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पूर्व मंत्री इमरती देवी की ETV भारत से बातचीत, उपचुनाव में सभी सीटों पर किया जीत का दावा

उपचुनाव का बिगुल बजने से पहले पूर्व मंत्री इमरती देवी ने ईटीवी भारत से बात की और उन्होंने दावा किया कि बीजेपी सभी सीटों पर जीत दर्ज करेगी, साथ ही कहा कि यदि कमलनाथ सिर्फ छिंदवाड़ा के सीएम न होकर पूरे प्रदेश के मुख्यमंत्री होते तो उन्हें कांग्रेस छोड़ने की जरूरत भी न पड़ती.

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Published : May 26, 2020, 7:18 PM IST

Updated : May 26, 2020, 7:27 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही जीत का दम भर रही हैं, कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा देकर कमलनाथ सरकार को अल्पमत में ला दिया था, जिसके बाद खाली हुई सीटों पर उपचुनाव होना है, जिस पर जीत हासिल कर कांग्रेस बदला चुकाना चाहती है, जबकि बीजेपी इन सीटों को जीतकर सरकार को स्थिर करना चाहती है, सिंधिया समर्थक 22 पूर्व विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं बचा है, फिर भी वह बीजेपी सरकार गिराने के दावे कर रही है, जबकि उत्साह से भरपूर बीजेपी को पूरा विश्वास है कि वो उपचुनाव में सभी सीटों पर जीत हासिल करेगी. इसी मुद्दे पर पूर्व मंत्री इमरती देवी ने ईटीवी भारत से बातची की, पेश है कुछ अंश.

इमरती देवी की ईटीवी भारत से बात

सवाल- उपचुनाव को लेकर बीजेपी की क्या तैयारियां है.

जवाब- उपचुनाव के लिए हमारी पार्टी की पूरी तैयारी है, हम सभी पूरी जिम्मेदारी के साथ सभी सीटों पर लड़ेंगे भी और जीतेंगे भी.

सवाल- 24 सीटों में से 23 सीटों पर कांग्रेस काबिज थी, चुनाव में बीजेपी को कितनी मुश्किल हो सकती है.

जवाब- बीजेपी को कोई मुश्किल नहीं होगी, बल्कि कांग्रेस के लिए मुश्किल होगी क्योंकि उनके पास न कोई चेहरा है और न कोई नेता. कांग्रेस ने पहले जो चुनाव जीता था, वो ज्योतिरादित्य सिंधिया के दम पर जीता था. उपचुनाव में बीजेपी की ही जीत होगी.

सवाल- क्या बीजेपी सिंधिया को उपचुनाव में चेहरा बनाएगी.

जवाब- सिंधिया तो पहले से ही चेहरा हैं. कांग्रेस ने भी उन्हीं के दम पर चुनाव जीता था.

सवाल- ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्र में मंत्री कब तक बनाया जा सकता है.

जवाब- जब पीएम मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चाहेंगे वे मंत्री बन जाएंगे.

सवाल- क्या बीजेपी बाकी पूर्व मंत्रियों को भी मंत्रिमंडल में शामिल करेगी.

जवाब- जिस दिन मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, उस दिन सभी मंत्री बन जाएंगे.

सवाल- मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी भितरघात से कैसे निपटेगी.

जवाब- हम सभी बीजेपी के सदस्य हैं, जिसको नेतृत्व चाहेगा, उसे मंत्री बनाएगा. जो मंत्री नहीं बना तो वह कार्यकर्ता बनकर पार्टी के लिए काम करेगा.

सवाल- कांग्रेस छोड़ने की क्या वजह है.

जवाब- जब मैं विधायक थी और जब विपक्ष में थी, जनता को विश्वास दिलाया कि सरकार बनने पर विकास कराऊंगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. डेढ़ साल सरकार में रहने के बाद भी कोई विकास कार्य नहीं हुआ. डबरा विधानसभा क्षेत्र के लिए तो 5 लाख रुपए का भी काम नहीं हुआ. कैबिनेट की बैठक में सारी फाइलें छिंदवाड़ा की होती थी. कमलनाथ मध्यप्रदेश के नहीं बल्कि छिंदवाड़ा के सीएम थे.

सवाल- डबरा विधानसभा क्षेत्र के लिए तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने कोई सहायता राशि नहीं दी.

जवाब- कमलनाथ ने कोई पैसे नहीं दिए थे, यहां तक कि कई विधानसभा क्षेत्रों के लिए कमलनाथ ने पैस नहीं दिए, बल्कि वो सारे पैसे छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में ले गए.

सवाल- उपचुनाव में कैसे प्रचार करेंगी.

जवाब- जिस तरह पहले प्रचार करती थी, वही अब भी करूंगी. कमलनाथ ने वो जिम्मेदारी नहीं दिखाई, जिसके चलते मुझे पार्टी छोड़नी पड़ी.

सवाल- मंत्री बनने पर क्या आप महिला विकास मंत्रालय संभालना चाहेंगी.

