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First Model Station: देश का पहला प्राइवेट मॉडल स्टेशन, सुविधा-सुंदरता में जर्मनी-चीन को दे रहा टक्कर - George Clark Chief Engineer Bombay Government

जब भी रेलवे का नाम जेहन में आता है, तब मुंबई का ही नाम सबसे पहले आता है, पर अब ये बीते जमाने की बात होने वाली है क्योंकि अब जब भी आधुनिक रेलवे (Railway Station) का जिक्र होगा, तब हबीबगंज (Habibganj) का ही नाम सबसे पहले लिया जाएगा क्योंकि हबीबगंज देश का पहला प्राइवेट मॉडल स्टेशन है, जहां आने वाले समय में ट्रेन यात्रियों (Train Passenger) को एयरपोर्ट जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी, जानते हैं हबीबगंज का इतिहास.

model station
मॉडल स्टेशन
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Published : Aug 10, 2021, 7:18 AM IST

Updated : Aug 10, 2021, 2:40 PM IST

भोपाल। बदलते भारत की बदलती तस्वीर और राष्ट्रीयकरण से निजीकरण की ओर बढ़ता भारतीय रेलवे (Indian Railway) आधुनिकता की चादर ओढ़ने लगा है. जिसके बदले में पुराने रेलवे (Railway Station) स्टेशन अब आधुनिक और सर्व सुविधायुक्त होकर हवाई अड्डों को टक्कर देने की तैयारी कर रहे हैं. जब भी (Modern Railway Station) आधुनिक रेलवे स्टेशनों की बात होगी, सबसे पहले भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम लिया जाएगा क्योंकि हबीबगंज रेलवे स्टेशन का ही देश के पहले मॉडल प्राइवेट स्टेशन के तौर पर कायाकल्प किया जा रहा है. जहां यात्रियों को वैश्विक लेवल की सुविधाएं मिलेंगी.

first private model railway station Habibganj
हबीबगंज प्राइवेट रेलवे स्टेशन की गैलरी

1100 यात्रियों के बैठने की सुविधा
एयरपोर्ट (Airport) जैसी सुविधाओं से लैस इस स्टेशन पर एक साथ 1100 यात्रियों के बैठने की सुविधा होगी, इतना ही नहीं स्टेशन के बाहर की तरफ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और हॉस्पिटल जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. स्टेशन पर लाइटिंग का भी विशेष ख्याल रखा गया है, जहां दिन में प्राकृतिक रोशनी (Natural Light) से स्टेशन खिल उठेगा, वहीं रात में ऐसी लाइटों का इस्तेमाल किया गया है, जिस पर मौसम (Weather Effect) का प्रभाव भी नहीं पड़ेगा. इन लाइटों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इन पर बारिश और तेज हवाओं का भी कोई असर नहीं पड़ेगा.

first private model railway station Habibganj
हबीबगंज प्राइवेट रेलवे स्टेशन की गैलरी

देश के पहले रेलवे स्टेशन से प्राइवेट स्टेशन तक, फर्श से 'फलक' पर पहुंच गई भारतीय रेल

'तीसरी आंख' से चप्पे-चप्पे की निगरानी

हबीबगंज स्टेशन को जितना सुंदर बनाया जा रहा है, उतना ही सुरक्षित रखने का प्रयास किया गया है, ताकि महिलाओं को 24 घंटे सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराया जा सके. स्टेशन के चप्पे-चप्पे को (CCTV) कैमरों से कवर किया गया है. इसके लिए 162 हाई रिजॉल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं, जो यहां आने वाले हर यात्री पर सीधी नजर रखते हैं, जिससे चोरों पर नजर रखी जा सकेगी. बताया जा रहा है कि स्टेशन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराने की तैयारी की जा रही है. हालांकि निर्माण कार्य अपने तय समय से 5-6 महीने पीछे चल रहा है.

first private model railway station Habibganj
प्राइवेट रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म

