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झाबुआ उपचुनाव: कांग्रेस का प्रचार करेगा जयस, हीरालाल अलावा ने किया भूरिया की जीत का दावा - झाबुआ उपचुनाव

झाबुआ उपचुनाव के पहले जयस संगठन के प्रमुख डा. हीरालाल अलावा ने सत्ताधारी दल कांग्रेस की नींद उड़ा दी थी. जब उन्होंने ऐलान कर दिया था कि वह झाबुआ में जयस की तरफ से प्रत्याशी उतार सकते हैं. हालांकि जयस के मुखिया हीरालाल अलावा कांग्रेस के टिकट पर ही विधायक हैं, लेकिन उन्होंने झाबुआ उपचुनाव के पहले नाराजगी जताई थी

झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस का प्रचार करेगा जयस
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Published : Oct 3, 2019, 9:03 PM IST

भोपाल। झाबुआ उपचुनाव के एलान से पहले जय आदिवासी युवा संगठन 'जयस' के तेवर कुछ अलग थे. ऐसा लग रहा था कि बहुमत जुटाने के लिए परेशान कांग्रेस के लिए जयस झाबुआ उपचुनाव में परेशानी का सबब बनेगी. वहीं 8 सितंबर को होने वाली जयस महापंचायत के पहले भी तनाव की स्थिति देखने को मिल रही थी और जयस ने उम्मीदवार के नाम पर विचार करने का ऐलान भी कर दिया था, लेकिन 8 सितंबर की महापंचायत में सर्वसम्मति से कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन का फैसला लिया और अब जयस की सारी टीम कांग्रेस के पक्ष में प्रचार कर रही है.

झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस का प्रचार करेगा जयस

दरअसल झाबुआ उपचुनाव के पहले जयस संगठन के प्रमुख डा. हीरालाल अलावा ने सत्ताधारी दल कांग्रेस की नींद उड़ा दी थी. जब उन्होंने ऐलान कर दिया था कि वह झाबुआ में जयस की तरफ से प्रत्याशी उतार सकते हैं. हालांकि जयस के मुखिया हीरालाल अलावा कांग्रेस के टिकट पर ही विधायक हैं, लेकिन उन्होंने झाबुआ उपचुनाव के पहले नाराजगी जताई थी कि आदिवासियों के कल्याण के लिए सरकार काम नहीं कर रही है. वहीं 47 में से 30 आदिवासी विधायक कांग्रेस के जीतने के बाद भी आदिवासियों को सम्मान नहीं मिल रहा है.

हीरालाल अलावा के इस ऐलान के बाद राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ रही थीं. सबकी निगाहें 8 सितंबर को झाबुआ में होने वाली जयस की पंचायत पर थीं. जिसमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और कई प्रदेशों के आदिवासी युवा जुटे थे. कांग्रेस के लिए राहत की बात यह रही कि इस पंचायत में कांतिलाल भूरिया के समर्थन का फैसला लिया गया.

डॉक्टर हीरालाल अलावा का कहना है कि 'झाबुआ उपचुनाव में जयस ने पहले ही उम्मीदवार न उतारने की घोषणा कर दी थी. हम लोग पहले ही कह चुके हैं. हमने कहा है कि कमलनाथ सरकार आदिवासियों के लिए अच्छे काम कर रही है. हमारी पूरी टीम झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस को मदद करेगी. हमारी यही कोशिश होगी कि भारी बहुमत से हम झाबुआ उप चुनाव जीतेंगे'.

भोपाल। झाबुआ उपचुनाव के एलान से पहले जय आदिवासी युवा संगठन 'जयस' के तेवर कुछ अलग थे. ऐसा लग रहा था कि बहुमत जुटाने के लिए परेशान कांग्रेस के लिए जयस झाबुआ उपचुनाव में परेशानी का सबब बनेगी. वहीं 8 सितंबर को होने वाली जयस महापंचायत के पहले भी तनाव की स्थिति देखने को मिल रही थी और जयस ने उम्मीदवार के नाम पर विचार करने का ऐलान भी कर दिया था, लेकिन 8 सितंबर की महापंचायत में सर्वसम्मति से कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन का फैसला लिया और अब जयस की सारी टीम कांग्रेस के पक्ष में प्रचार कर रही है.

झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस का प्रचार करेगा जयस

दरअसल झाबुआ उपचुनाव के पहले जयस संगठन के प्रमुख डा. हीरालाल अलावा ने सत्ताधारी दल कांग्रेस की नींद उड़ा दी थी. जब उन्होंने ऐलान कर दिया था कि वह झाबुआ में जयस की तरफ से प्रत्याशी उतार सकते हैं. हालांकि जयस के मुखिया हीरालाल अलावा कांग्रेस के टिकट पर ही विधायक हैं, लेकिन उन्होंने झाबुआ उपचुनाव के पहले नाराजगी जताई थी कि आदिवासियों के कल्याण के लिए सरकार काम नहीं कर रही है. वहीं 47 में से 30 आदिवासी विधायक कांग्रेस के जीतने के बाद भी आदिवासियों को सम्मान नहीं मिल रहा है.

हीरालाल अलावा के इस ऐलान के बाद राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ रही थीं. सबकी निगाहें 8 सितंबर को झाबुआ में होने वाली जयस की पंचायत पर थीं. जिसमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और कई प्रदेशों के आदिवासी युवा जुटे थे. कांग्रेस के लिए राहत की बात यह रही कि इस पंचायत में कांतिलाल भूरिया के समर्थन का फैसला लिया गया.

डॉक्टर हीरालाल अलावा का कहना है कि 'झाबुआ उपचुनाव में जयस ने पहले ही उम्मीदवार न उतारने की घोषणा कर दी थी. हम लोग पहले ही कह चुके हैं. हमने कहा है कि कमलनाथ सरकार आदिवासियों के लिए अच्छे काम कर रही है. हमारी पूरी टीम झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस को मदद करेगी. हमारी यही कोशिश होगी कि भारी बहुमत से हम झाबुआ उप चुनाव जीतेंगे'.

Intro:भोपाल। झाबुआ उपचुनाव के पहले जय आदिवासी युवा संगठन 'जयस' के तेवर देखकर ऐसा लग रहा था कि बहुमत जुटाने के लिए परेशान कांग्रेस के लिए जयस झाबुआ उपचुनाव में परेशानी का सबब बनेगा। 8 सितंबर को होने वाली जयस महापंचायत के पहले भी तनाव की स्थिति देखने को मिल रही थी और जयस ने उम्मीदवार के नाम पर विचार करने का ऐलान कर दिया था। ऐसा लग रहा था कि जयस झाबुआ चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी खड़ा करेगा। लेकिन 8 सितंबर की महापंचायत में सर्वसम्मति से कांग्रेस को समर्थन का फैसला लिया और अब जयस की सारी टीम कांग्रेस के पक्ष में प्रचार कर रही है और जयस को भरोसा कांतिलाल भूरिया भारी बहुमत से चुनाव जीतेंगे।


Body:दरअसल झाबुआ उपचुनाव के पहले जयस संगठन के प्रमुख डा. हीरालाल अलावा ने सत्ताधारी दल कांग्रेस की नींद उड़ा दी थी। जब उन्होंने ऐलान कर दिया था कि वह झाबुआ में जयस की तरफ से प्रत्याशी उतार सकते हैं।हालांकि जयस के मुखिया डॉ हीरालाल अलावा कांग्रेस के टिकट पर ही विधायक हैं। लेकिन उन्होंने झाबुआ उपचुनाव के पहले नाराजगी जताई थी कि आदिवासियों के कल्याण के लिए सरकार काम नहीं कर रही है और 47 में से 30 आदिवासी विधायक कांग्रेस के जीतने के बाद भी आदिवासियों को सम्मान नहीं मिल रहा है। डॉ हीरालाल अलावा के इस ऐलान के बाद राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ रही थी। सबकी निगाहें 8 सितंबर को झाबुआ में होने वाली जयस की पंचायत पर थी। जिसमें मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़,राजस्थान और कई प्रदेशों के आदिवासी युवा जुटे थे। राहत की बात यह रही कि इस पंचायत में यह फैसला लिया गया कि आदिवासियों के हित में कमलनाथ सरकार के कल्याणकारी कार्यों को देखते हुए झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस का समर्थन किया जाएगा। अब कांग्रेस के लिए जयस कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहा है और देश को भरोसा है कि कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया भारी बहुमत से चुनाव जीतेंगे।


Conclusion:झाबुआ उपचुनाव को लेकर डॉक्टर हीरालाल अलावा का कहना है कि झाबुआ उपचुनाव में जयस ने पहले ही उम्मीदवार न उतारने की घोषणा कर दी थी. हम लोग पहले ही कह चुके हैं। हमने कहा है कि कमलनाथ सरकार आदिवासियों के लिए अच्छे काम कर रही है. हमारी पूरी टीम झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस को मदद करेगी। हमारी यही कोशिश होगी कि भारी बहुमत से हम झाबुआ उप चुनाव जीतेंगे।
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