जवाब- मैंने सोच लिया था जिस दिन इस्तीफा दूंगी, उसी दिन तक मैंने सोचा था कि मैं मंत्री और विधायक हूं. मुझे मंत्री और विधायक पद की लालसा नहीं है. अगर मंत्री नहीं बनाएंगे तो भी काम करती रहूंगी.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही जीत का दम भर रही हैं, कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा देकर कमलनाथ सरकार को अल्पमत में ला दिया था, जिसके बाद खाली हुई सीटों पर उपचुनाव होना है, जिस पर जीत हासिल कर कांग्रेस बदला चुकाना चाहती है, जबकि बीजेपी इन सीटों को जीतकर सरकार को स्थिर करना चाहती है, सिंधिया समर्थक 22 पूर्व विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं बचा है, फिर भी वह बीजेपी सरकार गिराने के दावे कर रही है, जबकि उत्साह से भरपूर बीजेपी को पूरा विश्वास है कि वो उपचुनाव में सभी सीटों पर जीत हासिल करेगी. इसी मुद्दे पर पूर्व मंत्री इमरती देवी ने ईटीवी भारत से बातची की, पेश है कुछ अंश.

इमरती देवी की ईटीवी भारत से बात

सवाल- उपचुनाव को लेकर बीजेपी की क्या तैयारियां है.

जवाब- उपचुनाव के लिए हमारी पार्टी की पूरी तैयारी है, हम सभी पूरी जिम्मेदारी के साथ सभी सीटों पर लड़ेंगे भी और जीतेंगे भी.

सवाल- 24 सीटों में से 23 सीटों पर कांग्रेस काबिज थी, चुनाव में बीजेपी को कितनी मुश्किल हो सकती है.

जवाब- बीजेपी को कोई मुश्किल नहीं होगी, बल्कि कांग्रेस के लिए मुश्किल होगी क्योंकि उनके पास न कोई चेहरा है और न कोई नेता. कांग्रेस ने पहले जो चुनाव जीता था, वो ज्योतिरादित्य सिंधिया के दम पर जीता था. उपचुनाव में बीजेपी की ही जीत होगी.

सवाल- क्या बीजेपी सिंधिया को उपचुनाव में चेहरा बनाएगी.

जवाब- सिंधिया तो पहले से ही चेहरा हैं. कांग्रेस ने भी उन्हीं के दम पर चुनाव जीता था.

सवाल- ज्योतिरादित्य सिंधिया को केंद्र में मंत्री कब तक बनाया जा सकता है.

जवाब- जब पीएम मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चाहेंगे वे मंत्री बन जाएंगे.

सवाल- क्या बीजेपी बाकी पूर्व मंत्रियों को भी मंत्रिमंडल में शामिल करेगी.

जवाब- जिस दिन मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, उस दिन सभी मंत्री बन जाएंगे.

सवाल- मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी भितरघात से कैसे निपटेगी.

जवाब- हम सभी बीजेपी के सदस्य हैं, जिसको नेतृत्व चाहेगा, उसे मंत्री बनाएगा. जो मंत्री नहीं बना तो वह कार्यकर्ता बनकर पार्टी के लिए काम करेगा.

सवाल- कांग्रेस छोड़ने की क्या वजह है.

जवाब- जब मैं विधायक थी और जब विपक्ष में थी, जनता को विश्वास दिलाया कि सरकार बनने पर विकास कराऊंगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. डेढ़ साल सरकार में रहने के बाद भी कोई विकास कार्य नहीं हुआ. डबरा विधानसभा क्षेत्र के लिए तो 5 लाख रुपए का भी काम नहीं हुआ. कैबिनेट की बैठक में सारी फाइलें छिंदवाड़ा की होती थी. कमलनाथ मध्यप्रदेश के नहीं बल्कि छिंदवाड़ा के सीएम थे.

सवाल- डबरा विधानसभा क्षेत्र के लिए तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने कोई सहायता राशि नहीं दी.

जवाब- कमलनाथ ने कोई पैसे नहीं दिए थे, यहां तक कि कई विधानसभा क्षेत्रों के लिए कमलनाथ ने पैस नहीं दिए, बल्कि वो सारे पैसे छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में ले गए.

सवाल- उपचुनाव में कैसे प्रचार करेंगी.

जवाब- जिस तरह पहले प्रचार करती थी, वही अब भी करूंगी. कमलनाथ ने वो जिम्मेदारी नहीं दिखाई, जिसके चलते मुझे पार्टी छोड़नी पड़ी.

सवाल- मंत्री बनने पर क्या आप महिला विकास मंत्रालय संभालना चाहेंगी.

जवाब- मैंने सोच लिया था जिस दिन इस्तीफा दूंगी, उसी दिन तक मैंने सोचा था कि मैं मंत्री और विधायक हूं. मुझे मंत्री और विधायक पद की लालसा नहीं है. अगर मंत्री नहीं बनाएंगे तो भी काम करती रहूंगी.

Last Updated : May 26, 2020, 7:27 PM IST
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