भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय की फर्जी नियुक्ति और आर्थिक अनियमितता के मामले में फंसे पूर्व कुलपति बीके कुठियाला ईओडब्ल्यू की जांच में बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे हैं. तीन बार की पूछताछ में कुठियाला ने अधिकांश सवालों के जवाब देने से इंकार कर दिया. साथ ही इन मामलों से जुड़े जो सबूत कुठियाला को पेश करने थे वह सबूत भी ईओडब्ल्यू के सामने पेश नहीं कर पाए हैं.
माखनलाल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति और आर्थिक अनियमितता मामले के मुख्य आरोपी बीके कुठियाला ईओडब्ल्यू की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. उनसे तीन बार हुई पूछताछ में अब तक करीब 200 सवाल पूछे गए हैं लेकिन इनमें से अधिकांश सवालों के जवाब कुठियाला नहीं दे पाए हैं. जब पहली बार कुठियाला जांच एजेंसी के सामने पेश हुए थे तब उन्होंने इन सवालों के जवाब देने के लिए आदेश नियम और अनुमति की प्रतियां देखने के बाद ही सवालों के जवाब देने की बात ईओडब्ल्यू के सामने कही थी और इसी आधार पर कुठियाला को कुछ दिनों की मोहलत भी दी गई थी.
इसके बाद जब दोबारा कुठियाला ईओडब्ल्यू के सामने पेश हुए तो फिर से उन्होंने पूछताछ में सहयोग नहीं किया लिहाजा तीसरी बार भी कुठियाला को मोहलत दी गई और अब फिर से 23 सितंबर को कुठियाला को तलब किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कुठियाला की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी हो लेकिन इन सबके बीच जांच एजेंसी लगातार कुठियाला पर शिकंजा कस रही है. अब तक की पूछताछ में कुठियाला से जितने भी सवाल पूछे गए उन सवालों के जवाब में कुठियाला को ईओडब्ल्यू के सामने सबूत पेश करने दे, लेकिन सबूतों को लेकर कुठियाला बार-बार ईओडब्ल्यू से मोहलत मांग रहे हैं यह सबूत यूनिवर्सिटी के नियम कानून और उससे जुड़े दस्तावेजों के संबंध में है.
इधर 30 सितंबर को कुठियाला की अग्रिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है इस सुनवाई के बाद ईओडब्ल्यू का भी कुठियाला को लेकर रुख साफ हो जाएगा.