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RSS एक गिरोह है, खास वर्ग से संबंधित शख्स ही बनता है सरसंघ चालक:दिग्विजय सिंह

भोपाल में आरएसएस पर लिखी किताब के विमोचन में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर जमकर निशाना साधा और इस संगठन को एक गिरोह बताया.

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पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह
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Published : Jan 28, 2020, 10:58 PM IST

भोपाल। राजधानी में आरएसएस की विचारधारा पर लिखी गई एक किताब के विमोचन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर जमकर हमला बोला है.उन्होंने आरएसएस को एक गिरोह बताया है और कहा है कि नागपुर के डेढ़ सौ परिवारों का इस पर कब्जा है. उन्हीं में से सर संचालक बनता है.


पूर्व सीएम ने कहा कि इसमें एक तंत्र व्यवस्था संचालित होती है, लिहाजा इनका प्रजातंत्र पर कभी विश्वास नहीं हो सकता है. आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग नफरत की राजनीति करते हैं. इन लोगों ने पूरे देश में नफरत का माहौल खड़ा किया है. इनसे खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगी.

RSS पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने साधा निशाना


दिग्विजय सिंह भोपाल में वरिष्ठ पत्रकार लज्जा शंकर हरदेनिया की किताब 'आरएसएस की कहानी उसी की जुबानी' के उर्दू संस्करण के विमोचन पर संबोधित कर रहे थे. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि एक तरफ महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है. उसी समय ये सब किया जा रहा है, जिसका विरोध महात्मा गांधी जीवन भर करते रहे. दुख इस बात का होता है कि उसके अल्फाजों को तोड़ मरोड़ कर बताया जा रहा है कि जो सीएए लाया गया है, वो उन्हीं की भावना के अनुरूप लाया गया है. शारीरिक हत्या तो महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को हो गई थी. लेकिन अब उनकी आत्मा और विचारों की हत्या हो रही है.


सीएए पर उन्होंने कहा कि जिस कानून का हमने लोकसभा और राज्यसभा में विरोध किया, तो उसका विरोध करने में क्या दिक्कत है. मुझे इस बात की खुशी है कि हमारी लीडर सोनिया गांधी ने सभी मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी को कहा है कि खुलकर सामने आना चाहिए. उसके बाद भी कांग्रेस के लोग परहेज करते हैं तो भाई कैसे कांग्रेसी हो.


उन्होंने आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि आरएसएस को समझने की जरुरत है. ये एक कुनबा,एक गिरोह है. केवल कुछ परिवार जो नागपुर में है,वह इस पर काबिज हैं.उन्हीं में से सर संचालक बनता है. बाकी आरएसएस से जुड़े हिंदू लोगों को भी समझना चाहिए कि यहां उसी की चलेगी,जो उस कुनबे और गिरोह से आता है, क्योंकि वही सर संघचालक बन सकता है. वह भी ब्राह्मणों का एक विशेष वर्ग, जिसके नागपुर में केवल डेढ़ सौ परिवार हैं.1925 से लेकर आज तक उसी वर्ग का सर संचालक बनता आया है. महज दो ही उदाहरण ऐसे हैं,जो इस परिवार से बाहर के हैं.

भोपाल। राजधानी में आरएसएस की विचारधारा पर लिखी गई एक किताब के विमोचन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर जमकर हमला बोला है.उन्होंने आरएसएस को एक गिरोह बताया है और कहा है कि नागपुर के डेढ़ सौ परिवारों का इस पर कब्जा है. उन्हीं में से सर संचालक बनता है.


पूर्व सीएम ने कहा कि इसमें एक तंत्र व्यवस्था संचालित होती है, लिहाजा इनका प्रजातंत्र पर कभी विश्वास नहीं हो सकता है. आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग नफरत की राजनीति करते हैं. इन लोगों ने पूरे देश में नफरत का माहौल खड़ा किया है. इनसे खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगी.

RSS पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने साधा निशाना


दिग्विजय सिंह भोपाल में वरिष्ठ पत्रकार लज्जा शंकर हरदेनिया की किताब 'आरएसएस की कहानी उसी की जुबानी' के उर्दू संस्करण के विमोचन पर संबोधित कर रहे थे. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि एक तरफ महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है. उसी समय ये सब किया जा रहा है, जिसका विरोध महात्मा गांधी जीवन भर करते रहे. दुख इस बात का होता है कि उसके अल्फाजों को तोड़ मरोड़ कर बताया जा रहा है कि जो सीएए लाया गया है, वो उन्हीं की भावना के अनुरूप लाया गया है. शारीरिक हत्या तो महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को हो गई थी. लेकिन अब उनकी आत्मा और विचारों की हत्या हो रही है.


