भोपाल। अपनी ही सरकार को आईना दिखाते रहे बीजेपी के पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कहा है कि सबको अपनी बात कहने का अधिकार है. फिर मैं तो जनता के हक की आवाज उठा रहा हूं जो मेरा दायित्व है. मैं तो पीएम मोदी और सीएम शिवराज की परिपाटी पर ही चल रहा हूं. जोशी ने बीजेपी में आए बदलाव पर बेबाकी से कहा कि मध्यप्रदेश में संगठन में तय किए गए उम्र के क्राइटेरिया की वजह से अब दायित्ववान कार्यकर्ता अनुभव के साथ नहीं होता. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं में नए और पुराने कार्यकर्ताओं के बीच अनुभवहीनता का गैप आया है. पार्टी में नए और पुराने कार्यकर्ताओं के बीच की खाई भी बढ़ी है. (Gap between new and old workers in bjp increased)
लोकतंत्र में सबको बोलने का हकः बागली विधानसभा में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने के मामले में दीपक जोशी ने कहा कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का अधिकार हैं. वे बोले मैं जनता नहीं हूं. बेशक पार्टी का कार्यकर्ता भी हूं पार्टी की सीमाओं से भी बंधा हुआ हूं. ये भी सच है कि मैं बीजेपी के किसी दायित्व में नहीं हूं. जो भी हूं बीजेपी की वजह से हूं. जनता की आवाज बनना भी मेरा दायित्व है. उन्होंने कहा कि जिस कारण से ये कहा जा रहा है कि मैं मुखर हुआ. पार्टी के विरोध में बोला, तो हमारी पार्टी में हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं ना खाऊंगा ना खाने दूंगा. हमारे सीएम साहब भ्रष्टाचार के मामले में मंच से लोगों को सस्पेंड कर रहे हैं. बीजेपी हमेशा से पारदर्शी सरकार देने के लिए कटिबद्ध है. बीजेपी ने ऐसा काम किया कि गुजरात में 27 साल बाद बीजेपी सरकार बन गई. मध्यप्रेदश में हम अठारह साल से लगातार सत्ता में है. बीजेपी सरकार पारदर्शी सरकार है. (Everyone has right to speak in a democracy)
पदों के लिए उम्र सीमा तय की गई हैः दीपक जोशी से सवाल था क्या दो-तीन सालों में मध्यप्रदेश बीजेपी में बदलाव आया है. इस सवाल का जवाब भी उन्होंने उसी बेबाकी से दिया. कहा कि पार्टी में आयु सीमा तय कर दी. विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का इसके पीछे कोई मंतव्य निश्चित रुप से होगा. लेकिन निजी तौर पर मैं ये मानता हूं कि अध्यक्ष से लेकर जिला अध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष तक का एज क्राइटेरिया तय किया गया है. उसके बाद पार्टी में ये होता है कि अब पार्टी में दायित्ववान कार्यकर्ता अनुभव के साथ नहीं होता. अनुभवहीनता एक बड़ा कारण है. पुराने और नए कार्यकर्ताओं के बीच गैप बढ़ गया है. उन्होंने कहा हालांकि सामंजस्य बनाने का प्रयास होता है, कोशिश हो रही है और निश्चित है कि हम 2023 और 2024 का मिशन पूरा करेंगे. (The age limit has been fixed for the posts)
