुआवजा कोष (covid compensation fund) स्थापित करना चाहिए.

समीक्षा के लिए राष्ट्रीय सर्वदलीय समिति गठित करें केंद्र सरकार

कांग्रेस ने सरकार से यह आग्रह भी किया है कि महामारी को नियंत्रित करने, राज्यों और सिविल सोसायटी से समन्वय स्थापित करने के मकसद से उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए, राष्ट्रीय स्तर पर एक सर्वदलीय समिति गठित (all party committee constituted) करने के साथ ही दूसरे जरूरी राजनीतिक और प्रशासनिक कदम उठाए जाएं.

मृतकों के परिजनों को सहायत राशि की मांग

कांग्रेस ने कहा कि निर्णय की प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण (Decentralization) किया जाए और तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए पूरे देश और खासकर ग्रामीण इलाकों में जोर-शोर से तैयारी की जाए. कांग्रेस ने यह सुझाव भी दिया कि कोविड से मौतों के मामलों में संबंधित परिवारों को आपदा प्रबंधन कानून (disaster management law) के प्रावधानों के तहत चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए और केंद्र से आग्रह किया कि इस महामारी की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अभी से पूरी तैयारी की जाए तथा युद्धस्तर पर टीकाकरण (vaccination) किया जाए.

भोपाल। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सरकार के कोविड प्रबंधन (covid management) को लेकर पार्टी की ओर से एक 'श्वेत पत्र' जारी किया है. इस श्वेत पत्र पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने तंज कसा है. गृह मंत्री ने कहा कि जिनके नेता कोरोना को इंडियन वेरिएंट (Indian variant) कहते हो, जिनके नेता वैक्सीन को भाजपा की वैक्सीन कहते हैं, जो कोरोना की आपदा में कहीं नजर नहीं आए, वो कोरोना पर श्वेत पत्र जारी कर रहे हैं.

खुद श्वेत- पत्र का राहुल गांधी- नरोत्तम मिश्रा

कहीं कुछ बांटते दिखे राहुल गांधी?

गृह मंत्री (Home Minister) ने कहा कि यह कितना अजीब विशेष हैं कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पूरे आपदा और कोरोना के समय एक अस्पताल में, राहत शिविर में, कहीं अनाज बांटने और दवाई बांटते दिखे हो, तो उन्हें श्वेत पत्र जारी करने का अधिकार है, कोरोना पर श्वेत पत्र जारी करने का अन्यथा उन्हें कोई अधिकारी नहीं है.

श्वेत पत्र हैं राहुल गांधी- गृह मंत्री

राहुल गांधी अच्छा होता आप इमरजेंसी पर श्वेत पत्र जारी करते, अच्छा होता राहुल गांधी सन 84 के सिख दंगों पर श्वेत पत्र जारी करते. अच्छा होता कि राहुल गांधी भोपाल गैस त्रासदी पर श्वेत पत्र जारी करते. अच्छा होता कि अगर कश्मीर (Kashmir) से हिंदूओं के पलायन पर राहुल गांधी श्वेत पत्र जारी करते, तो अच्छा होता. लेकिन वह खुद ही 'कोरे कागज' हैं क्योंकि अगर वह आकर खुद खड़े हो जाए तो श्वेत पत्र ही है. इसलिए राहुल गांधी जी जरा विचार करो. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने सवाल करते हुए कहा कि आपके प्रदेशाध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक कोरोना काल में कहां है, श्वेत पत्र (White papers) इस पर जारी करो और कहां थे आपदा के समय तो अच्छा लगेगा.

खतरनाक है Delta Plus Variant! वैक्सीनेशन के बाद भी ले ली मरीज की जान

श्वेत पत्र में क्या- क्या

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र सरकार पर कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के आंसू उन परिवारों के आंसू नहीं पोछ सकते, जिन्होंने दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी (lack of oxygen) के कारण अपनों को खोया है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कुछ हफ्ते पहले चिकित्सकों के साथ डिजिटल संवाद (digital communication) के दौरान प्रधानमंत्री के भावुक होने से संबंधित सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से गरीबों को आर्थिक मदद दी जानी चाहिए और कोविड प्रभावित परिवारों को मदद देने के लिए कोविड मुआवजा कोष (covid compensation fund) स्थापित करना चाहिए.

समीक्षा के लिए राष्ट्रीय सर्वदलीय समिति गठित करें केंद्र सरकार

कांग्रेस ने सरकार से यह आग्रह भी किया है कि महामारी को नियंत्रित करने, राज्यों और सिविल सोसायटी से समन्वय स्थापित करने के मकसद से उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए, राष्ट्रीय स्तर पर एक सर्वदलीय समिति गठित (all party committee constituted) करने के साथ ही दूसरे जरूरी राजनीतिक और प्रशासनिक कदम उठाए जाएं.

मृतकों के परिजनों को सहायत राशि की मांग

कांग्रेस ने कहा कि निर्णय की प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण (Decentralization) किया जाए और तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए पूरे देश और खासकर ग्रामीण इलाकों में जोर-शोर से तैयारी की जाए. कांग्रेस ने यह सुझाव भी दिया कि कोविड से मौतों के मामलों में संबंधित परिवारों को आपदा प्रबंधन कानून (disaster management law) के प्रावधानों के तहत चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाए और केंद्र से आग्रह किया कि इस महामारी की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अभी से पूरी तैयारी की जाए तथा युद्धस्तर पर टीकाकरण (vaccination) किया जाए.

Last Updated : Jun 22, 2021, 6:00 PM IST
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