भोपाल। राजधानी में आरएसएस की विचारधारा पर लिखी गई एक किताब के विमोचन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर जमकर हमला बोला है.उन्होंने आरएसएस को एक गिरोह बताया है और कहा है कि नागपुर के डेढ़ सौ परिवारों का इस पर कब्जा है. उन्हीं में से सर संचालक बनता है.
पूर्व सीएम ने कहा कि इसमें एक तंत्र व्यवस्था संचालित होती है, लिहाजा इनका प्रजातंत्र पर कभी विश्वास नहीं हो सकता है. आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग नफरत की राजनीति करते हैं. इन लोगों ने पूरे देश में नफरत का माहौल खड़ा किया है. इनसे खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगी.
दिग्विजय सिंह भोपाल में वरिष्ठ पत्रकार लज्जा शंकर हरदेनिया की किताब 'आरएसएस की कहानी उसी की जुबानी' के उर्दू संस्करण के विमोचन पर संबोधित कर रहे थे. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि एक तरफ महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है. उसी समय ये सब किया जा रहा है, जिसका विरोध महात्मा गांधी जीवन भर करते रहे. दुख इस बात का होता है कि उसके अल्फाजों को तोड़ मरोड़ कर बताया जा रहा है कि जो सीएए लाया गया है, वो उन्हीं की भावना के अनुरूप लाया गया है. शारीरिक हत्या तो महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को हो गई थी. लेकिन अब उनकी आत्मा और विचारों की हत्या हो रही है.
सीएए पर उन्होंने कहा कि जिस कानून का हमने लोकसभा और राज्यसभा में विरोध किया, तो उसका विरोध करने में क्या दिक्कत है. मुझे इस बात की खुशी है कि हमारी लीडर सोनिया गांधी ने सभी मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी को कहा है कि खुलकर सामने आना चाहिए. उसके बाद भी कांग्रेस के लोग परहेज करते हैं तो भाई कैसे कांग्रेसी हो.
उन्होंने आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि आरएसएस को समझने की जरुरत है. ये एक कुनबा,एक गिरोह है. केवल कुछ परिवार जो नागपुर में है,वह इस पर काबिज हैं.उन्हीं में से सर संचालक बनता है. बाकी आरएसएस से जुड़े हिंदू लोगों को भी समझना चाहिए कि यहां उसी की चलेगी,जो उस कुनबे और गिरोह से आता है, क्योंकि वही सर संघचालक बन सकता है. वह भी ब्राह्मणों का एक विशेष वर्ग, जिसके नागपुर में केवल डेढ़ सौ परिवार हैं.1925 से लेकर आज तक उसी वर्ग का सर संचालक बनता आया है. महज दो ही उदाहरण ऐसे हैं,जो इस परिवार से बाहर के हैं.