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शराब की उप दुकानें खोलने पर पीछे हटी कमलनाथ सरकार, पर्यटन स्थल पर वाइन के आउटलेट खोलने को हरी झंडी

शराब की नई दुकानें या उप दुकानें नाक खोलने का निर्णय लिया गया है. कैबिनेट बैठक के दौरान ही ज्यादातर मंत्रियों ने शराब की नई दुकान है या उप दुकानें खोलने का विरोध किया था जिसे दृष्टिगत रखते हुए अब प्रदेश में शराब की नई उप दुकानें ना खोलने का निर्णय हुआ है.

Government backtracks on opening liquor sub shops
शराब की उप दुकानें खोलने पर सरकार पीछे हटी
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Published : Feb 23, 2020, 6:01 AM IST

Updated : Feb 23, 2020, 6:52 AM IST

भोपाल| प्रदेश सरकार के द्वारा शराब की नई दुकानें या उप दुकानें नाक खोलने का निर्णय लिया गया है. कैबिनेट बैठक के दौरान ही ज्यादातर मंत्रियों ने शराब की नई दुकान है या उप दुकानें खोलने का विरोध किया था जिसे दृष्टिगत रखते हुए अब प्रदेश में शराब की नई उप दुकानें ना खोलने का निर्णय हुआ है. हालांकि दुकानों का निष्पादन ई-टेंडर नीलामी प्रक्रिया से ही किया जाएगा. इसके अलावा देशी और विदेशी शराब दुकानों के वार्षिक मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई है.

शराब की उप दुकानें खोलने पर सरकार पीछे हटी

प्रदेश के सभी 52 जिलों में देशी-विदेशी मदिरा दुकानों की नीलामी हेतु शासन ने आबकारी नीति घोषित कर दी है वर्ष 2020 21 के लिए शराब दुकानें 25 फ़ीसदी बढ़ोतरी से नीलाम होगी और महानगरों में दो समूह बनाए जाएंगे इसके अलावा 15 पर्यटन स्थलों पर अंगूर वाइन के आउटलेट भी खोले जाएंगे. शासन को इस व्यवस्था से दो हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त आय की उम्मीद है.

साल 2020-21 के लिये प्रस्तावित आबकारी व्यवस्था में राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से 2 हजार 544 देशी मदिरा दुकानों और 1 हजार 61 विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन पूर्व वर्ष के वार्षिक मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ किया जाएगा.

दुकानों का निष्पादन ई-टेंडर सह-नीलामी प्रक्रिया से होगा. प्रस्तावित व्यवस्था में देशी और विदेशी मदिरा की उप दुकानें नहीं खोली जायेंगी.प्रदेश के चार बड़े महानगर वाले जिले इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में दुकानों के 2-2 समूह बनाए जायेंगे. इन समूहों में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की देशी-विदेशी मदिरा की दुकानें शामिल होंगी. शेष 12 नगर निगम वाले जिलों में दुकानों का एक समूह बनाया जाकर निष्पादन की कार्रवाई ई-टेंडर सह-नीलामी प्रक्रिया से होगी.

शेष 36 जिलों में वर्ष 2019-20 में प्रचलित मदिरा दुकानों के यथास्थित एकल समूहों के वार्षिक मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि कर आरक्षित मूल्य निधारित किया जाएगा. इन दुकानों का निष्पादन वर्ष 2019-20 में प्रचलित व्यवस्था के अनुसार नवीनीकरण/लॉटरी/ई-टेंडर के माध्यम से किया जाएगा.

साल 2020-21 में देशी और विदेशी मदिरा की उप-दुकानें (SUB SHOPS) नहीं खोली जाएंगी. प्रदेश के अंगूर उत्पादन किसानों की आय में वृद्धि करने और अंगूर की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अंगूर से बनाई जा रही वाईन के प्रचार-प्रसार के लिये पर्यटन स्थलों पर 15 नये आउटलेट खोले जाएंगे.