सीएए पर उन्होंने कहा कि जिस कानून का हमने लोकसभा और राज्यसभा में विरोध किया, तो उसका विरोध करने में क्या दिक्कत है. मुझे इस बात की खुशी है कि हमारी लीडर सोनिया गांधी ने सभी मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी को कहा है कि खुलकर सामने आना चाहिए. उसके बाद भी कांग्रेस के लोग परहेज करते हैं तो भाई कैसे कांग्रेसी हो.


उन्होंने आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि आरएसएस को समझने की जरुरत है. ये एक कुनबा,एक गिरोह है. केवल कुछ परिवार जो नागपुर में है,वह इस पर काबिज हैं.उन्हीं में से सर संचालक बनता है. बाकी आरएसएस से जुड़े हिंदू लोगों को भी समझना चाहिए कि यहां उसी की चलेगी,जो उस कुनबे और गिरोह से आता है, क्योंकि वही सर संघचालक बन सकता है. वह भी ब्राह्मणों का एक विशेष वर्ग, जिसके नागपुर में केवल डेढ़ सौ परिवार हैं.1925 से लेकर आज तक उसी वर्ग का सर संचालक बनता आया है. महज दो ही उदाहरण ऐसे हैं,जो इस परिवार से बाहर के हैं.

Intro:भोपाल। राजधानी भोपाल में आरएसएस की विचारधारा पर लिखी गई एक किताब के विमोचन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर जमकर हमला बोला है।उन्होंने आरएसएस को एक गिरोह बताया है और कहा है कि नागपुर के डेढ़ सौ परिवारों का इस पर कब्जा है। उन्हीं में से सर संचालक बनता है। इसमें एक तंत्र व्यवस्था संचालित होती है, इसलिए इनका प्रजातंत्र पर कभी विश्वास नहीं हो सकता है। उन्होंने आर एस एस पर हमला बोलते हुए कहा कि यह लोग नफरत की राजनीति करते हैं। उन्होंने पूरे देश में नफरत का माहौल खड़ा किया है और हम इकट्ठे होकर इनके खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे। दिग्विजय सिंह भोपाल में वरिष्ठ पत्रकार लज्जा शंकर हरदेनिया की किताब आर एस एस की कहानी उसी की जुबानी के उर्दू संस्करण के विमोचन पर संबोधित कर रहे थे।


Body:पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि एक तरफ महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है।उसी समय वह सब किया जा रहा है,जिस की मुखालफत महात्मा गांधी जीवन भर करते रहे। दुख इस बात का होता है कि उसके अल्फाजों को तोड़ मरोड़ कर बताया जा रहा है कि जो सीएए लाया गया है, वो उन्हीं की भावना के अनुरूप लाया गया है। शारीरिक हत्या तो महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को हो गई थी। लेकिन अब उनकी आत्मा और विचारों की हत्या हो रही है। वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने इंसानियत की लड़ाई हमेशा लड़ी। उन्होंने कभी धार्मिक भावनाओं को नहीं उभारा।

दिग्विजय सिंह ने आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा कि आरएसएस आज भी कोई रजिस्टर्ड संस्था नहीं है। ना ही इनका कोई खाता है,लेकिन उनका संगठन है। ऐसा कोई संगठन जिसकी सदस्यता नहीं है और कोई आतंकी या हिंसक गतिविधि में पकड़ा जाता है। तो कहते हैं कि हमारा सदस्य ही नहीं हैं। जब सदस्यता ही नहीं हैं,तो सदस्य कहां से होगा। इन लोगों ने जिस तरह से नफरत की राजनीतिक का माहौल पूरे देश में खड़ा किया है। हम उसके खिलाफ इकट्ठे होकर लड़ाई लड़ेंगे। हम लोग इसमें कोई समझौता करने तैयार नहीं है ।

