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High Court News: समय के अभाव में टली नर्मदा नदी पर अवैध निर्माण की सुनवाई, जानें किन मुद्दों पर हुई Hearing - एमपी ऐतिहासिक तालाब

मप्र हाईकोर्ट में बुधवार को कई मामलों को लेकर सुनवाई हुई. पटाखों पर बैन, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव आरक्षण, एग्जाम स्पॉट वेल्यूवेशन, नर्मदा नदी पर अवैध निर्माण और तलाब पर अतिक्रमण को लेकर सुनवाई हुई. इस दौरान हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने संबंधित मामले पर सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस भेज दिया है.

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Published : Sep 16, 2021, 1:01 PM IST

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट (MP High Court) में बुधवार को कई मामलों को लेकर सुनवाई हुई. पटाखों पर बैन, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव आरक्षण, एग्जाम स्पॉट वेल्यूवेशन, नर्मदा नदी पर अवैध निर्माण और तलाब पर अतिक्रमण को लेकर सुनवाई हुई. इस दौरान हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने संबंधित मामले पर सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस भेज दिया है. इस दौरान समय के अभाव के चलते नर्मदा नदी पर अवैध निर्माण की याचिका पर सुनवाई टल गई.

पटाखों पर बैन के लिए प्रमुख सचिव को भेजा लीगल नोटिस
नागरिक उपभोक्ता मार्ग दर्शक मंच ने प्रदेश के मुख्य सचिव (Chief Secretary) को लीगल नोटिस भेजकर पटाखों पर रोक लगाये जाने की मांग की है. एनयूएमएम के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव की ओर से भेजे गये नोटिस में कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) अक्टूबर-नवंबर में आने की पूरी विशेषज्ञों ने संभावना जाहिर की है. इन्हीं महीनों में त्योहार हैं. दिवाली पर पटाखे जलाने से भयंकर वायु प्रदूषण बढ़ेगा, जिससे मरीजों की संख्या बढ़ेगी. ऐसे में तीसरी लहर और भी खतरनाक हो जायेगी. ऐसे में मप्र में विशेषत: जबलपुर, भोपाल, इंदौर व ग्वालियर में पटाखों पर पूर्णत: बैन लगाया जाये.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रकिया को लेकर हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस
मप्र हाईकोर्ट में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रकिया (three tier panchayat election process) में किये गये आरक्षण को चुनौती दी गई है। चीफ जस्टिस मोह. रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं. जनहित के यह मामले सिंगरौली निवासी रामसुजान साकेत, नरेन्द्र द्धिवेदी, सीधी निवासी छोटेलाल चर्मकार व दमोह निवासी रामलाल महोबिया की ओर से दायर किये गये है्ं. जिसमें कहा गया है कि पंचायत निर्वाचन नियम 1995 में यह प्रस्तावित है कि जिस वर्ग को पूर्व में वार्ड या पंचायत आरक्षित होगी, आगामी निर्वाचन की आरक्षण प्रकिया में उक्त वर्ग को छोड़कर लॉटरी द्वारा आरक्षण किया जायेगा, लेकिन वर्तमान निर्वाचन हेतु की गई. आरक्षण प्रकिया में कई वार्डों एवं ग्राम पंचायतों को उन्हीं वर्ग के लिये पुन: आरक्षित कर दिया गया है, जो कि अवैधानिक है.

स्पॉट वेल्यूवेशन नहीं कराने पर हाईकोर्ट में याचिका
निर्धारित शुल्क लेने के बावजूद भी स्पॉट वेल्यूवेशन नहीं करवाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया कि मेडिकल विश्वविद्यालय में व्यापम से बड़ा घोटाला चल रहा है. हाईकोर्ट जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव व जस्टिस वीरेन्द्र सिंह की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है. प्राइवेट डेंटल मेडिकल कॉलेज (Private Dental Medical College) के बीडीएस फाइनल ईयर स्टूडेंट राजेन्द्र कैथवास व अन्य सात की तरफ से याचिका दायर की गई थी. याचिका में प्रमुख सचिव मेडिकल एजुकेशन तथा मेडिकल विश्व विद्यालय को अनावेदक बनाया गया है. वहीं ब्लैक लिस्ट कंपनी को अंक घोटाले व अनियमितताओं के लिए निलंबित कर दिया गया है.

ऐतिहासिक तालाब पर अतिक्रमण, हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
सागर शहर के ऐतिहासिक तालाब (Historical Pond MP) पर प्रभावशाली लोगों द्वारा अतिक्रमण किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ को बताया गया कि तालाब में 43 प्रभावशाली लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है. तालाब की 330 वर्ग मीटर जमीन में आरएसएस का कार्यालय बना हुआ है. नगर निगम द्वारा कंपलाइंस रिपोर्ट पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया. जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को निर्धारित की है. याचिकाकर्ता जगदेव सिंह ठाकुर की तरफ से यह याचिका दायर की गई.