अगले 50 साल को देखते हुए किया गया री-डिजाइन

देश के पहले आईएसओ 9001 सर्टिफाइट स्टेशन का निर्माण और डिजाइन अगले 50 साल को देखते हुए तैयार किया गया है. यहां वेटिंग एरिया में 700 यात्री एक साथ बैठ सकेंगे. प्लेटफॉर्म पर मौजूद यात्रियों को मिलाकर यहां करीब 1100 लोगों के एक साथ बैठने की व्यवस्था है. वेटिंग रूम में 150 लोग बैठ सकते हैं. इसके अलावा एयरपोर्ट की तर्ज पर वीआईपी (VVIP) रूम भी बनाया गया है. जहां वीवीआईपी बैठकर चर्चा भी कर सकते हैं. जब ये स्टेशन पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा, तब यहां पर करीब 150 ट्रेनें रुक सकेंगी, जबकि अभी यहां पर मात्र 33 ट्रेनें रुकती हैं. 36 मीटर चौड़ा फुटओवर ब्रिज बनाया गया है, अभी यहां 25000 यात्रियों के आवागमन की सुविधा है.

first private model railway station Habibganj
हबीबगंज प्राइवेट रेलवे स्टेशन

भारतीयों की जीवनरेखा! डीजल इंजन से सोलर पावर तक ऐसी है भारतीय रेलवे की कहानी

भविष्य में इस स्टेशन को 80 हजार यात्रियों का दबाव झेलने के लिहाज से तैयार किया जा रहा है. इस स्टेशन के तैयार हो जाने पर 5000 नए रोजगार सृजित होंगे. स्टेशन को बंसल पाथवेज प्राइवेट कंपनी ने री-डिजाइन किया है, जिसे तमाम ऐसी सुविधाओं को जोड़ा गया है जो एक वर्ल्ड क्लास एयरपोर्ट पर ही देखने को मिलती है. री डेवलपमेंट का काम करीब 450 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है. हबीबगंज स्टेशन पीपीपी मॉडल (Public Private Partnership) के तहत तैयार होने वाला देश का पहला मॉडल स्टेशन (Model Station) हैं.

first private model railway station Habibganj
हबीबगंज प्राइवेट रेलवे स्टेशन

बर्लिन की तर्ज पर बनाया गया है स्टेशन

स्टेशन पर आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते होंगे, बाहर जाने के लिए अंडर ग्राउंड सब वे है, जो सीधे सरकुलेटिंग एरिया में खुलेगा. वहीं एफओबी से प्लेटफॉर्म पर आने-जाने के लिए एस्केलेटर और लिफ्ट लगी है, एयरपोर्ट की तर्ज पर पैसेंजर इन्फॉरमेशन सिस्टम भी विकसित किया गया है, जर्मनी के बर्लिन और चीन के तिआनजिन रेलवे स्टेशन की तरह इसे बनाया गया है, अलग से एक अन्य स्टेशन बिल्डिंग है, जिसमें आरक्षण कार्यालय, रिटायरिंग रूम, वेटिंग रूम, फूड कोर्ट जैसी सुविधाएं हैं. मेट्रो स्टेशन की तर्ज पर यात्रियों को कार्ड के जरिए एंट्री मिलेगी.

first private model railway station Habibganj
हबीबगंज प्राइवेट रेलवे स्टेशन

किसने रखा था 'हबीबगंज' नाम

आईएसओ प्रमाण पत्र (ISO Certificate) हासिल करने वाला वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन 'हबीबगंज' का नाम उसके आसपास की प्राकृतिक खूबसूरती को देखकर रखा गया था. अरबी भाषा में 'हबीब' का अर्थ प्यारा और सुंदर होता है. भोपाल के नबाव की बेगम ने यहां की हरियाली और झीलों के बीच बने इस रेलवे स्टेशन की सुंदरता को देखते हुए इसे हबीबगंज नाम दिया था. अंग्रेजों ने साल 1905 में इसे बनाया था. हबीबगंज का नाम हबीब मियां के नाम पर रखा गया था, पहले इसका नाम शाहपुर था. हबीब मियां ने 1979 में स्टेशन विस्तार के लिए अपनी जमीन दान कर दी थी. इसके बाद इसका नाम हबीबगंज रखा गया. उस समय आज के एमपी नगर का नाम गंज हुआ करता था और तब दोनों को जोड़कर हबीबगंज नाम रखा गया था.