बागली मेरा परिवार है, उसके हक की आवाज बना रहूंगाः दीपक जोशी ने कहा है कि बागली विधानसभा क्षेत्र मेरे लिए कोई चुनावी सीट नही हैं. ये इलाका परिवार है मेरा. मेरे पिता कैलाश जोशी की कर्मभूमि है. बागली से विपक्ष में रहते हुए उन्होंने आठ बार चुनाव जीता हैं. यहां हर परिवार से हमारा रिश्ता है. वो हमें परिवार का सदस्य मानते आए हैं. बागली ने हमेंशा सच्चाई और ईमानदारी को चुना है. कई कांग्रेसी परिवार भी है उनके यहां भी हमारा उठना-बैठना है. मैं क्षेत्र के पारिवारिक कार्यक्रमों में ही जाता हूं केवल. वहां लोगों ने कहा मुझे कि आप अपने क्षेत्र की जनता के बीच आते हो लेकिन जनता की आवाज क्यों नहीं उठाते. उसके बाद ही मैने बागली के भ्रष्टाचार को लेकर कहा कि मैं बागली की जनता के हक में सड़क पर आऊंगा मैं पार्टी के खिलाफ सड़क पर आऊंगा ऐसा तो नहीं कहा. (Bagli is my family will continue to be her voice)
हताश होकर लिखी पीएम को चिट्ठीः दीपक जोशी ने प्रधानमंत्री आवास योजना में बागली में हुई गड़बड़ी को लेकर भी खुलकर बोला. उन्होंने कहा कि पीएम आवास योजना प्रधानमंत्री जी की अभिनव योजना है. इस योजना में बागली विधानसभा के तीन नगर पाला सतवास काठागोड़ और वारदा में जो पैसा आया वो हितग्राहियों को न मिलकर नगर पालिका ने इसे डायवर्ट कर लिया और साढे 17 करोड़ की खरीददारी की. तीन साल से हितग्राहियों के मकान खुले पड़े हुए हैं. इसलिए मैंने जनता की आवाज उठाई. जोशी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ये पार्टी के खिलाफ आवाज थी. पार्टी के खिलाफ होता तो किसी नेता के खिलाफ बोलता. (Desperately wrote a letter to the pm modi)
शासन को चेताना हमारी जिम्मेदारीः अधिकारी कर्मचारी तो हमारे शासन के आधीन आते हैं. शासन को आगाह करना हमारी जवाबदारी है. पार्टी तो खुद ऐसा पारदर्शी शासन देना चाहती है, इसीलिए आवाज उठाई. जोशी ने स्पष्ट किया कि इस मामले में भी उन्होंने यही कोशिश की. कलेक्टर देवास को बोला कि ग़ड़बड़ी हुई है जांच की जाए, दोषियों पर कार्रवाई हो. लेकिन जिन लोगों के खिलाफ जांच के लिए लिखा उन्हें ही प्रभारी बनाकर भेज दिया गया. मैंने कहा कलेक्टर से कि ये ठीक नहीं है. जोशी ने कहा कि मुझे लगता है कि प्रारंभिक रूप से कलेक्टर का नजरिया भी साफ नहीं था. कलेक्टर के बाद भी प्रदेश में जहां तक आवाज पहुंचा सकता था पहुंचा दिया. फिर लगा कि पीएम तक बात पहुंचनी चाहिए, तो लेटर लिख दिया और तुरंत 37 लोगों के खिलाफ FIR भी हुई. (It is our responsibility to warn government)
अटल जी ने कहा था बेबाकी से अपनी बात रखोः दीपक जोशी ने कहा कि वे अटल जी को राजनीति का भगवान मानते हैं. अटल जी ने कहा था कि अपनी बात रखने के लिए व्यक्ति को हमेशा तैयार रहना चाहिए. मैंने जो मुद्दे उठाए वो आम जनता से जुड़े हुए हैं. मैने खेल भावना से ही राजनीति की है हमेशा. पेशे के रूप में नहीं लिया राजनीति को. छात्र राजनीति में था तो दोस्तों की दम पर छात्र राजनीति की. फिर छोटा सा कारोबार शुरु किया पर राजनीति को पदों से नहीं जोड़ा. दीनदयाल जी जो हमारी पार्टी के संस्थापक हैं वो कभी किसी पद पर नहीं है. राजनीति में जरूरी नहीं है कि पद लेकर ही काम करें. पार्टी के अलावा जनता के लिए दायित्व मिलता है तो उसकी पूर्ति करनी चाहिए. (Atal ji said keep your words without hesitation)