OBC वर्ग को 27% आरक्षण देने के आदेश के पक्ष में हाईकोर्ट में दायर की गई कैविएट

समय के अभाव में टली नर्मदी नदी पर अवैध निर्माण की सुनवाई
मप्र हाईकोर्ट में नर्मदा नदी (Narmada River Encroachment Hearing) के तीन सौ मीटर के दायरे में हुए अवैध निर्माण संबंधी मामले में बुधवार को समयाभाव के कारण सुनवाई टल गई. चीफ जस्टिस मोह. रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को निर्धारित की है. गौरतलब है कि दयोदय सेवा केन्द्र द्वारा नर्मदा नदी के तीन सौ मीटर दायरे में अवैध रूप से निर्माण कार्य किए जाने का आरोप लगाते हुए नर्मदा मिशन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट (MP High Court) में बुधवार को कई मामलों को लेकर सुनवाई हुई. पटाखों पर बैन, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव आरक्षण, एग्जाम स्पॉट वेल्यूवेशन, नर्मदा नदी पर अवैध निर्माण और तलाब पर अतिक्रमण को लेकर सुनवाई हुई. इस दौरान हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने संबंधित मामले पर सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस भेज दिया है. इस दौरान समय के अभाव के चलते नर्मदा नदी पर अवैध निर्माण की याचिका पर सुनवाई टल गई.

पटाखों पर बैन के लिए प्रमुख सचिव को भेजा लीगल नोटिस
नागरिक उपभोक्ता मार्ग दर्शक मंच ने प्रदेश के मुख्य सचिव (Chief Secretary) को लीगल नोटिस भेजकर पटाखों पर रोक लगाये जाने की मांग की है. एनयूएमएम के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव की ओर से भेजे गये नोटिस में कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) अक्टूबर-नवंबर में आने की पूरी विशेषज्ञों ने संभावना जाहिर की है. इन्हीं महीनों में त्योहार हैं. दिवाली पर पटाखे जलाने से भयंकर वायु प्रदूषण बढ़ेगा, जिससे मरीजों की संख्या बढ़ेगी. ऐसे में तीसरी लहर और भी खतरनाक हो जायेगी. ऐसे में मप्र में विशेषत: जबलपुर, भोपाल, इंदौर व ग्वालियर में पटाखों पर पूर्णत: बैन लगाया जाये.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रकिया को लेकर हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस
मप्र हाईकोर्ट में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रकिया (three tier panchayat election process) में किये गये आरक्षण को चुनौती दी गई है। चीफ जस्टिस मोह. रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं. जनहित के यह मामले सिंगरौली निवासी रामसुजान साकेत, नरेन्द्र द्धिवेदी, सीधी निवासी छोटेलाल चर्मकार व दमोह निवासी रामलाल महोबिया की ओर से दायर किये गये है्ं. जिसमें कहा गया है कि पंचायत निर्वाचन नियम 1995 में यह प्रस्तावित है कि जिस वर्ग को पूर्व में वार्ड या पंचायत आरक्षित होगी, आगामी निर्वाचन की आरक्षण प्रकिया में उक्त वर्ग को छोड़कर लॉटरी द्वारा आरक्षण किया जायेगा, लेकिन वर्तमान निर्वाचन हेतु की गई. आरक्षण प्रकिया में कई वार्डों एवं ग्राम पंचायतों को उन्हीं वर्ग के लिये पुन: आरक्षित कर दिया गया है, जो कि अवैधानिक है.

स्पॉट वेल्यूवेशन नहीं कराने पर हाईकोर्ट में याचिका
निर्धारित शुल्क लेने के बावजूद भी स्पॉट वेल्यूवेशन नहीं करवाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया कि मेडिकल विश्वविद्यालय में व्यापम से बड़ा घोटाला चल रहा है. हाईकोर्ट जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव व जस्टिस वीरेन्द्र सिंह की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है. प्राइवेट डेंटल मेडिकल कॉलेज (Private Dental Medical College) के बीडीएस फाइनल ईयर स्टूडेंट राजेन्द्र कैथवास व अन्य सात की तरफ से याचिका दायर की गई थी. याचिका में प्रमुख सचिव मेडिकल एजुकेशन तथा मेडिकल विश्व विद्यालय को अनावेदक बनाया गया है. वहीं ब्लैक लिस्ट कंपनी को अंक घोटाले व अनियमितताओं के लिए निलंबित कर दिया गया है.

ऐतिहासिक तालाब पर अतिक्रमण, हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
सागर शहर के ऐतिहासिक तालाब (Historical Pond MP) पर प्रभावशाली लोगों द्वारा अतिक्रमण किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ को बताया गया कि तालाब में 43 प्रभावशाली लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है. तालाब की 330 वर्ग मीटर जमीन में आरएसएस का कार्यालय बना हुआ है. नगर निगम द्वारा कंपलाइंस रिपोर्ट पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया. जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को निर्धारित की है. याचिकाकर्ता जगदेव सिंह ठाकुर की तरफ से यह याचिका दायर की गई.

OBC वर्ग को 27% आरक्षण देने के आदेश के पक्ष में हाईकोर्ट में दायर की गई कैविएट

समय के अभाव में टली नर्मदी नदी पर अवैध निर्माण की सुनवाई
मप्र हाईकोर्ट में नर्मदा नदी (Narmada River Encroachment Hearing) के तीन सौ मीटर के दायरे में हुए अवैध निर्माण संबंधी मामले में बुधवार को समयाभाव के कारण सुनवाई टल गई. चीफ जस्टिस मोह. रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को निर्धारित की है. गौरतलब है कि दयोदय सेवा केन्द्र द्वारा नर्मदा नदी के तीन सौ मीटर दायरे में अवैध रूप से निर्माण कार्य किए जाने का आरोप लगाते हुए नर्मदा मिशन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

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