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खाद को लेकर शिवराज पर बरसे कमलनाथ, कहा- तीन साल का श्वेत पत्र जारी करे सरकार

प्रदेश में खाद की किल्लत को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से तीन साल का श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश का किसान परेशान है. उन्हें न खाद मिल रहा है और न ही समय पर बिजली की आपूर्ति की जा रही है.

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Published : Oct 29, 2021, 3:56 PM IST

Updated : Oct 29, 2021, 7:31 PM IST

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamalnath) ने राज्य सरकार पर खाद संकट को लेकर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार खाद के संकट से इनकार कर रही है, लेकिन खाद की एक-एक बोरी के लिए सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे, चक्का जाम कर रहे, खुदकुशी कर रहे हैं लोग कौन हैं. सरकार इसका जवाब दे. कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में खाद के संकट की भयावह स्थिति को देखते हुए शिवराज सरकार (Cm Shivraj Singh Chouhan) से मांग की है कि वे खाद की पिछले 3 वर्ष की स्थिति पर तत्काल श्वेत पत्र जारी करें.

कमलनाथ ने मांगा तीन साल का श्वेत पत्र
कमलनाथ ने शुक्रवार को कहा कि इन तीन वर्षों में 15 माह तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ही रही है. इन 3 वर्षों के श्वेत पत्र जारी होने से प्रदेश की जनता और किसान भाइयों को कांग्रेस और शिवराज सरकार की तुलनात्मक स्थिति पता चल सकेगी. कांग्रेस की सरकार में खाद की कितनी डिमांड थी, कितनी उपलब्धता थी और किसानों को किस प्रकार आपूर्ति की गई है. वहीं शिवराज सरकार के समय खाद की कितनी डिमांड है, कितनी उपलब्धता है. प्रदेश में कितना खाद का स्टॉक है और किस प्रकार आपूर्ति की जा रही है.

झूठ परोस रही सरकार
कमलनाथ ने कहा कि पिछले दो माह से किसान खाद को लेकर परेशान हो रहा है. सड़कों पर आंदोलन और प्रदर्शन कर रहा है. खाद के लिए लंबी-लंबी लाइने लगी हैं. इस तरह की रोज तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं. इसके बाद भी शिवराज सरकार बेशर्मी से झूठ परोस रही है कि खाद का कोई संकट नहीं है. प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है. उन्होने कहा कि ऐसा कहकर सरकार प्रदेश के लाखों किसानों का अपमान कर रही है. यही नहीं उनका मजाक भी उड़ा रही है.

किसानों को नहीं मिल रही डीएपी
कमलनाथ ने कहा कि आज प्रदेश में किसानों को डीएपी नहीं मिल पा रही है. डीएपी का भारी संकट बना हुआ है. वहीं डीएपी की कालाबाजारी जमकर जारी है. इस संकट की जिम्मेदार शिवराज सरकार से लेकर मोदी सरकार की भी है. इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए सरकार के पास कोई इंतजाम नहीं है. सरकार खाद की व्यवस्था की बजाय चुनावों में लगी है. आने वाले समय में यूरिया की भी किसानों को आवश्यकता है. उसका भी संकट सामने दिखाई दे रहा है.

खाद नहीं मिलने से परेशान महिला ने उठाया खतरनाक कदम

किसानों का मजाक उड़ा रही सरकार
कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश का किसान बढ़ते कर्ज को लेकर परेशान है. उसे उसकी उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है. समय पर खाद-बीज नहीं मिल पा रहा है. बिजली कटौती व बिजली संकट से भी वह परेशान है. ऐसे में लाचार किसानों की मदद करने की बजाये सरकार उसका मजाक उड़ा रही है.

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamalnath) ने राज्य सरकार पर खाद संकट को लेकर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार खाद के संकट से इनकार कर रही है, लेकिन खाद की एक-एक बोरी के लिए सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे, चक्का जाम कर रहे, खुदकुशी कर रहे हैं लोग कौन हैं. सरकार इसका जवाब दे. कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में खाद के संकट की भयावह स्थिति को देखते हुए शिवराज सरकार (Cm Shivraj Singh Chouhan) से मांग की है कि वे खाद की पिछले 3 वर्ष की स्थिति पर तत्काल श्वेत पत्र जारी करें.

कमलनाथ ने मांगा तीन साल का श्वेत पत्र
कमलनाथ ने शुक्रवार को कहा कि इन तीन वर्षों में 15 माह तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ही रही है. इन 3 वर्षों के श्वेत पत्र जारी होने से प्रदेश की जनता और किसान भाइयों को कांग्रेस और शिवराज सरकार की तुलनात्मक स्थिति पता चल सकेगी. कांग्रेस की सरकार में खाद की कितनी डिमांड थी, कितनी उपलब्धता थी और किसानों को किस प्रकार आपूर्ति की गई है. वहीं शिवराज सरकार के समय खाद की कितनी डिमांड है, कितनी उपलब्धता है. प्रदेश में कितना खाद का स्टॉक है और किस प्रकार आपूर्ति की जा रही है.

झूठ परोस रही सरकार
कमलनाथ ने कहा कि पिछले दो माह से किसान खाद को लेकर परेशान हो रहा है. सड़कों पर आंदोलन और प्रदर्शन कर रहा है. खाद के लिए लंबी-लंबी लाइने लगी हैं. इस तरह की रोज तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं. इसके बाद भी शिवराज सरकार बेशर्मी से झूठ परोस रही है कि खाद का कोई संकट नहीं है. प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है. उन्होने कहा कि ऐसा कहकर सरकार प्रदेश के लाखों किसानों का अपमान कर रही है. यही नहीं उनका मजाक भी उड़ा रही है.

किसानों को नहीं मिल रही डीएपी
कमलनाथ ने कहा कि आज प्रदेश में किसानों को डीएपी नहीं मिल पा रही है. डीएपी का भारी संकट बना हुआ है. वहीं डीएपी की कालाबाजारी जमकर जारी है. इस संकट की जिम्मेदार शिवराज सरकार से लेकर मोदी सरकार की भी है. इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए सरकार के पास कोई इंतजाम नहीं है. सरकार खाद की व्यवस्था की बजाय चुनावों में लगी है. आने वाले समय में यूरिया की भी किसानों को आवश्यकता है. उसका भी संकट सामने दिखाई दे रहा है.

खाद नहीं मिलने से परेशान महिला ने उठाया खतरनाक कदम

किसानों का मजाक उड़ा रही सरकार
कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश का किसान बढ़ते कर्ज को लेकर परेशान है. उसे उसकी उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है. समय पर खाद-बीज नहीं मिल पा रहा है. बिजली कटौती व बिजली संकट से भी वह परेशान है. ऐसे में लाचार किसानों की मदद करने की बजाये सरकार उसका मजाक उड़ा रही है.

Last Updated : Oct 29, 2021, 7:31 PM IST
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