ETV Bharat / state

रमजान का पाक महीना शुरू, कोविड गाइडलाइन के साथ अदा होगी नमाज

author img

By

Published : Apr 13, 2021, 10:31 PM IST

Updated : Apr 14, 2021, 7:05 AM IST

दुनिया भर में इस्लाम को मानने वाले लोग इस पूरी महीने अल्लाह की इबादत करते हुए नमाज अदा करते हैं और रोजा रखते हैं. लेकिन मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ इस बार नमाज होगी. लोगों को घरों में रहकर ही नमाज अदा करने की हिदायत दी गई है.

concept iamge
सांकेतिक चित्र

भोपाल। मुसलमानों का पवित्र रमजान महीना बुधवार से पूरे देश में शुरू हो रहा है. इस पूरे महीने मुसलमान रोजा (उपवास) रखकर इबादत करते हैं. हालांकि इस रमजान माह में कोरोना महामारी का भी संकट गहरा रहा है. राजधानी भोपाल में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लगे कोरोना कर्फ्यू के कारण पाबंदियों के साथ बुधवार से रमजान का महीना शुरु हो रहा है. मंगलवार को चांद दिखाई देने के बाद बुधवार से ही रमजान की शुरुआत की घोषणा की गई. इस दौरान जिला प्रशासन द्वारा तय की गाइडलाइन के अनुसार मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हर रोज नमाज अदा की जाएगी.

रमजान का पाक महीना

इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक नवां महीना रमजान का पाक महीना होता है. दुनिया भर में इस्लाम को मानने वाले लोग इस पूरी महीने अल्लाह की इबादत करते हुए नमाज अदा करते हैं और रोजा रखते हैं. बच्चों से लेकर बुजर्ग सभी उम्र के लोग बहुत ही खुशी से रोजा रखते हैं. चांद का दीदार होने के बाद रमजान की शुरुआत हो जाती है.

शहर काजी सय्यद मुश्ताक अली नदवी

तराबी में सीमित तादाद में होगी नमाज

बागसेवनिया की वसाली मस्जिद के आलिम जावेद रहबर मिस्बाही के मुताबिक रमजान के महीने में कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करने के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं. मस्जिदों में मास्क का वितरण किया जा रहा है और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नमाज अदा करने की व्यवस्था की गई है. वहीं आलिम आबिद नूरी ने बताया कि लोगों को फोन करके मस्जिद में भीड़ इकट्टी न करने की हिदायत दी गई है और कहा गया है कि घर पर ही रहकर नमाज अदा करें. रमजान के महीने में तराबी के दौरान विशेष नमाज अदा की जाती है, इसमें बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करते हैं लेकिन इस बार तराबी सीमित संख्या में ही होगी.

रोज बदलता है सहरी और इफ्तार का समय

रोजा रखने के लिए सूर्योदय से पहले सहरी खाई जाती है. इसके बाद पूरे दिन कुछ खाया-पिया नहीं जाता है. सूरज ढलने के बाद मगरिब की आजान होने पर रोजा खोला जाता है, जिसे इफ्तार कहते हैं जो लोग रोजा रखते हैं, वो 5 वक्त की नमाज अदा करते हैं. सहरी और इफ्तार के लिए समय का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. हर रोज सहरी और इफ्तार के समय में थोड़ा बदलाव होता है.

रोजा रखकर भी लगवा सकते हैं कोरोना वैक्सीन

भोपाल के अब्दुररशीद किदवाई ने दारुल इफ्ता से यह सवाल किया था की कोविड-19 जैसी भयानक बीमारी अपने चरम पर है. इसके बचाव के लिए वैक्सीन इंजेक्शन के माध्यम से दी जा रही है और इसकी दो खुराके दी जा रही हैं. उन्होंने सवाल किया कि हमने कई दिन पहले इसकी पहली खुराक ली है, लेकिन अब दूसरी खुराक रमजान महीने में लेना है तो क्या रमजान महीने में बिना रोजा टूटे यह खुराक ली जा सकती है. दारुल उलूम ने उनके सवाल पर जवाब देते हुए रोजे की हालत में भी वैक्सीन लगवाने का फतवा जारी किया है.

