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पोषण आहार के मुद्दे पर गरमाई सियासत, नेता प्रतिपक्ष ने कहा- गरीब बच्चों का निवाला छीन रही सरकार

पोषण आहार के प्लांट की जिम्मेदारी बदलने पर नेताप्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सरकार के इस फैसले की निंदा करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं.

Politics heats up on nutrition issue
पोषण आहार के मुद्दे पर गरमाई सियासत
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Published : Nov 28, 2019, 4:58 PM IST

Updated : Nov 28, 2019, 5:28 PM IST

भोपाल। पोषण आहार के प्लांट की जिम्मेदारी बदलने पर सियासत गर्मा सकती है. नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के इस फैसले को शर्मनाक बताया है. उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकर गरीब परिवारों के मासूम बच्चों के पेट का निवाला छीनकर माफियाओं को सुपुर्द कर रही है.

पोषण आहार के मुद्दे पर गरमाई सियासत

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश के बच्चों और महिलाओं सर्वाधिक कुपोषित हैं. कुपोषण को दूर करने के 2 साल पहले बीजेपी की सरकार में पोषण आहार के इस काम को महिलाओं के स्व सहायता समूह के जिम्मे करने का फैसला लिया था, ताकि बच्चों तक सुव्यवस्थित आहार पहुंचे, उन्होंने बताया कि पोषण आहार का ये काम आजीविका मिशन के जरिए किया जाना था.

कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना की
सुप्रीम कोर्ट और इंदौर हाइकोर्ट की खंडपीठ ने भी इस बारे में निर्देश दिए थे, लेकिन कमलनाथ सरकार ने बुधवार को कैबिनेट में न्यायालयों के निर्देशों की अवहेलना की साथ ही तत्कालीन बीजेपी सरकार के आदेश को भी पलटकर इसे एमपी एग्रो के माध्यम से दलालों को सौंपने का फैसला लिया, जो कि निंदनीय है.

कमलनाथ सरकार छीन रही गरीबों का निवाला
गोपाल भार्गव ने कहा कि एग्रो के माध्यम से पोषण आहार माफिया अब लगातार अपना लूट का कारोबार चलाएंगे. इस कारोबार से पोषण आहार माफियाओं की काली कमाई कम से कम 2 हजार करोड़ प्रति वर्ष होगी. कांग्रेस सरकार गरीब परिवारों के मासूम बच्चों के पेट का निवाला छीनकर माफियाओं को सुपुर्द कर रही है, इससे बड़ा पाप और कोई नहीं हो सकता है.

'विभाग और ठेकेदारों की मिली-जुली साजिश'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार में नेता-अधिकारी लगातार भ्रष्टाचार कर रहे हैं. ऐसा कोई विभाग नहीं बचा, जहां भ्रष्टाचार नहीं हो रहा हो, लेकिन कम से कम कुपोषित बच्चे और उनकी माताओं को मिलने वाले पोषण आहार को बख्श दें. उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग ने पोषण आहार माफियाओं को सौंपने की ये दलील दी कि वो उसे नहीं चला पाएंगे. ये ठेकेदारों और विभाग की मिली जुली साजिश है.

शीत कालीन सत्र में होगी चर्चा
गोपाल भार्गव ने कहा कि विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में मासूम कुपोषित बच्चों के आहार के इस विषय पर स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा कराई जाएगी, कैबिनेट में न्यायालय के विरुद्ध जो फैसला लिया गया है. वो सीधे अवमानना की परिधि में आता है. प्रदेश सरकार के विरुद्ध न्यायालय कि अवमानना भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जाएगी.

भोपाल। पोषण आहार के प्लांट की जिम्मेदारी बदलने पर सियासत गर्मा सकती है. नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के इस फैसले को शर्मनाक बताया है. उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकर गरीब परिवारों के मासूम बच्चों के पेट का निवाला छीनकर माफियाओं को सुपुर्द कर रही है.

पोषण आहार के मुद्दे पर गरमाई सियासत

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि मध्यप्रदेश के बच्चों और महिलाओं सर्वाधिक कुपोषित हैं. कुपोषण को दूर करने के 2 साल पहले बीजेपी की सरकार में पोषण आहार के इस काम को महिलाओं के स्व सहायता समूह के जिम्मे करने का फैसला लिया था, ताकि बच्चों तक सुव्यवस्थित आहार पहुंचे, उन्होंने बताया कि पोषण आहार का ये काम आजीविका मिशन के जरिए किया जाना था.

कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना की
सुप्रीम कोर्ट और इंदौर हाइकोर्ट की खंडपीठ ने भी इस बारे में निर्देश दिए थे, लेकिन कमलनाथ सरकार ने बुधवार को कैबिनेट में न्यायालयों के निर्देशों की अवहेलना की साथ ही तत्कालीन बीजेपी सरकार के आदेश को भी पलटकर इसे एमपी एग्रो के माध्यम से दलालों को सौंपने का फैसला लिया, जो कि निंदनीय है.

