भोपाल। राजधानी भोपाल समेत मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले दिनों दिन तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, इसके साथ ही मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है, जिसकों लेकर स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर के चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ कोविड-19 एडवाइजर कमेटी की बैठक की, मध्यप्रदेश में मौतों को कम कैसे किया जाए, इस बारे में बैठक में विचार विमर्श किया गया.
बैठक में तय किया गया कि, लगातार बढ़ रहे संक्रमण को रोकने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग, धारावी और इंदौर में नई दवाओं के इस्तेमाल की तैयारी भी करेगा, बैठक में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों को कम करने, नई दवाओं के उपयोग और नई सर्जरी की गाइडलाइन पर बात की गई, बैठक में बताया गया कि, इंदौर और धारावी में बड़ी मात्रा में टेस्टिंग की गई, इसके साथ ही डोर टू डोर सर्वे किया गया, जिसके कारण अब दोनों ही क्षेत्रों से संक्रमण के मामलों में कमी देखने को मिल रही है. शुरुआत में मरीज बढ़े, लेकिन अब संख्या अपने आप कम होने लगी है.
इसी मॉडल को प्रदेश भर में लागू करने की बात चल रही है. इसके अलावा जल्दी ही राजधानी में रैपिड किट से जांच भी शुरू की जाएगी, बैठक में बताया गया कि, एम्स भोपाल के पास करीब 150 रैपिड टेस्ट किट आई हैं, इन किट से आधे घंटे में रिपोर्ट मिल जाती है और यह जांच सस्ती होने के साथ आसानी से हो सकती है, जिसकी वजह से जल्द से जल्द संक्रमितों की जानकारी मिल सकती है.
इंदौर के बाद अब राजधानी भोपाल में भी रोजाना जहां पहले 30 से 40 की संख्या में नए संक्रमण के मामले देखने को मिलते थे, अब वहीं रोजाना 50 से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं, जो कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दोनों के लिए ही चिंता का सबब है, जिसे देखते हुए अब इंदौर और धारावी मॉडल राजधानी भोपाल में लागू किया जाएगा, जिसके तहत शहर में ज्यादा से ज्यादा टेस्ट और डोर टू डोर सर्वे की जाने की बात कही गई है.