दिल्ली/भोपाल। कोरोना की तीसरी लहर के अनुमानों के बीच कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) के मामलों ने केन्द्र और राज्य सरकारों की चिंता बढ़ा दी है. केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक देश के 12 जिलों में करीब 50 केस सामने आए हैं. लेकिन ये केस पिछले 3 महीने में सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने यह भी दावा किया है कि कोरोना डेल्टा प्लस वेरिएंट के ट्रेंड कहीं से भी बढ़ते हुए नजर नहीं आ रहे हैं.
केस के मामले में एमपी तीसरे नंबर पर
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (National Centre for Disease Control) के डायरेक्टर डॉक्टर एसके सिंह (SK Singh) ने बताया कि 65 हजार से ज्यादा सैंपलों की जांच की गई है. इसमें सबसे ज्यादा 20 केस महाराष्ट्र से सामने आए हैं. दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है, जहां 9 मामले सामने आए हैं. तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश हैं, जहां 7 केस सामने आए हैं. NCDC के डायरेक्टर एसके सिंह ने बताया कि सभी राज्यों में मॉनिटरिंग की जा रही है. जो केस सामने आए हैं वो राज्यों के अलग-अलग जिलों से सामने आए हैं.
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As of today, there are 48 cases of Delta Plus across the country: Dr SK Singh, National Centre for Disease Control (NCDC) Director #COVID19 pic.twitter.com/2DKkvqJjQE
— ANI (@ANI) June 25, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) June 25, 2021
कहां कितने केस मिले ?
राज्य | अब तक मिले मामले |
महाराष्ट्र | 20 |
तमिलनाडु | 9 |
मध्य प्रदेश | 7 |
केरल | 3 |
पंजाब | 2 |
गुजरात | 2 |
आंध्रप्रदेश | 1 |
ओडिशा | 1 |
राजस्थान | 1 |
वैज्ञानिक आधार पर कुछ कहना संभव नहीं
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (National Centre for Disease Control) के डायरेक्टर डॉक्टर एसके सिंह (SK Singh) ने बताया कि डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) का म्यूटेशन एक जैसा है. लेकिन इसके शरीर में संक्रमण के फैलने की रफ्तार काफी तेज है.
डॉ. एसके सिंह ने बताया कि फिलहाल डेल्टा प्लस वेरिएंट के केस इतने कम है कि वैज्ञानिक आधार पर इसके बारे में कुछ भी कहना संभव नहीं है. एसके सिंह ने कहा कि नए म्यूटेशन का पता लगाने के लिए लगातार जीनोम सीक्वेसिंग की जा रही है. जीनोम सीक्वेंसिंग में 6 से 7 दिनों का समय लगता है इसलिए जल्दी इसकी जानकारी नहीं मिल सकती.