इन आउटलेट्स की फीस मात्र 10 हजार रूपये वार्षिक होगी. विदेशी मदिरा के प्रदाय को ऑनलाइन किया जाएगा.मदिरा के व्यवसाय पर प्रभावी नियंत्रण रखने के उद्देश्य से प्रत्येक बोतल में बारकोड लगाये जाने के अतिरिक्त बोतल की निगरानी की व्यव्स्था का प्रयास किया जाएगा. वर्ष 2020-21 की आबकारी नीति में प्रक्रियात्मक सरलताएं भी सम्मिलित हैं.

भोपाल| प्रदेश सरकार के द्वारा शराब की नई दुकानें या उप दुकानें नाक खोलने का निर्णय लिया गया है. कैबिनेट बैठक के दौरान ही ज्यादातर मंत्रियों ने शराब की नई दुकान है या उप दुकानें खोलने का विरोध किया था जिसे दृष्टिगत रखते हुए अब प्रदेश में शराब की नई उप दुकानें ना खोलने का निर्णय हुआ है. हालांकि दुकानों का निष्पादन ई-टेंडर नीलामी प्रक्रिया से ही किया जाएगा. इसके अलावा देशी और विदेशी शराब दुकानों के वार्षिक मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई है.

शराब की उप दुकानें खोलने पर सरकार पीछे हटी

प्रदेश के सभी 52 जिलों में देशी-विदेशी मदिरा दुकानों की नीलामी हेतु शासन ने आबकारी नीति घोषित कर दी है वर्ष 2020 21 के लिए शराब दुकानें 25 फ़ीसदी बढ़ोतरी से नीलाम होगी और महानगरों में दो समूह बनाए जाएंगे इसके अलावा 15 पर्यटन स्थलों पर अंगूर वाइन के आउटलेट भी खोले जाएंगे. शासन को इस व्यवस्था से दो हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त आय की उम्मीद है.

साल 2020-21 के लिये प्रस्तावित आबकारी व्यवस्था में राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से 2 हजार 544 देशी मदिरा दुकानों और 1 हजार 61 विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन पूर्व वर्ष के वार्षिक मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ किया जाएगा.

दुकानों का निष्पादन ई-टेंडर सह-नीलामी प्रक्रिया से होगा. प्रस्तावित व्यवस्था में देशी और विदेशी मदिरा की उप दुकानें नहीं खोली जायेंगी.प्रदेश के चार बड़े महानगर वाले जिले इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में दुकानों के 2-2 समूह बनाए जायेंगे. इन समूहों में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की देशी-विदेशी मदिरा की दुकानें शामिल होंगी. शेष 12 नगर निगम वाले जिलों में दुकानों का एक समूह बनाया जाकर निष्पादन की कार्रवाई ई-टेंडर सह-नीलामी प्रक्रिया से होगी.

शेष 36 जिलों में वर्ष 2019-20 में प्रचलित मदिरा दुकानों के यथास्थित एकल समूहों के वार्षिक मूल्य में 25 प्रतिशत की वृद्धि कर आरक्षित मूल्य निधारित किया जाएगा. इन दुकानों का निष्पादन वर्ष 2019-20 में प्रचलित व्यवस्था के अनुसार नवीनीकरण/लॉटरी/ई-टेंडर के माध्यम से किया जाएगा.

साल 2020-21 में देशी और विदेशी मदिरा की उप-दुकानें (SUB SHOPS) नहीं खोली जाएंगी. प्रदेश के अंगूर उत्पादन किसानों की आय में वृद्धि करने और अंगूर की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अंगूर से बनाई जा रही वाईन के प्रचार-प्रसार के लिये पर्यटन स्थलों पर 15 नये आउटलेट खोले जाएंगे.

इन आउटलेट्स की फीस मात्र 10 हजार रूपये वार्षिक होगी. विदेशी मदिरा के प्रदाय को ऑनलाइन किया जाएगा.मदिरा के व्यवसाय पर प्रभावी नियंत्रण रखने के उद्देश्य से प्रत्येक बोतल में बारकोड लगाये जाने के अतिरिक्त बोतल की निगरानी की व्यव्स्था का प्रयास किया जाएगा. वर्ष 2020-21 की आबकारी नीति में प्रक्रियात्मक सरलताएं भी सम्मिलित हैं.

Last Updated : Feb 23, 2020, 6:52 AM IST
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