उन्होंने कहा कि गांधी की 150 वीं जयंती पर गांधी और बाबा साहेब अंबेडकर को हम नहीं भूले। वह देश जहां प्रजातंत्र हमसे पहले आया,वहां महिलाओं को मतदान का अधिकार नहीं मिला। अमेरिका में 1920 में महिलाओं को अधिकार मिला। ब्रिटिश हुकूमत में जब 1937 में चुनाव हुए तो महिला और मजदूरों को वोट डालने का अधिकार नहीं था। भारतीय संविधान हमारा ऐसा दस्तावेज है। जिसमें सबको समान अधिकार मिला है। महिलाओं पुरुषों और उन वर्गों को मिला है। जिनके पास कोई संपत्ति नहीं थी, जिन पर हजारों सालों से अन्याय होते आए, उनको भी मिला। उस मूल भावना का विरोध किस विचारधारा ने किया,जिसने हिंदू कोड बिल में महिलाओं को अधिकार मिलने का विरोध किया। अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को अधिकार मिलने का विरोध किया। ये वही विचारधारा थी,जिसने महात्मा गांधी की हत्या की और हमें इस बात का दुख है कि वही विचारधारा उनकी शारीरिक हत्या के बाद उनकी आत्मा का भी हत्या कर रही है।


Conclusion:दिग्विजय सिंह ने इस बात पर भी दुख जताया कि कल वह आष्टा और धार के दौरे पर थे। जहां कुछ लोगों ने उनसे शिकायत की कि हम लोग आंदोलन कर रहे हैं,तो कांग्रेस के लोग हमारा साथ नहीं दे रहे हैं। मुझे इस बात का दुख हुआ कि अगर कांग्रेस पार्टी इस आंदोलन में उन लोगों का साथ नहीं देगी, जिनके साथ अन्याय हुआ है। तो क्या सिर्फ हम लोग वोट लेने के लिए कांग्रेस में है। हमारी लड़ाई बुनियादी है और इस बात की है कि बिना भेदभाव के सबको अधिकार मिले। जहां संविधान की मौलिक बातों पर आक्षेप लगाया जा रहा है,उसमें हिंदू मुस्लिम सब है। जब एनपीआर बनेगा, तो सब से प्रमाण मांगा जाएगा। केवल मुसलमानों से नहीं।

उन्होंने कहा कि जिस कानून का हमने लोकसभा और राज्यसभा में विरोध किया, तो उसका विरोध करने में क्या दिक्कत है। मुझे इस बात की खुशी है कि हमारी लीडर सोनिया गांधी ने सभी मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी को कहा है कि खुलकर सामने आना चाहिए। उसके बाद भी कांग्रेस के लोग परहेज करते हैं तो भाई कैसे कांग्रेसी हो।

उन्होंने आर एस एस पर हमला हुए कहा कि आर एस एस को समझने की आवश्यकता है। यह एक कुनबा,एक गिरोह है। केवल कुछ परिवार जो नागपुर में है,वह इस पर काबिज है।उन्हीं में से सर संचालक बनता है। बाकी आरएसएस से जुड़े हिंदू लोगों को भी समझना चाहिए कि यहां उसी की चलेगी,जो उस कुनबे और गिरोह से आता है, क्योंकि वही सरसंघचालक बन सकता है। वह भी ब्राह्मणों का एक विशेष वर्ग, जिसके नागपुर में केवल डेढ़ सौ परिवार है। 1925 से लेकर आज तक उसी वर्ग का सर संचालक बनता है। दो ही उदाहरण ऐसे हैं,जो इस परिवार से बाहर के हैं। एक रज्जू भैया और दूसरे के सी सुदर्शन। सुदर्शन जहां कन्नड़ ब्राह्मण थे,तो रज्जू भैया यूपी के राजपूत थे। आरएसएस ऐसा गिरोह, जिसमें दूसरा इसमें कोई नहीं हो सकता है।

इन परिस्थितियों में हमारे देश के मुस्लिम भाइयों में देश के प्रति, व्यवस्था,मीडिया,राजनेता और राजनीतिक दलों के प्रति अविश्वास की भावना पैदा हो रही है। यह खतरे की घंटी है,यह ख़तरे की घंटी सिर्फ मुसलमानों के लिए नहीं बल्कि और भारत के लिए है। एक वर्ग आज हिंदुओं को भड़का रहा है, तो उसी तरह मुसलमानों का वर्ग भी तैयार हो रहा है, जो मुसलमानों को भड़का रहा है। जब दोनों वर्गों की नफरत सामने आ जाएगी, तो हिंसा पैदा होगी और हिंसा से आतंकी पैदा होंगे।
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