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देर रात चिकित्सा शिक्षा मंत्री से हुई मुलाकात, सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों ने वापस ली हड़ताल

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Published : Oct 8, 2020, 12:53 PM IST

बुधवार देर रात चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के साथ मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश के प्रतिनिधिमंडल की बैठक हुई, जहां मंत्री विश्वास सारंग के आश्रवासन के बाद गुरुवार से हड़ताल नहीं करने का फैसल लिया गया है.

doctors withdrew strike
डॉक्टरों ने वापस ली हड़ताल

भोपाल। बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में डॉक्टरों के साथ प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध में सेंट्रल मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन(CMTA) के आह्वान पर सभी मेडिकल कॉलेजों के सभी डॉक्टर शिक्षक हड़ताल पर जाने वाले थे, लेकिन देर रात चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से हुई मुलाकात के बाद प्रदेश के सभी 13 शासकीय मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टर शिक्षकों ने अपनी हड़ताल को फिलहाल स्थगित कर दिया है.

पिछले 6 महीने से काम में जुटे हैं सभी

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से बुधवार देर रात मध्य प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (MPMTA) के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की है. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर में पदस्थ डॉ गौरव तिवारी और डॉक्टर पल्लवी के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई है, और उनके मेडिकल लाइसेंस को निरस्त करने के निर्देश दिए गए हैं. जबकि पिछले 6 महीने से प्रदेश के सभी डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ और कई स्वास्थ्यकर्मी पूरी जी-जान से मरीजों की सेवा करने में जुटे हुए हैं.

अधिकारियों के खिलाफ हो कार्रवाई

MPMTA के प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि इस दौरान किसी ने भी एक दिन का अवकाश नहीं लिया है. इसके बावजूद इस तरह की कार्रवाई से कहीं न कहीं डॉक्टरों का मनोबल कम हुआ है. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर के दोनों डॉक्टरों को अनुचित नोटिस जारी किया गया है, जिसे तुंरत वापस लिया जाना चाहिए. साथ ही गलत नोटिस देने वाले अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने की मांग की गई है.

वहीं जिस मामले को लेकर डॉक्टरों पर कार्रवाई की जा रही थी उसके संबंध में दोनों ही डॉक्टरों ने जवाब भी पेश किए हैं, यहां तक कि कॉलेज प्रशासन ने भी इस मामले की जांच की है और डॉक्टरों को दोषी नहीं पाया है. इसके बावजूद दोनों डॉक्टरों के मेडिकल लाइसेंस कैंसिल करने के निर्देश दिए गए हैं.

मंत्री ने दिया आश्वसान

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने प्रतिनिधिमंडल से बात करने के बाद उन्हें आश्वासन दिया है कि सागर मेडिकल कॉलेज के दोनों डॉक्टरों का मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसलिंग से पंजीयन निरस्त करने संबंधी कलेक्टर का पत्र रद्द किया जाएगा. साथ ही इस तरह का पत्र लिखने को लेकर उनसे जवाब तलब भी किया जाएगा. उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि डॉक्टरों पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होगी.

ये भी पढ़ें- बीजेपी के संकल्प पत्र पर कांग्रेस का पलटवार, कहा- 'जनता को बिकाऊ नहीं टिकाऊ सरकार चाहिए'

जानें मामला

  • सागर में कोरोना संक्रमण के एक मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर नहीं करने के चलते उसकी मौत होने पर कलेक्टर ने दो डॉक्टरों का मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसलिंग से पंजीयन निरस्त करने की सिफारिश की थी, इसमें डॉ. गौरव तिवारी और जूनियर डॉक्टर पल्लवी मिश्रा शामिल थे.
  • इसी के विरोध में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने 8 अक्टूबर को इमरजेंसी समेत सभी सेवाएं बंद कर एक दिन की हड़ताल का ऐलान किया था.
  • जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने भी हड़ताल में शामिल होने की बात कही थी लेकिन अब चिकित्सा शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद हड़ताल को वापस ले लिया गया है .

भोपाल। बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय सागर में डॉक्टरों के साथ प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध में सेंट्रल मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन(CMTA) के आह्वान पर सभी मेडिकल कॉलेजों के सभी डॉक्टर शिक्षक हड़ताल पर जाने वाले थे, लेकिन देर रात चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से हुई मुलाकात के बाद प्रदेश के सभी 13 शासकीय मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टर शिक्षकों ने अपनी हड़ताल को फिलहाल स्थगित कर दिया है.

पिछले 6 महीने से काम में जुटे हैं सभी

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से बुधवार देर रात मध्य प्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (MPMTA) के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की है. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर में पदस्थ डॉ गौरव तिवारी और डॉक्टर पल्लवी के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई है, और उनके मेडिकल लाइसेंस को निरस्त करने के निर्देश दिए गए हैं. जबकि पिछले 6 महीने से प्रदेश के सभी डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ और कई स्वास्थ्यकर्मी पूरी जी-जान से मरीजों की सेवा करने में जुटे हुए हैं.

अधिकारियों के खिलाफ हो कार्रवाई

MPMTA के प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि इस दौरान किसी ने भी एक दिन का अवकाश नहीं लिया है. इसके बावजूद इस तरह की कार्रवाई से कहीं न कहीं डॉक्टरों का मनोबल कम हुआ है. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर के दोनों डॉक्टरों को अनुचित नोटिस जारी किया गया है, जिसे तुंरत वापस लिया जाना चाहिए. साथ ही गलत नोटिस देने वाले अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने की मांग की गई है.

वहीं जिस मामले को लेकर डॉक्टरों पर कार्रवाई की जा रही थी उसके संबंध में दोनों ही डॉक्टरों ने जवाब भी पेश किए हैं, यहां तक कि कॉलेज प्रशासन ने भी इस मामले की जांच की है और डॉक्टरों को दोषी नहीं पाया है. इसके बावजूद दोनों डॉक्टरों के मेडिकल लाइसेंस कैंसिल करने के निर्देश दिए गए हैं.

मंत्री ने दिया आश्वसान

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने प्रतिनिधिमंडल से बात करने के बाद उन्हें आश्वासन दिया है कि सागर मेडिकल कॉलेज के दोनों डॉक्टरों का मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसलिंग से पंजीयन निरस्त करने संबंधी कलेक्टर का पत्र रद्द किया जाएगा. साथ ही इस तरह का पत्र लिखने को लेकर उनसे जवाब तलब भी किया जाएगा. उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि डॉक्टरों पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होगी.

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जानें मामला

  • सागर में कोरोना संक्रमण के एक मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर नहीं करने के चलते उसकी मौत होने पर कलेक्टर ने दो डॉक्टरों का मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसलिंग से पंजीयन निरस्त करने की सिफारिश की थी, इसमें डॉ. गौरव तिवारी और जूनियर डॉक्टर पल्लवी मिश्रा शामिल थे.
  • इसी के विरोध में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने 8 अक्टूबर को इमरजेंसी समेत सभी सेवाएं बंद कर एक दिन की हड़ताल का ऐलान किया था.
  • जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने भी हड़ताल में शामिल होने की बात कही थी लेकिन अब चिकित्सा शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद हड़ताल को वापस ले लिया गया है .
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