भोपाल। बदलते भारत की बदलती तस्वीर और राष्ट्रीयकरण से निजीकरण की ओर बढ़ता भारतीय रेलवे (Indian Railway) आधुनिकता की चादर ओढ़ने लगा है. जिसके बदले में पुराने रेलवे (Railway Station) स्टेशन अब आधुनिक और सर्व सुविधायुक्त होकर हवाई अड्डों को टक्कर देने की तैयारी कर रहे हैं. जब भी (Modern Railway Station) आधुनिक रेलवे स्टेशनों की बात होगी, सबसे पहले भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम लिया जाएगा क्योंकि हबीबगंज रेलवे स्टेशन का ही देश के पहले मॉडल प्राइवेट स्टेशन के तौर पर कायाकल्प किया जा रहा है. जहां यात्रियों को वैश्विक लेवल की सुविधाएं मिलेंगी.

first private model railway station Habibganj
हबीबगंज प्राइवेट रेलवे स्टेशन की गैलरी

1100 यात्रियों के बैठने की सुविधा
एयरपोर्ट (Airport) जैसी सुविधाओं से लैस इस स्टेशन पर एक साथ 1100 यात्रियों के बैठने की सुविधा होगी, इतना ही नहीं स्टेशन के बाहर की तरफ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और हॉस्पिटल जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. स्टेशन पर लाइटिंग का भी विशेष ख्याल रखा गया है, जहां दिन में प्राकृतिक रोशनी (Natural Light) से स्टेशन खिल उठेगा, वहीं रात में ऐसी लाइटों का इस्तेमाल किया गया है, जिस पर मौसम (Weather Effect) का प्रभाव भी नहीं पड़ेगा. इन लाइटों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इन पर बारिश और तेज हवाओं का भी कोई असर नहीं पड़ेगा.

first private model railway station Habibganj
हबीबगंज प्राइवेट रेलवे स्टेशन की गैलरी

देश के पहले रेलवे स्टेशन से प्राइवेट स्टेशन तक, फर्श से 'फलक' पर पहुंच गई भारतीय रेल

'तीसरी आंख' से चप्पे-चप्पे की निगरानी

हबीबगंज स्टेशन को जितना सुंदर बनाया जा रहा है, उतना ही सुरक्षित रखने का प्रयास किया गया है, ताकि महिलाओं को 24 घंटे सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराया जा सके. स्टेशन के चप्पे-चप्पे को (CCTV) कैमरों से कवर किया गया है. इसके लिए 162 हाई रिजॉल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं, जो यहां आने वाले हर यात्री पर सीधी नजर रखते हैं, जिससे चोरों पर नजर रखी जा सकेगी. बताया जा रहा है कि स्टेशन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराने की तैयारी की जा रही है. हालांकि निर्माण कार्य अपने तय समय से 5-6 महीने पीछे चल रहा है.

first private model railway station Habibganj
प्राइवेट रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म

