भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बार फिर सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाने की मांग की है. इससे पहले भी कमलनाथ मजदूरों को लेकर सीएम को पत्र लिख चुके हैं. यह दूसरी बार है, जब उन्होंने अन्य राज्यों में फंसे हुए मजदूरों को वापस प्रदेश लाने के लिए पत्र लिखा है. कमलनाथ ने लिखा है कि, "मैंने सरकार से पहले मांग की थी कि, हमारे प्रदेश के हजारों मजदूर भाई जो अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं, उन्हें दूसरे राज्यों की तरह मध्य प्रदेश सरकार भी घर वापस लाने के गंभीर प्रयास करें".
उन्होंने लिखा कि, सरकार ने इस मांग पर निर्णय लिया और घोषणा भी की थी कि, हम प्रदेश के मजदूरों को बाहरी राज्यों से वापस प्रदेश में लाएंगे, लेकिन अब इस ओर कोई ठोस योजना बनाकर कार्य नहीं हो रहा है. यह निर्णय सिर्फ एक घोषणा बनकर रह गया है. अभी भी प्रदेश के हजारों मजदूर महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली जैसे कई राज्यों में फंसे हुए हैं. इन मजदूरों के पास लॉकडाउन के चलते ना तो रोजगार की व्यवस्था है और ना ही खाने-पीने की व्यवस्था है. यह वापस अपने घर को लौटना चाहते हैं.
झाबुआ अंचल, बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के हजारों मजदूर सहित आदिवासी लोग शामिल हैं. आज भी अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में फंसे हुए हैं. सरकार की घोषणा के बाद से प्रदेश वापस आने की आस में हजारों मजदूर साधन और व्यवस्था के अभाव में पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर भूखे-प्यासे निकल पड़े हैं. कुछ ने तो भूख-प्यास से दम तोड़ दिया.
प्रदेश की सीमाओं पर भी बड़ी संख्या में मजदूर प्रवेश के लिए एकत्र हो रहे हैं. व्यवस्था के अभाव में यह दोहरी परेशानी झेल रहे हैं. पैदल समूह बनाकर चल रहे इन मजदूरों में कहीं ना कहीं कोरोना संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है.
कमलनाथ ने पत्र के माध्यम से आग्रह किया है कि, राज्य सरकार सबसे पहले सीमा पर एकत्रित इन मजदूरों के खाने-पीने की व्यवस्था करें. इनका स्वास्थ्य परीक्षण करवाएं. साथ ही मजदूरों को वापस लाने के पुख्ता साधन व सुरक्षित इंतजाम किए जाएं, ताकि अन्य राज्यों में फंसे व भुखमरी की कगार पर खड़े इन मजदूरों की घर वापसी की राह सुनिश्चित हो सकें.