कमलनाथ सरकार छीन रही गरीबों का निवाला
गोपाल भार्गव ने कहा कि एग्रो के माध्यम से पोषण आहार माफिया अब लगातार अपना लूट का कारोबार चलाएंगे. इस कारोबार से पोषण आहार माफियाओं की काली कमाई कम से कम 2 हजार करोड़ प्रति वर्ष होगी. कांग्रेस सरकार गरीब परिवारों के मासूम बच्चों के पेट का निवाला छीनकर माफियाओं को सुपुर्द कर रही है, इससे बड़ा पाप और कोई नहीं हो सकता है.

'विभाग और ठेकेदारों की मिली-जुली साजिश'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार में नेता-अधिकारी लगातार भ्रष्टाचार कर रहे हैं. ऐसा कोई विभाग नहीं बचा, जहां भ्रष्टाचार नहीं हो रहा हो, लेकिन कम से कम कुपोषित बच्चे और उनकी माताओं को मिलने वाले पोषण आहार को बख्श दें. उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग ने पोषण आहार माफियाओं को सौंपने की ये दलील दी कि वो उसे नहीं चला पाएंगे. ये ठेकेदारों और विभाग की मिली जुली साजिश है.

शीत कालीन सत्र में होगी चर्चा
गोपाल भार्गव ने कहा कि विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में मासूम कुपोषित बच्चों के आहार के इस विषय पर स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा कराई जाएगी, कैबिनेट में न्यायालय के विरुद्ध जो फैसला लिया गया है. वो सीधे अवमानना की परिधि में आता है. प्रदेश सरकार के विरुद्ध न्यायालय कि अवमानना भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जाएगी.

Intro:भोपाल। कमलनाथ सरकार गरीब परिवारों के मासूम बच्चों से पेट का निवाला छीनकर माफियाओं को सुपुर्द कर पोषण आहार में भ्रष्टाचार कर रही है। इससे ज्यादा शर्मनाक और निंदनीय कुछ हो नहीं सकता। यह बात नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने प्रदेश सरकार द्वारा कैबिनेट में पोषण आहार के 7 प्लांट की जिम्मेदारी बदलने के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मध्यप्रदेश देश के सर्वाधिक कुपोषित बच्चों और महिलाओं का प्रदेश है। कुपोषण को दूर करने के लिए 2 वर्ष पूर्व मेरे पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रहते हुए हमारी सरकार ने पोषण आहार के इस कार्य को महिलाओं के स्व सहायता समूह के जिम्मे करने का निर्णय लिया था, ताकि बच्चों तक सुव्यवस्थित आहार पहुंचे और महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर हो।



Body:नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पोषण आहार का यह कार्य आजीविका मिशन के माध्यम से किया जाना था। जिसके साथ पोषण आहार के नए प्लांट बनकर भी तैयार भी हो गए थे। सुप्रीम कोर्ट और इंदौर हाइकोर्ट ने भी इस बारे में निर्देश दिए थे। लेकिन कमलनाथ सरकार ने बुधवार को कैबिनेट में सुप्रीम कोर्ट और इंदौर हाईकोर्ट के निर्देशों की अवहेलना ओर तत्कालीन भाजपा सरकार के आदेश को भी पलटकर इसे पुनः एमपी एग्रो के माध्यम से दलालों को सौपने का निर्णय लिया। जो कि निंदनीय है। गोपाल भार्गव ने कहा कि एग्रो के माध्यम से पोषण आहार माफिया अब लगातार अपना लूट का कारोबार चलाएंगे। इस कारोबार से पोषण आहार माफियां की काली कमाई कम से कम 2 हजार करोड़ ( 20 अरब) रुपए प्रति वर्ष होगी। कांग्रेस सरकार गरीब परिवारो के मासूम बच्चों के पेट का निवाला छीनकर माफियाओं को सुपुर्द कर रही है, इससे बड़ा पाप का दूसरा उदाहरण नहीं हो सकता।Conclusion:नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार में नेता-अधिकारी लगातार भ्रष्टाचार कर रहे हैं। ऐसा कोई विभाग नहीं बचा, जहां भ्रष्टाचार नहीं हो रहा हो। लेकिन कम से कम कुपोषित बच्चे और उनकी माताओं को मिलने वाले पोषण आहार को बक्श दे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग ने पोषण आहार माफियाओं को सौपने की यह दलील दी कि वह उसे नहीं चला पाएंगे यह ठेकेदारों और विभाग की मिली जुली साजिश है।
गोपाल भार्गव ने कहा कि विधानसभा के आगामी शीत कालीन सत्र में मासूम कुपोषित बच्चों के आहार के इस विषय पर स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा करायी जाएगी। कैबिनेट में न्यायालय के विरुद्ध जो निर्णय लिया गया है। वह सीधे सीधे अवमानना की परिधि में आता है। प्रदेश सरकार के विरुद्ध न्यायालय कि अवमानना का भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जाएगा।

Last Updated : Nov 28, 2019, 5:28 PM IST
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