अगले 50 साल को देखते हुए किया गया री-डिजाइन

देश के पहले आईएसओ 9001 सर्टिफाइट स्टेशन का निर्माण और डिजाइन अगले 50 साल को देखते हुए तैयार किया गया है. यहां वेटिंग एरिया में 700 यात्री एक साथ बैठ सकेंगे. प्लेटफॉर्म पर मौजूद यात्रियों को मिलाकर यहां करीब 1100 लोगों के एक साथ बैठने की व्यवस्था है. वेटिंग रूम में 150 लोग बैठ सकते हैं. इसके अलावा एयरपोर्ट की तर्ज पर वीआईपी (VVIP) रूम भी बनाया गया है. जहां वीवीआईपी बैठकर चर्चा भी कर सकते हैं. जब ये स्टेशन पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा, तब यहां पर करीब 150 ट्रेनें रुक सकेंगी, जबकि अभी यहां पर मात्र 33 ट्रेनें रुकती हैं. 36 मीटर चौड़ा फुटओवर ब्रिज बनाया गया है, अभी यहां 25000 यात्रियों के आवागमन की सुविधा है.

first private model railway station Habibganj
हबीबगंज प्राइवेट रेलवे स्टेशन

भारतीयों की जीवनरेखा! डीजल इंजन से सोलर पावर तक ऐसी है भारतीय रेलवे की कहानी

भविष्य में इस स्टेशन को 80 हजार यात्रियों का दबाव झेलने के लिहाज से तैयार किया जा रहा है. इस स्टेशन के तैयार हो जाने पर 5000 नए रोजगार सृजित होंगे. स्टेशन को बंसल पाथवेज प्राइवेट कंपनी ने री-डिजाइन किया है, जिसे तमाम ऐसी सुविधाओं को जोड़ा गया है जो एक वर्ल्ड क्लास एयरपोर्ट पर ही देखने को मिलती है. री डेवलपमेंट का काम करीब 450 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है. हबीबगंज स्टेशन पीपीपी मॉडल (Public Private Partnership) के तहत तैयार होने वाला देश का पहला मॉडल स्टेशन (Model Station) हैं.

first private model railway station Habibganj
हबीबगंज प्राइवेट रेलवे स्टेशन

बर्लिन की तर्ज पर बनाया गया है स्टेशन

स्टेशन पर आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते होंगे, बाहर जाने के लिए अंडर ग्राउंड सब वे है, जो सीधे सरकुलेटिंग एरिया में खुलेगा. वहीं एफओबी से प्लेटफॉर्म पर आने-जाने के लिए एस्केलेटर और लिफ्ट लगी है, एयरपोर्ट की तर्ज पर पैसेंजर इन्फॉरमेशन सिस्टम भी विकसित किया गया है, जर्मनी के बर्लिन और चीन के तिआनजिन रेलवे स्टेशन की तरह इसे बनाया गया है, अलग से एक अन्य स्टेशन बिल्डिंग है, जिसमें आरक्षण कार्यालय, रिटायरिंग रूम, वेटिंग रूम, फूड कोर्ट जैसी सुविधाएं हैं. मेट्रो स्टेशन की तर्ज पर यात्रियों को कार्ड के जरिए एंट्री मिलेगी.

first private model railway station Habibganj
हबीबगंज प्राइवेट रेलवे स्टेशन

किसने रखा था 'हबीबगंज' नाम

आईएसओ प्रमाण पत्र (ISO Certificate) हासिल करने वाला वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन 'हबीबगंज' का नाम उसके आसपास की प्राकृतिक खूबसूरती को देखकर रखा गया था. अरबी भाषा में 'हबीब' का अर्थ प्यारा और सुंदर होता है. भोपाल के नबाव की बेगम ने यहां की हरियाली और झीलों के बीच बने इस रेलवे स्टेशन की सुंदरता को देखते हुए इसे हबीबगंज नाम दिया था. अंग्रेजों ने साल 1905 में इसे बनाया था. हबीबगंज का नाम हबीब मियां के नाम पर रखा गया था, पहले इसका नाम शाहपुर था. हबीब मियां ने 1979 में स्टेशन विस्तार के लिए अपनी जमीन दान कर दी थी. इसके बाद इसका नाम हबीबगंज रखा गया. उस समय आज के एमपी नगर का नाम गंज हुआ करता था और तब दोनों को जोड़कर हबीबगंज नाम रखा गया था.

Last Updated : Aug 10, 2021, 2:40 PM IST
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