भोपाल। मुसलमानों का पवित्र रमजान महीना बुधवार से पूरे देश में शुरू हो रहा है. इस पूरे महीने मुसलमान रोजा (उपवास) रखकर इबादत करते हैं. हालांकि इस रमजान माह में कोरोना महामारी का भी संकट गहरा रहा है. राजधानी भोपाल में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लगे कोरोना कर्फ्यू के कारण पाबंदियों के साथ बुधवार से रमजान का महीना शुरु हो रहा है. मंगलवार को चांद दिखाई देने के बाद बुधवार से ही रमजान की शुरुआत की घोषणा की गई. इस दौरान जिला प्रशासन द्वारा तय की गाइडलाइन के अनुसार मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ हर रोज नमाज अदा की जाएगी.

रमजान का पाक महीना

इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक नवां महीना रमजान का पाक महीना होता है. दुनिया भर में इस्लाम को मानने वाले लोग इस पूरी महीने अल्लाह की इबादत करते हुए नमाज अदा करते हैं और रोजा रखते हैं. बच्चों से लेकर बुजर्ग सभी उम्र के लोग बहुत ही खुशी से रोजा रखते हैं. चांद का दीदार होने के बाद रमजान की शुरुआत हो जाती है.

शहर काजी सय्यद मुश्ताक अली नदवी

तराबी में सीमित तादाद में होगी नमाज

बागसेवनिया की वसाली मस्जिद के आलिम जावेद रहबर मिस्बाही के मुताबिक रमजान के महीने में कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करने के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं. मस्जिदों में मास्क का वितरण किया जा रहा है और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नमाज अदा करने की व्यवस्था की गई है. वहीं आलिम आबिद नूरी ने बताया कि लोगों को फोन करके मस्जिद में भीड़ इकट्टी न करने की हिदायत दी गई है और कहा गया है कि घर पर ही रहकर नमाज अदा करें. रमजान के महीने में तराबी के दौरान विशेष नमाज अदा की जाती है, इसमें बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करते हैं लेकिन इस बार तराबी सीमित संख्या में ही होगी.

रोज बदलता है सहरी और इफ्तार का समय

रोजा रखने के लिए सूर्योदय से पहले सहरी खाई जाती है. इसके बाद पूरे दिन कुछ खाया-पिया नहीं जाता है. सूरज ढलने के बाद मगरिब की आजान होने पर रोजा खोला जाता है, जिसे इफ्तार कहते हैं जो लोग रोजा रखते हैं, वो 5 वक्त की नमाज अदा करते हैं. सहरी और इफ्तार के लिए समय का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. हर रोज सहरी और इफ्तार के समय में थोड़ा बदलाव होता है.

रोजा रखकर भी लगवा सकते हैं कोरोना वैक्सीन

भोपाल के अब्दुररशीद किदवाई ने दारुल इफ्ता से यह सवाल किया था की कोविड-19 जैसी भयानक बीमारी अपने चरम पर है. इसके बचाव के लिए वैक्सीन इंजेक्शन के माध्यम से दी जा रही है और इसकी दो खुराके दी जा रही हैं. उन्होंने सवाल किया कि हमने कई दिन पहले इसकी पहली खुराक ली है, लेकिन अब दूसरी खुराक रमजान महीने में लेना है तो क्या रमजान महीने में बिना रोजा टूटे यह खुराक ली जा सकती है. दारुल उलूम ने उनके सवाल पर जवाब देते हुए रोजे की हालत में भी वैक्सीन लगवाने का फतवा जारी किया है.

Last Updated : Apr 14, 2021, 7:05 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.